Thursday, July 28, 2016

उत्तर प्रदेश में अवैध बालू खनन की सीबीआई जाँच के आदेश

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‪#‎Droughtbundelkhand‬ ‪#‎SaveRiverUP‬
तस्वीर - केन नदी बाँदा स्वयं की ! 
29 जुलाई / 

' उत्तर प्रदेश में अवैध बालू खनन पर सीबीआई जाँच ' !

रवन्ना चोरी करके राजस्व को चपत लगाने वाले कोर्ट में सफ़ेद झूठ बोलते है !

उच्च न्यायलय इलाहाबाद ने कड़ी कार्यवाही करते हुए उत्तर प्रदेश में हो रहे अवैध बालू खनन पर सीबीआई जाँच के आदेश दिए है ! हाई कोर्ट ने कहा कि अफसर सब कुछ जानते है बावजूद इसके झूठे हलफनामे देकर पल्ला झाड़ने का काम किया जा रहा है ! बुंदेलखंड समेत फतेहपुर के हिस्से में रात - दिन ओवर लोड ट्रकों से नेशनल / राज्य हाइवे की सड़के बेदम है ! गौरतलब है साढ़े सोलह टन बालू एक ट्रक के मानक पर सत्तर टन बालू लोड होती है ! बाँदा से कानपुर हाइवे पर चिल्ला से बिन्दकी- ललौली के बीच प्रदेश के खनिज मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति का जलजला इस बारिश में भी आप देख सकते है ! पर्यावरण को घुटनों में दबाये ये मंत्री जी पूर्व बसपा सरकार की तर्ज पे पहले आओ - पहले पाओ जैसा खनन करवाए जा रहे है !
सपा के स्थानीय नेता बच्चन सिंह को बाँदा का सिंडिकेट मिला है तो हमीरपुर में सपा एमएलसी राकेश मिश्र इसकी कमान थामे है ! हाई कोर्ट में एक दर्जन से अधिक लंबित याचिका का निस्तारण करते हुए माननीय न्यायलय ने कहा की ' क्यों न अवैध बालू खनन की सीबीआई जाँच करवा ली जाये ' ?
बुंदेलखंड में खनिज अधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक लाल सोने का कमीशन / गुंडा टैक्स एकत्र करके प्रदेश सरकार तक पहुंचा रहे है ! नदियों को यूपी में हर सरकार ने लूटा है ! जिसका अवसर आया वो दीमक बनकर किसानों की खेती चौपट करके उनकी फसलों को रौंदते हुए ओवर लोड ट्रकों से सड़के छलनी करता है ! 

                                                  


नदी की बीच धारा में भारी मशीन उतार कर जलधारा के मध्य से पोकलैंड और लिफ्टर बालू निकालते है ! नियमानुसार नदी से 25 मीटर दूर और तीन मीटर गहराई तक  मानव श्रम से ही खनन किया जा सकता है ! मशीनों का प्रयोग प्रतिबंधित है ! बीते साल उत्तर प्रदेश लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने भी गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ हुई शिकायत पर बाँदा जिलाधिकारी शीतल वर्मा के उस पत्र पर सिंडिकेट की क़ानूनी परिभासा पूछी थी जिसमें उन्होंने अवैध खनन से बाँदा शहर के ढह जाने की आशंका व्यक्त की थी ! हाल ही में गुलाबी गैंग ( पुराना संघठन संपत पाल) ने बाँदा के अतर्रा - बदौसा मार्ग में नेशनल हाइवे के गड्ढो में धान की रुपाई करके विरोध प्रदर्शन किया था ! लेकिन बतलाते चले संघठन ने कभी नेशनल हाइवे / राज्य हाइवे के गड्ढो की मूल वजह समझने का जतन नही किया ! तस्वीर खीचीं खबर बनी और सब चलते हुए ! बतलाते चले कि 100 करोड़ रुपया प्रदेश सरकार को केंद्र ने बाँदा - चित्रकूट की सड़क के लिए दिया था बीते सत्र में चित्रकूट के पर्यटन को देखते हुए ! जिस पर17 सितम्बर को काम बंद हुआ ! सड़क दस मीटर चौड़ी हुई जो पहले सात थी ! आज से चार वर्ष पहले बाँदा - चित्रकूट की सड़के और कानपुर की सड़के उतनी ख़राब नही थी खनन तब भी होता था ! मगर इस यूपी सरकार ने बालू खनन को अपना मुख्य पेशा मानकर बुंदेलखंड को खोकला करने का काम किया ! कोर्ट ने इन्ही सब तथ्यों को संज्ञान लेकर यूपी सरकार को बालू खनन पर सीबीआई जाँच करवाने के आदेश दिए है !!
                                                         

आपको जानकर हैरानी होगी कि लखनऊ के हजरत गंज से इस खेल की मंडी बुंदेलखंड में चलती है ! ऐसे पेशेवर बालू माफिया सभी राजनीतिक दल से मधुर सम्बन्ध रखते है ! बाँदा में ही अधिकतर बालू कारोबारी सपा और भाजपा के खेमे में विधानसभा टिकट की दावेदारी कर रहे है !
जरा सोचिये की अगर ये लोकसेवक बने तब इन नदियों का क्या हाल होगा ? इन्हे ये भी शर्म नही की हमारे कृत्य लाखों की नीरीह जनता को गड्ढा खोद सड़के दिए जा रही है ! - आशीष सागर@ प्रवासनामा / किसान सामाजिक कार्यकर्ता

Tuesday, July 26, 2016

लक्ष्मीपति मायावती दलित कैसे और नसीमुद्दीन सिद्दकी अन्ना क्यों है ?

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प्रवासनामा डेस्क -
पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह / बेटी के मोर्चा खोलने के बाद जहाँ नसीमुद्दीन सिद्दकी कोमा में है वही बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि ' यदि सीएम अखिलेश यादव मुझे अपनी बुआ मानते है जैसा वे सार्वजनिक मीडिया वार्ता में गाहे - बगाहे कहते है, वें अपनी बुआ के सम्मान में दयाशंकर सिंह को गिरफ्तार करे ! ' गौरतलब है कि मायावती जी के साथ हुआ गेस्ट हाउस काण्ड अगर मै भूला नही तो मुलायम सिंह / सपा ब्रिगेड की ही देन रहा है अब अगर आरोपी और पीडिता दोनों सियासी भाई - बहन बन चुके है तो इस रक्षाबंधन का इससे बेहतर उपहार क्या होगा वोटर के लिए !
वैसे भी सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पिछले साढ़े चार साल में नसीमुद्दीन सिद्दकी सहित अन्य दस भ्रष्ट बसपा मंत्री को लोकायुक्त की जाँच के बाद बचाकर अपने भतीजे होने का पुख्ता प्रमाण ही दिया है ! लेकिन भाजपा ने भी कभी नसीमुद्दीन सिद्दकी पर अपने केंद्र सरकार की तोता जाँच एजेंसियों के जरिये ईडी / सीबीआई से सिकंजा कसने की कवायद नही की है ! तब जब इनके माध्यम से खुद को माँ गंगा सरीखा पवित्र बतलाया जाता हो ! माँ गंगा काशी से लेकर हरकीपौड़ी तक पतिथ है ये अलग बात है !
कहते है नेता नाम की वेश्या से सियासी आखाड़े में यह दंगल चुनाव होने तक ही उम्मीद रखी जाये वो ही उचित ! ..कहे से लंगोट में सबके बराबर बड़ा छेद है ! राजनीतिक दल आज तक दलित की व्याख्या न कर पाए जाति के आलावा और समाज ने दलित को उसकी जातीय मोहर का प्रतीक ही माना है !

                                                     

यह भी याद रखने काबिल बात है कि जिस दलित मसीहा / जिंदा देवी मायावती और उसके गुर्गो ने जो बीते दिवस लखनऊ के हजरत गंज में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर की मूर्ति के सामने अपने ' माया अपमान ' का बदला दयाशंकर की बहु- बेटी / समग्र स्त्री जाति को गरिया कर लिया है !  इन्होने पिछले साढ़े चार साल एक बार भी समाजवादी सरकार के गुंडाराज / परिवारवाद और अपने ग्यारह भ्रष्ट मंत्री जो लोकायुक्त के जाँच में दोषी है, जिन पर मुक़दमे है भ्रष्ट कारनामों में बसपाई कभी एक मर्तबा भी ऐसे सामूहिक प्रदर्शन नही किये और न करेंगे ! पूछो समाजवादी मुख्यमंत्री से दबंग बसपा के दौलत वाले दलित नेता जेल में क्यों नही गए ? उत्तर प्रदेशमें पिछली सरकार में दलितों / किसानों के धन और कृषि जमीनों की सार्वजनिक लूट के बाद आप इन्हे दलित पैगम्बर मान सकते है प्रवासनामा नहीं !! 
अगर मायावती के चरित्र पर दयाशंकर सिंह ने ऊँगली उठाकर अपराध किया है तो मायावती के बहुजनवाद ने लखनऊ में स्त्री जाति को गाली देकर क्या किया है ? पाठकों और दलित चिन्तक अवश्य मुंह खोलना चाहिए !  अगर धर्म के प्रहरी हो बाकि सियासत में नेता एक पेशेवर वेश्या से बहुत आगे है क्योकि वो समाज बनाता है और ये खुद अपना चरित्र गिरा कर बनते है....गौरतलब है कि दयाशंकर सिंह की पत्नी ने अपनी बेटी और खुद को गाली / सार्वजानिक स्त्री अपमान के लिए मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर केस दर्ज करवाने की बात कही है.‪#‎बेपर्दादलितवाद‬ ‪#‎ओछीराजनीती‬ 
‪#‎तूचोरमैसिपाही‬ - आशीष सागर

Sandhya Dwivedi जी की फेसबुक वाल से साभार - 


              बहन मायावती !!!
                           


मायावती क्या आपके नाम के आगे बहन लिखना ठीक होगा? क्या आप वाकई औरत हैं? नहीं नहीं आप आम औरत नहीं ! आपकी हिफाजत के लिए गुंडे हैं। ओह माफ कीजिए राजनीतिक गुंडे हैं। अगर आप पर कोई अश्लील टिप्पणी करेगा तो वह उसकी बेटी और पत्नी पर टूट पड़ेंगे। उसकी बहन पर अश्लील टिप्पणियां करेंगे। इसलिए आप हमारी तरह आम औरत नहीं। सशक्त और ताकतवर नेता हैं। मेरे घर का कोई पुरुष आप पर अश्लील टिप्पणी करेगा तो आपके गुंडे मुझ पर करेंगे। बारह साल की बच्ची को भी नहीं बख्सेंगे। आप दलित नेता हैं, किसी भी सवर्ण आम महिला से ज्यादा ताकतवर। आप ने सही कहा कि आपके कार्यकर्ता एहसास करा रहे थे दयाशंकर को कि किसी की बेटी और बहन पर अश्लील टिप्पणी करना कितना गलत है। सही हैं आप, अश्लील टिप्पणी के बदले अश्लील टिप्पणी। तो बलात्कार के बदले बलात्कार! सही न। तो फिर तो उत्तर प्रदेश में आपका राज आया तो किसी औरत पर अगर मर्द हिंसा करेगा तो उस मर्द के घर की औरतों पर हिंसा होगी। बलात्कार के बदले बलात्कार होगा। यानी औरतों पर हिंसा के बदले औरतों पर ही हिंसा होगी। और आप उसे तर्क संगत ठहराएंगी। वाह बहन! आप का जवाब नहीं। मैंने बहुत पहले कहीं पढ़ा था, सत्ता हमेशा भ्रष्ट करती है। सत्ता का स्वाभाव मर्दवादी होता है। बहन मायावती आपकी टिप्पणी से यह बात फिर याद आ गई। मायावती आप क्या वाकई समझती हैं कि आप औरत हैं? आपकी इस टिप्पणी ने आपके औरत होने पर सवाल खडे कर दिए हैं। मुझे लगता ही नहीं यकीन है कि आपने अपने ऊपर हुई टिप्पणी से खुद को अपमानित कम और सियासी मौका मिलने की खुशी में तकदीरवाला ज्यादा समझा होगा। चुनाव के पहले आप पर की गई टिप्पणी आपकी पार्टी के लिए संजीवनी का काम कर सकती है। माफ कीजिए मायावती हम आपको औरत मानने से इनकार करते हैं। और हां यह सारे सेकुलर कहां गए? मायावती पर टिप्पणी होने पर विलाप करने वालों के लिए क्या सवर्ण औरतें, औऱतें नहीं होतीं। महिलावाद की रट लगाए लोगों के लिए अल्पसंख्यक, दलित वर्ग की औरतों के लिए विलाप करने का ही फंड मिलता है क्या? ओह सच है, एजेंडे में सवर्ण औरतें नहीं। भई यह तो स्पांसर्ड महिलावाद है।

विनोद जैन पर क्रमिक अनशन करने वाले औरों पर चुप क्यों है ?

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26 July -
अनशन की आड़ में ये दोहरा किरदार कैसा है ?
पूर्व लुटेरे नगर पालिका अध्यक्षों की गिरफ़्तारी कौन करेगा ?
भ्रष्ट बसपा मंत्री को जेल भिजवाओगे क्या ? 

बाँदा में बीते चार दिन से वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष विनोद जैन के कार्यकाल में हुए अवैधानिक ( भ्रष्ट ) कार्यो के लिए एक बर्ग के माध्यम से क्रमिक अनशन किया जा रहा है ! ये अनशन बाँदा शहर के मुख्य बाजार महेश्वरी देवी मंदिर मार्ग में आयोजित है ! विनोद जैन पर जिन लोगो ने भ्रस्टाचार के आरोप लगाये है और जो क्रमिक अनशन कर रहे है मेरा उनसे यह प्रश्न है कि पिछले नगर पालिका अध्यक्ष रहे कितने अध्यक्षों के लिए आपने ऐसे सार्वजनिक अनशन किये है ? क्या वे सब हरिश्चंद्र की ईमानदार संतान थे ? खाशकर संजय गुप्ता ( जिन्होने अपने कार्यकाल में पीलीकोठी में करोड़ों की दुकान कब्जाने के साथ अवैध सम्पति अर्जित की है ) या फिर राजकुमार ' राज ' का भ्रस्टाचार में आकंठ तक डूबा कार्यकाल यह अलग बात है राजकुमार राज के कार्यकाल में सारे काले कृत्य उनके सगे छोटे भाई पप्पू ने किये थे ! ...एक पिता जिसके तीन बेटे देश की तीन सेना टुकड़ी में अच्छे पद पर है वे कैसे भ्रस्टाचार करते / करवाते रहे ये भी सवाल है ? नगर पालिका में भ्रस्टाचार की नर्सरी सुधा सिंह चौहान के कार्यकाल से शुरू हुई थी जिसको राज जी ने हवसी भ्रस्टाचार में अपने भाई के हाथो करवाया ! ...वही नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले होटल सुधा सौरभ,होटल एसएस एनेक्सी मालिक बीएम गुप्ता,तुलसी स्वरुप कार्पोरेट हब मनोज जैन क्या पाकीजा है ? इनके पास कामर्शियल भवन / होटल में नगर पालिका ,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी नही है बाँदा के अन्य मैरिज हाउस और होटल की तर्ज पर ! क्षेत्रीय निदेशक वीके मिश्रा कहते है बुंदेलखंड में चलने वाले ये होटल,माल और मैरिज हाउस को अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला है ! इसका खुलासा सूचनाधिकार से मिले दस्तावेज करते है ! बेपानी - सूखे बुंदेलखंड में हजारों लीटर भूजल दोहन करके शहर को प्रदूषित करने वाले ये लोग मासिक लाखों कमाकर अदना सा हाउस टैक्स अदा करते है / आय कर चोरी वो ब्याज में ! 
एक अधिवक्ता सैयद मंजर अली जिन्होने मेरे खिलाफ पूर्व बसपा मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दकी के साले मुमताज अली का एक करोड़ रूपये रंगदारी मांगने का मुकदमा लड़ा ! हार गए ये इनका मुक्कदर है ! जो खुद नजूल जमीन पर बिना फ्री होल्ड करवाए निज भवन खड़ा किये है क्या वे नैतिकता से वकालत कर रहे है ? क्या ये ही कसमे अधिवक्ता बनते समय खाई थी की दबंग और भ्रस्टाचार में संलिप्त और मासूम बेटी ( दयाशंकर सिंह की पत्नी / बेटी को बीच चौराहे में लखनऊ में गाली कुशब्द कहने वाले छद्म दलित मसीहा ) नेता का साथ देंगे ? 
                                                      

बाकि जो लोग इस क्रमिक अनशन की अगुआई कर रहे है वे अपना किरदार भी देख लेवे ! क्या इसी बाँदा की जनता के ये अगुआकर उस मुक़दमे में नसीमुद्दीन सिद्दकी की गिरफ़्तारी की मांग किये या करेंगे जो लोकायुक्त की जाँच के बाद विजलेंस / ईडी के निर्देश पर बाँदा कोतवाली और लखनऊ में दर्ज हुए है ? उनकी कापी आवश्यकता पड़े तो प्रवासनामा डेस्क से लेवे ! क्या बीते चार साल में ऐसे दोगले - दबंग नेता के लिए ये लोग बोले है ? सपा के वे नेता जो दिन रात अवैध बालू ढोकर आज रसूखदार बन गए ( जिला अध्यक्ष से लेकर छुट्भईये तक ) इनके लिए अनशन होगा क्या ? वो कांग्रेस जो देश में तमाम तरह के ' जी ' वाले करोड़ों के घोटाले करती रही उनके लिए अनशन करोगे क्या ? 
कहाँ मुर्दा होते है तब सब ऐसे दोहरे किरदार ! ....तमाम विभीषण रूपी भाजपा के नेताओं और अवसर वाले वे नेता जो विधान सभा / नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव लड़ना चाहते है उनके अरमान इस आन्दोलन से सधे है ! कुछ ने बाकायदा अनशन को आर्थिक मदद दी है !
गौरतलब है संवाददाता का विनोद जैन से कोई आंतरिक सम्बन्ध या शिस्टाचार नहीं है, लेकिन जब आप स्त्रीवाद की बात करते है ! भ्रस्टाचार जब आपके अनशन या ऐसे धरने का मुद्दा होता है और उधर अवसर आने पर आप जब बहरूपिये मर्दों और उन महिला नेताओं के समर्थक बनते है जो बिस्तरबंद कारनामों के लिए विख्यात है ! जो भविष्यगामी विधायक बनने के काल्पनिक सपने देख रही है तब उनके साथ आपका ऐसे लामबंद होना मुझे आपकी प्रायोजित देश भक्ति पर शक करने के लिए मजबूर करता है ! साथियों समाज में ऐसा प्रस्तुतिकरण मत कीजिये की ईमानदारी परस्त लोग आपसे पक्षपात करने वाले समुदाय का प्रमाण पत्र लेने लगे !! जेल भेजना है तो उन सबको भेजो जिन्होने बाँदा की नगर पालिका पूर्व में भी बेचीं और जो विधायक,मंत्री बनकर उत्तर प्रदेश को बेचते है ! जो असल में नेता नही लोकतान्त्रिक दलाल है !