Saturday, January 23, 2016

सियासत में राहुल गाँधी की महोबा पदयात्रा !

23 जनवरी- महोबा / बाँदा
http://badalav.com/?p=3005
सियासत की चारागाह में एक के बाद एक सूरमा बुंदेलखंड आ रहे है ! तस्वीर न कल बदली थी न आज ! दो साल नई केंद्र सरकार को हो रहे है,सूखे के 19 वें कालखंड में खड़े बुंदेलखंड को देखने और समझने की ललक इन्ही नेताओं में तब अधिक बढ़ती है जब चुनाव का तवा गर्म होने लगता है ! शायद ये मानके चल रहे है कि एक - दूसरे पर आरोप की ओछी राजनीती करके इनकी सत्ता अमर हो जाएगी ! 
राहुल गाँधी ने महोबा में आठ किलोमीटर की अपनी पदयात्रा में सूखे किसान के बीच चौपाल लगाकर मोदी को कोसा तो समाजवादी मुखिया को सही से मनारेगा योजना लागू करवाने की सलाह दी ! ....बात - बात में वे दलित उत्पीडन में रोहित वेमुला बनाम मोदी के लखनऊ के आंसू का ज़िक्र किये ! मंच पर उनके साथ खड़े पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ( बुन्देली रहवासी झाँसी ) ये राहुल गाँधी को बतलाना भूल गए कि 7266 करोड़ के बुंदेलखंड पैकेज की सीबीआई जाँच बाकी है ! ....मोदी ने सांप सूंघ लिया है उस जाँच में जैसे समाजवादी मुखिया ने मायावती के मंत्री की जाँच में !....कागजी कुंए,डैम,वन विभाग के 200 करोड़ के रुपयों की हरियाली में बह गया बुंदेलखंड पैकेज ! ...7635.80 लाख की रसिन बांध योजना सूखी नहर में तब्दील है ! ....महोबा के तालाब भू- माफिया पाट दिए और वहां पहाड़ो के खनन में कांग्रेस से लेकर हर दल का नेता,पत्रकार शामिल है ! ....महोबा के परती खेत इसके गवाह है !....इसके बावजूद राहुल गाँधी बुंदेलखंड के किसान की खुशहाली की आशा करते है ! .....क्या - क्या गिनाये राहुल भैया हमारा कैंसर इतना बढ़ चुका है कि इसका इलाज अब हथियार और आप सबका सरेआम इन-काउन्टर करना है ! ये किसान आज नही तो कल ऐसा करेगा बर्दास्त तब तक है जब तक गुलामी का खून हमारी नशों में जिंदा है ! .....ये दोयम दर्जे की सियासत करके आप सबने बुंदेलखंड को वोट का बाजार समझ लिया है !...आगे और आएंगे हमें जुमला सुनाते जायेंगे बदलते सपनो का ! ..जर्जर हो चुके है बुन्देली किसान के हौसले और पस्त है उनके अरमान !....ठगों कब तक ठग सकते हो सब !....आत्महत्या कर रहे किसान अपने कफ़न के रुपयों से आपके लिए जयमाला बनायेंगे !
धुआँ यूँ आँख से निकला है कैसे,
ज़हन में क्या कोई बस्ती जली है ?


Thursday, January 21, 2016

असल में मूल दलित कौन है !

दुःख तो इसका है यह राष्ट्र आज तक दलित शब्द को सही से परिभाषित ही न कर सका ! जातिवाद के जहर ने वोटो की खेती इतनी सबल की है कि उसको हर दल और प्रत्येक जातिगत संघठन काटना चाहता है अपनी नजर और अपने हथकंडे से !....गाँधी ने दलित और अछूत शब्द का परेहज करने की हिदायत देते हुए 'हरिजन ' का उद्घोष किया था जिसको कांग्रेस ने कैश किया गाँधीवादी चोचले में !...आज भी कर रही है मगर अन्य आज तक ये निर्णय न कर सके कि वास्तव में दलित कौन है ? वो जो दीनहीन और असहाय है,दरिद्र या वो जो सबल और संसाधन से संपन्न ? ...सामंती सोच सामर्थ्य से आती है यथा इस देश में जैसे अल्पसंख्यक ( सियासत में मात्र जनसंख्या में नही ! ) वोट की खेती है वैसे ही दलित शब्द का प्रवचन !.....दलित की राजनीती करने वाले दौलत की बेटी या अरबपति बन चुके है वही अल्पसंख्यक के नेता बाहुबली - भ्रष्ट नेता !....इन पर कोई प्रखर रणनीति नही उतरती युवा जनज्वार में !.....दलित साहित्यकार सम्मानों तक सिमटे या भाषाई लाल सलाम तक ! सबसे पहले तो यही निर्णय हो कि दलित और सबल कौन है ?
( तस्वीर में बाँदा के नरैनी तहसील के सुलखान पुरवा में अल्पसंख्यक बच्चे अपना भविष्य खेलते हुए ! ) यह असल में वैचारिक दलित परिवार के मासूम ही है जो सरकारी मदद मिल जाने पर आरामतलबी हुए !....बुन्देलखण्ड हो अथवा दूसरी कोई प्रान्त की मिट्टी इस मुल्क को इन्ही दलित और अल्पसंख्यक के अंतरघात से सुरक्षित रखने की दरकार है ताकि किसान का बेटा न तो सामंती बने, न मुफ्तखोर और न दलित !...आजादी के इतने बरस बाद भी दलित दर्शन का आधा-अधूरा,भ्रमित करने वाला दर्शन देश के लाखो युवा को दिशा और दशा बिगाड़ रहा है ! इसको बचाना उतना ही लाजमी है जितना भारत को चिर स्थाई विकास की समग्रता देना !

'' बुंदेलखंड में राहुल गाँधी डमरू बजाने आ रहे '' !

‪#‎RahulgandhicominginbundelkhanddistrictMahobaregion‬
‪#‎Droughtbundelkhandfarmer‬ ‪#‎PMModi‬ ‪#‎UPCM‬ 
21 जनवरी 2015 जारी-
सभी तस्वीरे फाइल फोटो ( क्रमशः - किसान अच्छेलाल रैदास निवासी गाँव पडुई जहाँ राहुल गाँधी गत बार गए थे,विधायक विवेक सिंह के साथ बाँदा रैली में मई 2011 में राहुल गाँधी और बाँदा मंडल आयुक्त एम. वेकटेश्वर लू ) - 

7266 करोड़ के विशेष बुंदेलखंड पैकेज को क्यों डकार गए गाँधी जी ?डेढ़ साल में भाजपा सरकार नही करवा सकी सीबीआई जाँच !सूबे की समाजवादी सरकार और केंद्र सरकार के लिए बुंदेलखंड वोट मंडी !राजनीतिक दल किसान आत्महत्या की सेज में सेंक रहे अपनी संवेदना !

बाँदा / महोबा - कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष / पार्टी के युवा सम्राट राहुल गाँधी एक बार फिर बुंदेलखंड के महोबा आ रहे है ! प्रदेश की कांग्रेस कैबनेट, साल भर से लापता स्थानीय विधायक विवेक सिंह सदर बाँदा,राष्ट्रीय प्रवक्ता रीता बहुगुणा, दलजीत सिंह- तिंदवारी विधायक सहित अन्य नेता गाँधीवादी प्रवचन के साथ चित्रकूट मंडल में जम चुके है ! जिला महोबा में पवा चौराहे से लाड़पुर तक राहुल गाँधी पदयात्रा करने जा रहे है ! पदयात्रा की वजह से हलके के नेता अंजान से है उनका कहना है कि ये इलाका छतरपुर की सीमा से लगा है ! यहाँ खेत बोये नही गए है यही कारण है राहुल की दिलचस्पी बाँदा की बनिस्बत महोबा है ! सदर विधायक बाँदा के विवेक सिंह तीन साल से गुमशुदा रहने के बाद अब राहुल गाँधी की अगुआई में मीडिया परेड के साथ मुस्तैद है ! उन्हें जीएसटी और बुंदेलखंड का सूखा सालने लगा है ! वे कहते है यहाँ बोरिंग,बिजली कमी और किसान आत्महत्या का दौर है ! मगर जनाब आज तक सड़क में क्यों नही आये ये अदद सवाल है ? तब जब इनकी विधायक निधि बीस से तीस % में एडवांस बेच दी जाती है !...आजकल विवेक सिंह की युवा मंडली विधायक दलजीत सिंह के साथ है क्योकि शहद विवेक सिंह में चूसा जा चुका है ! ...डूबती नांव में कौन सवार होगा ? चित्रकूट मंडल में मौसम ने ठण्ड की दस्तक बढा दी है ऐसे में राहुल का ये दौरा सियासी ताप बढ़ाएगा !



राहुल गाँधी से बुंदेलखंड के बेहाल किसानो यक्ष प्रश्न है कि बाँदा में बुंदेलखंड पैकेज से बनी चौधरी चरण सिंह रसिन बांध परियोजना ( कुल लागत 7635.80 लाख रूपये ) में किसान को आज तक पानी क्यों नही मिला ? बुंदेलखंड को रेगिस्तान बनाने वाली केन - बेतवा नदी गठजोड़ का आपने विपक्ष में रहकर डेढ़ साल से विरोध क्यों नही किया तब जब आपके पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने इस पर एनओसी नही दिया था ? बुंदेलखंड पैकेज से बने डैम,कुँओं में पानी क्यों नही है ? पैकेज से वर्ष 2010 में बकरी पालन योजना साढ़े चार करोड़ में आई 11,890 बकरी कहाँ लापता हो गई है जो आजीवका के लिए थी ? साथ ही 31 मार्च 2015 को समाप्त बुन्देलखंड पैकेज का आवंटित हुआ बुंदेलखंड जल-प्रबंधन का 2940 करोड़ रुपया,जल स्रोत के लिए 1762 करोड़,कृषि के लिए 2050 करोड़,वन - पर्यावरण के लिए 314 करोड़ और पशुपालन - डेयरी के लिए आया 200 करोड़ रुपया बुंदेलखंड की तस्वीर क्यों नही बदल सका ? 
सात जिलों में सूखे,पानी का संकट किसान के लिए आफत है ऐसे में देश की मोदी सरकार आपकी सरकार को डेढ़ साल से सीबीआई से क्यों बचा रही है ? आपने और आपकी माताजी ने आज तक कितना दान बुंदेलखंड,विदर्भ या मराठवाड़ा में किसान आत्महत्या कर रहे परिवार को दिया है ? बीते एक दशक में 62 लाख बुन्देलखंडी का यहाँ से पलायन करना और 4 हजार से ऊपर किसान की मौतें आपसे ये सवाल कर रही है ? लोकतंत्र में किससे पूछकर आप सारे नेता अपना वेतन बढ़ा लेते है जब किसान खेत में फांसी लगा लेता हो !
ये तमाम सवाल यहाँ का भूखा किसान पूछ रहा है जिसको योगेन्द्र यादव सरीखे सोशल एजेंट कथित सर्वे में घास की रोटी खिला के चले जाते है ! अगर उत्तर नही है तो बुंदेलखंड का किसान पैरोकार,प्रवास सोसाइटी और भारतीय किसान यूनियन(भानु ) के बुंदेलखंड प्रवक्ता के रूप में मै आपका बहिस्कार करता हूँ ! - आशीष सागर,बुंदेलखंड से !