उत्तर प्रदेश में अवैध बालू खनन की सीबीआई जाँच के आदेश
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तस्वीर - केन नदी बाँदा स्वयं की !
29 जुलाई /
सपा के स्थानीय नेता बच्चन सिंह को बाँदा का सिंडिकेट मिला है तो हमीरपुर में सपा एमएलसी राकेश मिश्र इसकी कमान थामे है ! हाई कोर्ट में एक दर्जन से अधिक लंबित याचिका का निस्तारण करते हुए माननीय न्यायलय ने कहा की ' क्यों न अवैध बालू खनन की सीबीआई जाँच करवा ली जाये ' ?
बुंदेलखंड में खनिज अधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक लाल सोने का कमीशन / गुंडा टैक्स एकत्र करके प्रदेश सरकार तक पहुंचा रहे है ! नदियों को यूपी में हर सरकार ने लूटा है ! जिसका अवसर आया वो दीमक बनकर किसानों की खेती चौपट करके उनकी फसलों को रौंदते हुए ओवर लोड ट्रकों से सड़के छलनी करता है !
नदी की बीच धारा में भारी मशीन उतार कर जलधारा के मध्य से पोकलैंड और लिफ्टर बालू निकालते है ! नियमानुसार नदी से 25 मीटर दूर और तीन मीटर गहराई तक मानव श्रम से ही खनन किया जा सकता है ! मशीनों का प्रयोग प्रतिबंधित है ! बीते साल उत्तर प्रदेश लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने भी गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ हुई शिकायत पर बाँदा जिलाधिकारी शीतल वर्मा के उस पत्र पर सिंडिकेट की क़ानूनी परिभासा पूछी थी जिसमें उन्होंने अवैध खनन से बाँदा शहर के ढह जाने की आशंका व्यक्त की थी ! हाल ही में गुलाबी गैंग ( पुराना संघठन संपत पाल) ने बाँदा के अतर्रा - बदौसा मार्ग में नेशनल हाइवे के गड्ढो में धान की रुपाई करके विरोध प्रदर्शन किया था ! लेकिन बतलाते चले संघठन ने कभी नेशनल हाइवे / राज्य हाइवे के गड्ढो की मूल वजह समझने का जतन नही किया ! तस्वीर खीचीं खबर बनी और सब चलते हुए ! बतलाते चले कि 100 करोड़ रुपया प्रदेश सरकार को केंद्र ने बाँदा - चित्रकूट की सड़क के लिए दिया था बीते सत्र में चित्रकूट के पर्यटन को देखते हुए ! जिस पर17 सितम्बर को काम बंद हुआ ! सड़क दस मीटर चौड़ी हुई जो पहले सात थी ! आज से चार वर्ष पहले बाँदा - चित्रकूट की सड़के और कानपुर की सड़के उतनी ख़राब नही थी खनन तब भी होता था ! मगर इस यूपी सरकार ने बालू खनन को अपना मुख्य पेशा मानकर बुंदेलखंड को खोकला करने का काम किया ! कोर्ट ने इन्ही सब तथ्यों को संज्ञान लेकर यूपी सरकार को बालू खनन पर सीबीआई जाँच करवाने के आदेश दिए है !!
आपको जानकर हैरानी होगी कि लखनऊ के हजरत गंज से इस खेल की मंडी बुंदेलखंड में चलती है ! ऐसे पेशेवर बालू माफिया सभी राजनीतिक दल से मधुर सम्बन्ध रखते है ! बाँदा में ही अधिकतर बालू कारोबारी सपा और भाजपा के खेमे में विधानसभा टिकट की दावेदारी कर रहे है !
जरा सोचिये की अगर ये लोकसेवक बने तब इन नदियों का क्या हाल होगा ? इन्हे ये भी शर्म नही की हमारे कृत्य लाखों की नीरीह जनता को गड्ढा खोद सड़के दिए जा रही है ! - आशीष सागर@ प्रवासनामा / किसान सामाजिक कार्यकर्ता
#Droughtbundelkhand #SaveRiverUP
तस्वीर - केन नदी बाँदा स्वयं की !
29 जुलाई /
' उत्तर प्रदेश में अवैध बालू खनन पर सीबीआई जाँच ' !
रवन्ना चोरी करके राजस्व को चपत लगाने वाले कोर्ट में सफ़ेद झूठ बोलते है !
उच्च न्यायलय इलाहाबाद ने कड़ी कार्यवाही करते हुए उत्तर प्रदेश में हो रहे अवैध बालू खनन पर सीबीआई जाँच के आदेश दिए है ! हाई कोर्ट ने कहा कि अफसर सब कुछ जानते है बावजूद इसके झूठे हलफनामे देकर पल्ला झाड़ने का काम किया जा रहा है ! बुंदेलखंड समेत फतेहपुर के हिस्से में रात - दिन ओवर लोड ट्रकों से नेशनल / राज्य हाइवे की सड़के बेदम है ! गौरतलब है साढ़े सोलह टन बालू एक ट्रक के मानक पर सत्तर टन बालू लोड होती है ! बाँदा से कानपुर हाइवे पर चिल्ला से बिन्दकी- ललौली के बीच प्रदेश के खनिज मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति का जलजला इस बारिश में भी आप देख सकते है ! पर्यावरण को घुटनों में दबाये ये मंत्री जी पूर्व बसपा सरकार की तर्ज पे पहले आओ - पहले पाओ जैसा खनन करवाए जा रहे है !सपा के स्थानीय नेता बच्चन सिंह को बाँदा का सिंडिकेट मिला है तो हमीरपुर में सपा एमएलसी राकेश मिश्र इसकी कमान थामे है ! हाई कोर्ट में एक दर्जन से अधिक लंबित याचिका का निस्तारण करते हुए माननीय न्यायलय ने कहा की ' क्यों न अवैध बालू खनन की सीबीआई जाँच करवा ली जाये ' ?
बुंदेलखंड में खनिज अधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक लाल सोने का कमीशन / गुंडा टैक्स एकत्र करके प्रदेश सरकार तक पहुंचा रहे है ! नदियों को यूपी में हर सरकार ने लूटा है ! जिसका अवसर आया वो दीमक बनकर किसानों की खेती चौपट करके उनकी फसलों को रौंदते हुए ओवर लोड ट्रकों से सड़के छलनी करता है !
नदी की बीच धारा में भारी मशीन उतार कर जलधारा के मध्य से पोकलैंड और लिफ्टर बालू निकालते है ! नियमानुसार नदी से 25 मीटर दूर और तीन मीटर गहराई तक मानव श्रम से ही खनन किया जा सकता है ! मशीनों का प्रयोग प्रतिबंधित है ! बीते साल उत्तर प्रदेश लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने भी गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ हुई शिकायत पर बाँदा जिलाधिकारी शीतल वर्मा के उस पत्र पर सिंडिकेट की क़ानूनी परिभासा पूछी थी जिसमें उन्होंने अवैध खनन से बाँदा शहर के ढह जाने की आशंका व्यक्त की थी ! हाल ही में गुलाबी गैंग ( पुराना संघठन संपत पाल) ने बाँदा के अतर्रा - बदौसा मार्ग में नेशनल हाइवे के गड्ढो में धान की रुपाई करके विरोध प्रदर्शन किया था ! लेकिन बतलाते चले संघठन ने कभी नेशनल हाइवे / राज्य हाइवे के गड्ढो की मूल वजह समझने का जतन नही किया ! तस्वीर खीचीं खबर बनी और सब चलते हुए ! बतलाते चले कि 100 करोड़ रुपया प्रदेश सरकार को केंद्र ने बाँदा - चित्रकूट की सड़क के लिए दिया था बीते सत्र में चित्रकूट के पर्यटन को देखते हुए ! जिस पर17 सितम्बर को काम बंद हुआ ! सड़क दस मीटर चौड़ी हुई जो पहले सात थी ! आज से चार वर्ष पहले बाँदा - चित्रकूट की सड़के और कानपुर की सड़के उतनी ख़राब नही थी खनन तब भी होता था ! मगर इस यूपी सरकार ने बालू खनन को अपना मुख्य पेशा मानकर बुंदेलखंड को खोकला करने का काम किया ! कोर्ट ने इन्ही सब तथ्यों को संज्ञान लेकर यूपी सरकार को बालू खनन पर सीबीआई जाँच करवाने के आदेश दिए है !!
आपको जानकर हैरानी होगी कि लखनऊ के हजरत गंज से इस खेल की मंडी बुंदेलखंड में चलती है ! ऐसे पेशेवर बालू माफिया सभी राजनीतिक दल से मधुर सम्बन्ध रखते है ! बाँदा में ही अधिकतर बालू कारोबारी सपा और भाजपा के खेमे में विधानसभा टिकट की दावेदारी कर रहे है !
जरा सोचिये की अगर ये लोकसेवक बने तब इन नदियों का क्या हाल होगा ? इन्हे ये भी शर्म नही की हमारे कृत्य लाखों की नीरीह जनता को गड्ढा खोद सड़के दिए जा रही है ! - आशीष सागर@ प्रवासनामा / किसान सामाजिक कार्यकर्ता
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