Drought in Bundelkhand/ Ajay Prakash
यायावर दृष्टि हरियाली चौपाल.....ISSN 2394-7861
बांदा/बुन्देलखण्ड: आज शहर मुख्यालय जनपद बांदा में स्थानीय सिविल लाइन्स वन विभाग कार्यालय में प्रवास सोसाइटी की प्रबन्ध कार्यकारिणी बैठक आयोजित की गयी। बैठक का मूल उद्देश्य यह रहा कि बुन्देलखण्ड में दिन प्रतिदिन बढ़ रही भिक्षावृत्ति और खास तरह से असहाय बुजुर्ग जो कि गांव से परिवार छोड़कर शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं एवं जिन्हे परिवार के सदस्यों द्वारा त्याग दिया गया है ऐसे ही निरीह लाचार लोगों के भोजन के अधिकार की सुरक्षा हेतु अपना घर नाम से दीर्घकालिक कार्यक्रम का संकल्प लिया गया है। शुरूआती दौर में अपना घर में 15 ऐसे बेबस बुजुर्ग महिला पुरूष व वो बच्चियां जिन्हे परिवार से त्यागा जा चुका है और वो जनपद में भीख मांगकर अपना जीवन बसर करती हैं को सदस्य रूप में अंगीकार किया जायेगा। इनका पंजीयन अपना घर की पंजीयन पुस्तिका में होगा।
साथ ही इस सम्पूर्ण कार्य दिवस में यदि उक्त सदस्यों की मृत्यु हो जाती है तो उनका दाह संस्कार भी अपना घर ही करेगा। बैठक में सहमति व्यक्त करते हुए मानवोदय सेवा संस्थान के विमलेश त्रिपाठी ने सुझाव दिया कि यदि अपना घर में भोजन ग्रहण करने वाले सदस्य कभी भी भीख मांगते या धन एकत्र करने की लालसा में शहर की गलियों में घूमते पाये जाते हैं तो उनकी सदस्यता अपना घर से समाप्त कर दी जायेगी। क्योंकि इस पवित्र उद्देश्य का यथार्थ यह है कि बुन्देलखण्ड में टूटती हुयी जीवन प्रत्याषा को हमेशा के लिये रोका जाये। इसके साथ ही संध्या निषाद ने यह विचार रखा कि एक अक्षय पात्र भी अपना घर में बनाया जायेगा। जिसमें जन सहयोग से व स्वयं के प्रयास से जो अन्न दान एकत्र होगा उसे इन निरीह व्यक्तियों के हितार्थ उपयोग किया जायेगा।
इस कार्य हेतु यदि प्रशासन की तरफ से अथवा आम जनता की तरफ से कोई अपना भवन स्वेक्षा से अथवा किराये पर देना चाहता है, तो उसका स्वागत है। आम जनमानस अपने सुझाव इस पुनीत कार्य हेतु हेल्पलाइन नम्बर 9621287464 एवं ई-मेल- apnagharbnd@gmail.com में भेज सकता है। साथ ही प्रवास के खाता संख्या 24002, शाखा इलाहाबाद बैक सिविल लाइन्स, डिग्री कालेज जनपद बांदा में अपनी सहयोग राशि प्रेषित कर सकते हैं। इस कार्यक्रम को व्यापक स्तर पर आनलाइन भी प्रमोट किया जायेगा। सर्वप्रथम शहर के वरिष्ठ नागरिक पदम् नारायण ने अपना घर को पांच हजार रूपये नगद किराये भवन की तलाश हेतु एवं प्रतिमाह एक बोरा गेंहू स्वेक्षा से दान करने का संकल्प लिया है। ताकि जनपद बांदा मेंकुसुमकली और शिवदेवी जैसे लोग पुनः भीख मांगते न पाये जायें। उक्त बैठक में मन्दाकिनी बचाव आन्दोलन की संयोजक अर्चना मिश्रा, निर्मला देवी, सरोज शुक्ला, अखिलेश कुमार, आदित्य, रचना एवं प्रवास के आशीष सागर ने इस संकल्प को फलीभूत करने का आत्मिक रूप में संकल्प लिया है।Labels: http://ashish-gadha.blogspot.com

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जनपद महोबा में 5.45 प्रतिषत वन क्षेत्र है और यहां तेंदुआ, भेड़िया, बाज विलुप्त होने की कगार पर हैं। जनसूचना के अनुसार जनपद महोबा में काला हिरन नहीं पाया जाता है तथा महत्वपूर्ण वन्य औषधियां सफेद मूसली, सतावर, ब्राम्ही, गुड़मार, हरसिंगार, पिपली यहां की मुख्य वन्य औषधि हैं जो कि अब विलुप्त होने की स्थिति में हंै। महोबा सहित पूरे बुन्देलखण्ड में वर्ष 2008-09 में विशेष वृक्षारोपण अभियान कार्यक्रम मनरेगा के तहत 10 करोड़ पौधे लगाये गये थे। इस जनपद के विभिन्न विभागों द्वारा 70.7 लाख पौध रोपण कार्य किया गया है। जिसमें कि 59.56 लाख पौध जीवित है। इस वृक्षारोपण में शीशम, कंजी, सिरस, चिलबिल, बांस, सागौन आदि के वृक्ष रोपित किये गये हैं। इसके साथ ही जनपद झांसी में 70.50 लाख का लक्ष्य रखा गया था। जिसके सापेक्ष 71.61 लाख वृक्षारोपण किया गया और वर्तमान में 65.744 लाख पौध जीवित है जो कि कुल पौधरोपण का 91.81 प्रतिषत है। ऐसा प्रभागीय वनाधिकारी डाॅ0 आर0के0 सिंह का कहना है कि महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि बुन्देलखण्ड के अधिकतर जनपदों ने इस तथ्य को छुपाया है कि उनके यहां कितने प्रतिषत पौधरोपण हुआ और कितना जीवित है। यह पूर्णतः सच है कि 10 करोड़ पौधे भी आकाल और पानी की लड़ाई लड़ने वाले बुन्देलखण्ड में जंगलो को आबाद नहीं कर सकी हैं।Labels: http://ashish-gadha.blogspot.com
विश्व पर्यावरण दिवस जन आन्दोलन अभियान
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केन - बेतवा नदी गठजोड़ परियोजना के खिलाफ विश्व पर्यावरण
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