Sunday, September 25, 2016

फेसबुक पर वायरल दिव्या को सीएम का सहारा

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   सोशल मीडिया का रचनात्मक प्रयोग !

बुंदेलखंड (उरई /जालौन)- सोशल मीडिया पर बिटिया दिव्या की मार्मिक तस्वीर क्या वायरल हुई सीएम अखिलेश यादव ने एक बार फिर संजीदगी को उकेरा है.उरई के रेलवे स्टेशन में जल रहे बिजली के रोड लाइट की रोशनी के सहारे पढ़ाई करने वाली दिव्या पर बीते दिवस 21 सितम्बर को बेटियों के लिए देश भर में साइकिल यात्रा कर रहे जेंडर फार इक्वलिटी के राकेश कुमार सिंह ने यह तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की.वे सोशल मीडिया पर लिखते है कि Rakesh Kumar Singh
रेलवे प्लेटफॉर्म से सटा है शहरप्रसिद्ध रसगुल्ले की दुकान. कुमारेन्द्र भाई और सुभाष भाई का प्रेम उस दुकान तक पहुँचा गया. काले रसगुल्ले अच्छे थे. कटनी के गुलाब जामुन याद आ गए. प्लेटफॉर्म की ओर जाते हुए इन्क्वायरी खिड़की के सामने रोशनी में दिव्या स्कूल का काम करती मिली. दूसरी कक्षा की इस विद्यार्थी का परिवार पड़ोस के किसी मंदिर के अगल-बगल रहता है. दिव्या अकसर शाम को आती है स्टेशन पर, बिजली की रोशनी में पढाई-लिखाई करने. साथ छोटी बहन भी आती है. बगल में खेलती रहती है. उरई की इस बिटिया की लगन को सलाम है. इतना लिखकर कर डाली गई पोस्ट वायरल हो गई.आभासी दुनिया के लोगो ने इसको हाथों हाथ लिया और बिटिया दिव्या की ललक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुँच गई. उन्होंने उरई / जालौन जिलाधिकारी संदीप कौर को आदेशित किया कि इस बेटी को तलाशकर उसके पढने और माँ के रहने का माकूल इंतजामात करे.तत्काल प्रभाव से जिलाधिकारी ने रेलवे परिसर में कर्मचारी भेजकर माँ मोनिका और बेटी दिव्या को खोज लिया.उन्हें दस हजार रूपये आर्थिक मदद और डूडा योजना से एक आवास दिलाया गया है.साथ ही समाजवादी पेंशन योजना और राशन कार्ड भी प्रदान किया जा रहा है ऐसा दावा संदीप कौर ने किया है.


बतलाते चले कि 6 माह पहले उरई के कालपी -कदौरा विकासखंड के बस्रेही गाँव निवासी मोनिका को उसके पति कल्लू महाराज ने बेटी सहित पत्नी को घर से निकाल दिया था.पत्नी तब पेट से थी उसने एक और बेटी को जन्म दिया था.इधर बिटिया दिव्या के साथ मोनिका चलती ट्रेन में पेट बसर करने को चलती ट्रेन में बेटी के साथ भीख मांगती थी.जब दिव्या खाली होती तो रेलवे परिसर में बैठकर पढ़ाई करती और माँ गोद में खेलती बच्ची की देखभाल करती.इस बीच मोनिका ने किसी से अपने पति की जहालत -जुल्म की शिकायत नहीं की. बकौल मोनिका मेरे पति ने बरसते पानी में मुझे घर से निकाल दिया था लेकिन मेरा पति मेरा देवता है ! यह शब्द उसको रिश्तों के बंधन में बांधे रहे.आज भी उसे पति से कोई शिकायत नहीं है.मगर यह सबक उस समाज के लिए काफी है कि जिसका कोई नहीं होता उसका खुदा होता है यारों. राकेश कुमार सिंह का यह प्रयास कामयाब हुआ.कुछ ऐसा ही बीते अक्टूबर 2015 में अखिलेश यादव ने बाँदा के दिव्यांग किसान बबेरू के पतवन के एमपी का पुरवा निवासी देवराज यादव के साथ किया था वो एक पैर से हल चलाकर पेट पालता है.http://www.bundelkhand.in/portal/news/social-media-ne-badli-kisan-ki-jindagi उसकी तस्वीर तीन अक्टूबर को प्रवासनामा संवाददाता ने वायरल की थी.सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करने की ये नजीरे काबिले तारीफ है.

-आशीष सागर

Saturday, September 24, 2016

डकैतों की दहशत से शहीद स्मारक दुबारा नहीं बना सकी पुलिस

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ठोकिया ने मार गिराए थे पुलिस के 6 जवान 
23 जुलाई 2007 को पाठा के जंगल में डकैतों को मारकर वापस आ रही थी पुलिस 
बघोलन तिराहे का यह स्मारक आज भी वीरान है 
बाँदा / बदौसा - चित्रकूट मंडल के बीहड़ में कभी डकैतों का खौफ रहता था.बिना उनकी मर्जी के सरकारी विअक्स कार्य उनके इलाके में नहीं होते थे.हर ठेकेदार से चौथ वसूली करने वाले ये डकैत अपने -अपने गैंग के साथ गांववालों के लिए सरदर्द रहे है.यहाँ दस्यु शिवकुमार कुर्मी ददुआ से लेकर घनश्याम केवट,ठोकिया,बलखड़िया,डाक्टर,संग्राम सिंह और अब बबली कोल का दबदबा चलता है.लेकिन इन सबमें जो डकैती बादशाहत ददुआ ने कायम की वो कोई और नहीं कर पाया. 5 करोड़ रूपये एस डकैत को मारने में खर्च हुए उत्तर प्रदेश सरकार के और मरने तक उसका एक तस्वीर भी पुलिस के पास नही पहुंचा.कहते है ददुआ ने कभी गरीबों को सताया नहीं इसलिए गांववाले ही उसके राशन -पानी की व्यवस्था करते थे.इधर दस्यु सरगना बलखड़िया की मौत के बाद उसका भय पुलिस महकमे में शायद काबिज है.यही वजह है कि आधा दर्जन एसटीएफ के जवान जिस शहीद स्मारक में नाम के साथ दर्ज है उसको पुलिस दुबारा नहीं बनवा सकी है. बीते 21 सितम्बर को इसकी बरसी थी. गौरतलब है कि 23 जुलाई 2007 को पाठा के जंगल से कई डकैतों को मारकर वापस आ रहे पुलिस के जत्थे पर पहले से घात लगाये बैठे दस्यु सरगना ठोकिया और उसके साथियों ने एसटीएफ के आधा दर्जन जवान मार दिए.मृतक जवानों में इश्वर देव सिंह,राजेश सिंह चौहान,ब्रजेश यादव,लक्षमण प्रसाद,गिरीशचंद्र नागर और उमाशंकर थे.तभी गांववालों के चंदे से तत्कालीन एसपी बाँदा और वर्तमान डीआईजी ज्ञानेश्वर तिवारी ने 29 अक्तूबर 2012 को यह शहीद स्मारक बनवाया था.

                          शहीद स्मारक की फाइल तस्वीर अब यह बगैर पन्नी के है 
लेकिन इसके ठीक गयारह माह बाद 21 सितम्बर 2011 को दस्यु सरगना बलखड़िया ने दिनदहाड़े धावा बोलकर जेसीबी मशीन से स्मारक को उजाड़ दिया.बलखड़िया ने फरमान जारी किया गर दुबारा ये स्मारक बना तो फतेहगंज का थाना भी ढहा देंगे.पहले जो डकैत शहीद हुए है उनका भी स्मारक बनवाया जाये. फतेहगंज थाना अध्यक्ष अमर सिंह यादव कहते है कि जब से वे आये है यह ऐसे ही वीरान है.पहले पन्नी से ढका ये स्मारक अब खुले आसमान में अपने फिर से खड़े होने की आस में है मगर यह कौन करेगा ये तो डीआईजी ज्ञानेश्वर तिवारी ही बतला सकते है. उल्लेखनीय है कि चित्रकूट मंडल में डकैत का प्रवास अधिकतर पाठा -मानिकपुर और फतेहगंज ही रहा है ! लाखों रूपये के ये इनामी डकैत कभी पुलिस के लिए चुनौती रहे है.आज भी दस्यु सरगना ददुआ का दाहिना हाँथ राधे बाँदा जेल में बंद है !

Thursday, September 22, 2016

हरपालपुर- महोबा रेल मार्ग पर नवजात बेटी को फेंका

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छतरपुर / महोबा / बुंदेलखंड - 
मांस का लोथड़ा बनकर रही गई ममता !
जहाँ बेटियां रेलवे ट्रैक पर मरती हो वहाँ कैसा बेटी बचाओ अभियान !!
' धर्म में यूँ तो बेटियां पूजने के काबिल है, 
लेकिन असल में हम उनके कातिल है ! 
कन्या भोज,मान्यता और अन्य सरकारी योजना पर ये सवाल है, 
कि आखिर कौन माँ-बाप बेटी का हलाल है ? '

छतरपुर -महोबा साथी सुनील रिछारिया के अनुसार आज गुरुवार 22 सितम्बर सुबह 9 बजे के करीब हरपालपुर रेलवे स्टेशन से करीब पांच किलोमीटर दूर पोल संख्या 1214 /3/4 रेल्वे लाईन के बीच एक नवजात बच्ची का शव गैनमैन को पड़ा मिला !नवज़ात के शव की हालात देख का लग रहा था कि किसी बेटी को महिला के द्वारा चलती ट्रेन से फैंका गया है ! इस घटना की जानकारी स्टेशन प्रबंधक को दी गई. स्टेशन प्रबंधक ने नवजात के शव मिलने की सूचना हरपालपुर थाना पुलिस को दी . तब मौके पर पहुँची थाना पुलिस ने मासूम के इस ह्रदय विदारक घटनाक्रम को आला अधिकारीयों तक पहुँचाया है ! 
गौरतलब है यह बुंदेलखंड से पिछड़े क्षेत्र की खबर है जब यहाँ ऐसा हो रहा है तो बड़े शहरों में क्या नहीं होता होगा ये सोचने की बात है ! आने वाले नवरात्री के माह में कन्या भोज करवाने वाले उन छद्म धार्मिक लोगों को इस तस्वीर को देखना चाहिए कि जिंदा बेटियां माँ और हम रेलवे ट्रैक पर फेंकते है और बेटी को अपने सामाजिक प्रचार के लिए पूजने का तमाशा भी करते है ! सरकारी योजनाओं का प्रचार - प्रसार आम नागरिक की मनोदशा कितना बदल सका है बेटी के जन्म के प्रति यह बतलाने की आवश्यकता नहीं है ! यह भी सत्य है कि बच्ची को उसके चिर परिचित / माँ ने ही रेलवे ट्रैक पर फेंका कूड़ा समझकर धिक्कार है ऐसी ममता पर और लानत भी मानवता के इस विद्रूप चेहरे में ! काश माँ इतनी जाहिल और पिता बोझिल न हो ! जानवर /बन्दर भी अपने मृतक बच्चो को कई दिन तक सीने में चिपकाये घूमते है हमने तो उन्हें भी पीछे छोड़ा है !
#PMOMODI #MPUPCM

Wednesday, September 21, 2016

भूमिअधिग्रहण के नाम पर किसानों की फसलें उजाड़ दी

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धान की फसल को पोकलैंड मशीन से रौंदा
रायगढ़ : रेल कॉरिडोर बनाने के लिए एसडीएम के निर्देश पर धान की फसल को पॉकलेन मशीन से रौंद दिया गया है. बताया जा रहा है कि घरघोड़ा ब्लाक के ग्राम कटंगडीह में रेल कॉरिडोर का निर्माण कार्य चल रहा है.
एक पॉकलेन मशीन से लोबोराम, कुस्टोराम, भगवतिया, किर्तन, कालाचंद कोलता सहित अन्य किसानों के खेतों में लहलहाती फसल को रौंद दिया गया है. राजस्व अमला, पुलिस विभाग और ठेकेदार की मौजूदगी में फसल को बर्बाद कर दिया गया !


किसानों ने फसल को नुकसान नहीं पहुंचाने की गुहार लगाई लेकिन अधिकारियों ने किसानों की एक ना सुनी. प्रभावित 21 किसानों का आरोप है कि कार्रवाई करने के पहले उन्हें ना तो मुआवजा दिया गया और ना ही लिखित तौर पर प्रशासन के द्वारा कोई नोटिस दी गई है.
जानकारी के लिए बता दें कि घरघोड़ा से धरमजयगढ़ तक रेल कॉरिडोर में 45 ग्रामों के भूमि का अधिग्रहण किया गया है. लेकिन एक भी किसान को मुआवजा नहीं दिया गया है. इस कारण किसानों ने अपनी खेतों में धान की बुवाई की है. प्रशासन की इस कार्रवाई से किसान आक्रोशित है !

Tuesday, September 20, 2016

भगदड़ मची खनन माफिया में !

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http://aajtak.intoday.in/…/worried-mining-maffia-in-u-p-1-8…
उच्च न्यायलय के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में बालू के अवैध खनन पर सीबीआई जाँच के आदेश से सकते में आई सपा और उसके सरपरस्त खनन माफिया पर यह दस्तावेज !
राहुल गाँधी देवरिया से दिल्ली तक किसान यात्रा में है ! आजकल उनका पड़ाव बुंदेलखंड में है ! बीते बीस सितम्बर उन्होंने जालौन के कालपी से कदौरा मार्ग पर रोड शो करते हुए कहा कि ' बसपा खा गई चारा और सपा ने बालू-पत्थर लूट लिए ' बात बिलकुल सही है ! लेकिन सवाल ये कि आजादी के बाद जिन दो प्रमुख पार्टी की केंद्र में सरकार रही यूपी के इन्ही दो बसपा - सपा समर्थन से उन्होंने बुंदेलखंड को बचाने के लिए क्या किये जमीन पर ? चुनाव के समय ये पर्यावरण प्रेम क्यों ? अगर है तो फिर केन-बेतवा नदी गठजोड़ का भी मुद्दा उठाये ! बुंदेलखंड को किसने नहीं लूटा ! जो आया चाहे केंद्र का हो या राज्य का सबने अपनी धन की पिपासा को शांत करने के लिए यहाँ बाबूसिंह कुशवाहा,नसीमुद्दीन सिद्दकी,गायत्री प्रजापति और उधर एमपी वाले बुंदेलखंड में शिवराज सिंह चौहान खड़े किये ! जिन्होने बुंदेलखंड की आंते,फेफड़े,रक्त धमनियां नदी - पहाड़ पताल तक खोखले किये है ! बदले में हमें मिलता है सूखा,बाढ़ और खेतिहर किसानों की आत्महत्या ! जिस पर भी आप सब लाशों पर राहत पैकेज को बंदरबाट करने का काम सलीके से करते है ! आरोपी आज तक शिकंजे में नहीं है क्योकि राजनीतिक गटर में सारे बेपर्दा और बिना शर्म के है ! राष्ट्र प्रेम किसको है ? मगर यह सब खुली डकैती ही मेरे,आपके,बुंदेलखंड के खूबसूरत रेगिस्तान का वाजिब कारण बनेगी ! 28 सितम्बर के इंडिया टुडे में सीबीआई ( सरकारी तोता ) के भय से सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए यूपी के खनन माफिया पर आशीष मिश्र की ये रिपोर्ट पढ़ना लाजमी है ! क्या बुंदेलखंड में खनन कारोबार कभी रुकेगा शायद नहीं क्योकि गर यह रुकेगा तो सरकार चलाने वाले वित्त निवेशक खत्म हो जायेंगे ! उनके पास काला धन कैसे आएगा ? 
                                     

Monday, September 19, 2016

ये चलन भी कैसा है जो बेटियों को बंधक बनाता है !

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साभार -Ghazal Lubna reading #अंधेरोकेबीच
उड़ीसा के एक आदिवासी इलाके में ऐसा रिवाज़ है कि आठ साल के लड़के की शादी 18-20 साल की लड़की से कर दी जाती है, क्योकि खेतों मे काम करने और घर का काम करने के लिए उन्हें जवान लड़की चहिए ! इस ज़रूरत को पूरा करने के लिए ही छोटे-छोटे लड़को की शादी जवान लड़कियो से करा दी जाती है ! लड़की को अपने पति के युवा समर्थ होने तक अपने ससुर को झेलना पड़ता है ! भारत भर मे हाल तक ऐसे बेमेल विवाहो का चलन था ! ऐसे विवाहो को लेकर कई लोग गीत प्रचलित है ! ब्याह शादी मे गांवो कस्बो मे आज भी ये गीत गाए जाते है ! झारखण्ड मे भी ये प्रथा प्रचलित थी- हाल तक ! मध्य प्रदेश के सिद्दी जिले मे छोटी आयु में लड़का-लड़की की शादी हो जाती है, पर योग्यता ससुर की परखी जाती है ! उसका स्वास्थ्य कैसा हा या उसके पास बहु के लाड-चाव के पूरे संसाधन है या नही यही देखा जाता है ! दोनो ही मामले मे शादी के बाद ससुर उस बहु ये यौन सम्बन्ध बनाता है ! उड़ीसा की आदीवासी स्त्री अपनी उम्र के आधे या उससे भी कम उम्र के लड़के से न तो जीवन भर मुक्त हो सकती है और न ही अपने ससुर के उत्पीड़न से बच सकती है क्योकि पति के मरने से पहले स्त्री उसे छोड़ नही सकती !
तस्वीर - प्रतीकात्मक नेट से साभार

बीपीएल से अरबपति गायत्री प्रजापति !

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अखिलेश और मुलायम का गायत्री मन्त्र !
2002 में 92 हज़ार की संपत्ति वाले गयात्री प्रजापति आज है 942 करोड़ के मालिक ! बीएमडब्ल्यू,जगुआर,फार्चुनर जैसी गाड़ी उनके बख्तरबंद में तैनात है और बीपीएल कार्ड उनकी जेब में ! बेटी लेती रही खनन मंत्री बन जाने के बाद भी कन्या विद्या धन योजना का लाभ ! गौरतलब है कभी नाचने - गाने वाला गायत्री आज अरबपति बन गया इससे बेहतर समाजवाद और क्या हो सकता है अखिलेश यादव,नेताजी मुलायम और शिवपाल सिंह ? जनता तो कभी पूछेंगी नहीं वोट मांगते समय शायद इसलिए ही लोकसेवक बेख़ौफ़ लुटेरे बन जाते है सांसद और विधायक बन जाने के बाद !! राजनीति से बेहया और दबंग पेशा क्या है आज लोकतंत्र में ! आप लोगों से अधिक बाहुबली,सफेदपोश आतंकी कौन है सरहद के अन्दर ! बुंदेलखंड से लेकर सोनभद्र और मिर्जापुर तक अवैध बालू / पत्थर का ऐसा अवैध खनन किया कि नदियाँ बेजार हो गई और पहाड़ पताल तोड़ तालाब बन गए ! अब उच्च न्यायलय ने जब सीबीआई जाँच को ललकारा है तो सबके लंगोट से पानी रिस रहा है !
#समाजवादकीलूट #यूपीसीएम