हिमांचल सरकार ने बन्दर को खूंखार घोषित किया !
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नफरत के काबिल दो पैर का हिंसक जानवर !
हिमांचल सरकार ने शिमला के बंदरो को मारने के लिए तीन सौ रूपये इनाम रखा है ! क्या अकेले आदमी धरती में रहना चाहता है ? वन्यजीव के घर में आदमी कब्ज़ा किये तो वो ' सफारी और अभ्यारण्य ' बन गए लेकिन जब वन्यजीव शहर में आये तो घुसपैठिये घोषित हुए ! क्या इतने खतरनाक है वनचर अगर हाँ तो उनका जंगल वापस क्यों नही लौटा देते ? आदम की जात !
हिमाचल प्रदेश सरकार की मांग पर केन्द्र सरकार ने प्रदेश के 10 जिलों की 38 तहसीलों में बन्दरों (रिसेस मंकी) को एक वर्ष की अवधि के लिये वर्मिन घोषित करने के सम्बन्ध में एक अधिसूचना जारी की है।
http://www.amarujala.com/…/kill-a-monkey-and-get-300-rupees…
http://www.himshimlalive.com/?p=12578
हाल ही में केंद्र सरकार ने नीलगाय / वनरोज को मारने की हरी झंडी दी थी ! वन्यजीव पर ये अत्याचार न सिर्फ क्रूरता है वरन मानवता पर सवाल है ? प्रकृति अपने कितने सुन्दर रूप लिए है इसका प्रमाण ये बुजुर्ग वृक्ष की तस्वीर है जिसने अपनी विशाल जटा से घरोंदे को तहस - नहस नहीं किया है ,उसको सुन्दर बनाया है !
आदमी विकास के अंधे अफलातूनी दौड़ में सब कुछ खत्म कर दे रहा है ,तितली,जुगनू,गौरैया,सोन चिरैया से लेकर गिद्ध,कौआ तक आज विलुप्त होने लगे है ! क्या भविष्य में बंदर को भी कहानी में पढ़ा -सुना जायेगा ? अगर ऐसा है विकास तो ये मनुष्य के समाप्ति का कारण भी है !
नफरत के काबिल दो पैर का हिंसक जानवर !
हिमांचल सरकार ने शिमला के बंदरो को मारने के लिए तीन सौ रूपये इनाम रखा है ! क्या अकेले आदमी धरती में रहना चाहता है ? वन्यजीव के घर में आदमी कब्ज़ा किये तो वो ' सफारी और अभ्यारण्य ' बन गए लेकिन जब वन्यजीव शहर में आये तो घुसपैठिये घोषित हुए ! क्या इतने खतरनाक है वनचर अगर हाँ तो उनका जंगल वापस क्यों नही लौटा देते ? आदम की जात !
हिमाचल प्रदेश सरकार की मांग पर केन्द्र सरकार ने प्रदेश के 10 जिलों की 38 तहसीलों में बन्दरों (रिसेस मंकी) को एक वर्ष की अवधि के लिये वर्मिन घोषित करने के सम्बन्ध में एक अधिसूचना जारी की है।
http://www.amarujala.com/…/kill-a-monkey-and-get-300-rupees…
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हाल ही में केंद्र सरकार ने नीलगाय / वनरोज को मारने की हरी झंडी दी थी ! वन्यजीव पर ये अत्याचार न सिर्फ क्रूरता है वरन मानवता पर सवाल है ? प्रकृति अपने कितने सुन्दर रूप लिए है इसका प्रमाण ये बुजुर्ग वृक्ष की तस्वीर है जिसने अपनी विशाल जटा से घरोंदे को तहस - नहस नहीं किया है ,उसको सुन्दर बनाया है !
आदमी विकास के अंधे अफलातूनी दौड़ में सब कुछ खत्म कर दे रहा है ,तितली,जुगनू,गौरैया,सोन चिरैया से लेकर गिद्ध,कौआ तक आज विलुप्त होने लगे है ! क्या भविष्य में बंदर को भी कहानी में पढ़ा -सुना जायेगा ? अगर ऐसा है विकास तो ये मनुष्य के समाप्ति का कारण भी है !
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