विलियम हंटर और मैक्स मूलर ने विकृत की थी मनुस्मृति
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सभ्य लोग अब तो विलियम हंटर और मैक्स मूलर ( विलियम हंटर कमीशन ) के माध्यम से विकृत की गई मनु स्मृति भी जलाने जा रहे है ! जिसमें हिन्दू धर्म / कर्म को विकृत किया गया था ! अंग्रेज ये जानते थे कि अगर भारत के लोगो को बिना भटकाव के आजादी दे दी गई तो ये दुनिया के सबसे ताकतवर लोग होंगे ! इन्हे,इनकी मानसिक स्थति को इतना विकृत कर दो ताकि ये आपस में ही लड़कर 'बौद्धिक - वैचारिक गुलाम' बने रहे ! यही इनके पिछड़ेपन का मूल होगा !
अच्छा है जब हिंदुस्तान में मुस्लिम दलित बन जावे और दलित किताबी बुद्धजीवी तो युवा दिशा हीन तो होगा ही ! मूल दलित ( दरिद्र ) तो आज तक विकास की मुख्य धारा से कोसों दूर खड़ा है ! गौरतलब है जो सियासी बगुले आज दलित लाबादा ओढ़े है ' जय भीम ' के नारों से ! असल में वे अरबों के स्वामी है ! इसमे नेता से लेकर पूंजीपति तक है ! देश को भ्रमित करने वाले इस शहरी क्रीमी दलित को पुनः भारतीय वेद पढने की आवश्यकता है जिसका जन्म हर संप्रदाय,धर्म,मजहब से पहले हुआ था ! पश्चिम देश भी इस बात को मानकर आज शोध करते घूम रहे है कि जो वेदों में लिखा था वो किसने रचा था ! मुस्लिम,हिन्दू,ईसाई,पारसी और आज के बौद्धिक पांडित्य / दलित का भ्रूण भी तब किसी मांस की कोख में नही आया था ! सिर्फ आदिम,जंगल रहवासी,प्रकृति सहपूरक लोग थे ! बड़ी बात है दुनिया में गणित,कैमस्ट्री,फीजिक्स ,शून्य ,खगोल संरचना,प्रकृति के अंग - नदी,पहाड़,झरने,जीव (जलचर,नभचर,वन्यजीव आदि) सूरज - चाँद तो सबने एक स्वीकार किये लेकिन मजहब और भगवान / खुदा / गॉड को बाँट लिया ! तब तो सब कुछ विभाजित किया जाना चाहिए न ! हर मजहब / धर्म / जाति की प्रकृति / ईको सिस्टम अलग होना चाहिए न ! कहते है जब मानव पढ़ा - लिखा हो जाता है तब वो मानव नहीं विज्ञानी (विकृत ज्ञानी) बन जाता है ! ...वैसे भी आज भारत देश की राजनीती - पार्टीबाजी इन्ही दो पर दलित / मुस्लिम वोट की खेती पका रही है ! लोकतंत्र चला रही है ! गाँव के दीनू,रामू ,सुखिया तमाम दीन - असहाय इस बौद्धिक आतंकवाद को ढ़ोते हुए फटेहाल है !
तस्वीर पन्ना टाइगर्स से प्रतीकात्मक - विकास से बेदखल ये गाँव के लोग बौद्धिक ज्ञान से दूर अदद रोजीरोटी की राह तकते है ! जब ये भी किताबी ज्ञानी बन जायेंगे तब आपकी तरह विज्ञानी (विकृत ज्ञानी) होंगे ! बेहतर है ये मानव बने रहे सुविधाभोगी जातीय शैतान नहीं ! देश का चुना हुआ प्रधानमंत्री कथित मन की बात करता है और जनता दलित - मुस्लिम की जूतम पैजार !! सिस्टम है शायद ऐसे ही चलेगा अगले गृह युद्ध तक !
सभ्य लोग अब तो विलियम हंटर और मैक्स मूलर ( विलियम हंटर कमीशन ) के माध्यम से विकृत की गई मनु स्मृति भी जलाने जा रहे है ! जिसमें हिन्दू धर्म / कर्म को विकृत किया गया था ! अंग्रेज ये जानते थे कि अगर भारत के लोगो को बिना भटकाव के आजादी दे दी गई तो ये दुनिया के सबसे ताकतवर लोग होंगे ! इन्हे,इनकी मानसिक स्थति को इतना विकृत कर दो ताकि ये आपस में ही लड़कर 'बौद्धिक - वैचारिक गुलाम' बने रहे ! यही इनके पिछड़ेपन का मूल होगा !
अच्छा है जब हिंदुस्तान में मुस्लिम दलित बन जावे और दलित किताबी बुद्धजीवी तो युवा दिशा हीन तो होगा ही ! मूल दलित ( दरिद्र ) तो आज तक विकास की मुख्य धारा से कोसों दूर खड़ा है ! गौरतलब है जो सियासी बगुले आज दलित लाबादा ओढ़े है ' जय भीम ' के नारों से ! असल में वे अरबों के स्वामी है ! इसमे नेता से लेकर पूंजीपति तक है ! देश को भ्रमित करने वाले इस शहरी क्रीमी दलित को पुनः भारतीय वेद पढने की आवश्यकता है जिसका जन्म हर संप्रदाय,धर्म,मजहब से पहले हुआ था ! पश्चिम देश भी इस बात को मानकर आज शोध करते घूम रहे है कि जो वेदों में लिखा था वो किसने रचा था ! मुस्लिम,हिन्दू,ईसाई,पारसी और आज के बौद्धिक पांडित्य / दलित का भ्रूण भी तब किसी मांस की कोख में नही आया था ! सिर्फ आदिम,जंगल रहवासी,प्रकृति सहपूरक लोग थे ! बड़ी बात है दुनिया में गणित,कैमस्ट्री,फीजिक्स ,शून्य ,खगोल संरचना,प्रकृति के अंग - नदी,पहाड़,झरने,जीव (जलचर,नभचर,वन्यजीव आदि) सूरज - चाँद तो सबने एक स्वीकार किये लेकिन मजहब और भगवान / खुदा / गॉड को बाँट लिया ! तब तो सब कुछ विभाजित किया जाना चाहिए न ! हर मजहब / धर्म / जाति की प्रकृति / ईको सिस्टम अलग होना चाहिए न ! कहते है जब मानव पढ़ा - लिखा हो जाता है तब वो मानव नहीं विज्ञानी (विकृत ज्ञानी) बन जाता है ! ...वैसे भी आज भारत देश की राजनीती - पार्टीबाजी इन्ही दो पर दलित / मुस्लिम वोट की खेती पका रही है ! लोकतंत्र चला रही है ! गाँव के दीनू,रामू ,सुखिया तमाम दीन - असहाय इस बौद्धिक आतंकवाद को ढ़ोते हुए फटेहाल है !
तस्वीर पन्ना टाइगर्स से प्रतीकात्मक - विकास से बेदखल ये गाँव के लोग बौद्धिक ज्ञान से दूर अदद रोजीरोटी की राह तकते है ! जब ये भी किताबी ज्ञानी बन जायेंगे तब आपकी तरह विज्ञानी (विकृत ज्ञानी) होंगे ! बेहतर है ये मानव बने रहे सुविधाभोगी जातीय शैतान नहीं ! देश का चुना हुआ प्रधानमंत्री कथित मन की बात करता है और जनता दलित - मुस्लिम की जूतम पैजार !! सिस्टम है शायद ऐसे ही चलेगा अगले गृह युद्ध तक !
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