Monday, May 11, 2015

बुन्देली योगनी की मूर्ति दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में !

11 मई जारी -   बाँदा / बुंदेलखंड की अमानत बेशकीमती एक मूर्ति यहाँ से तीन दशक पहले लापता हुई थी. वो आज देश की राजधानी दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में शोभा बढ़ा रही है. खबर ये है कि 6 फरवरी 1982 यानि करीब 32 साल पहले तस्करों ने लुखरी गाँव से यह बेशकीमती योगनी की मूर्ति चुराई गई थी ! 1996 में यह प्रतिमा लन्दन में नीलाम हुई ! वर्ष 2010 में यह काले पत्थर की योगनी की मूर्ति मुंबई की एक एंटीक शाप में पहुंचा दी गई. वहां से फ़्रांस के संग्रह कर्ता राबर्ट ने इसको खरीद लिया और पेरिस ले गया ! पिछले साल भारत सरकार ने लगभग 2000 साल पुरानी ये योगनी की मूर्ति जिसका वजन करीब 4 कुंतल है को वापस देश में राजधानी के नेशनल म्यूजियम में स्थापित किया है. यह 24 योगनियों में से एक है. लुख्री गाँव से चोरी के बाद स्थानीय पुलिस ने इस मामले को यह कहकर चलता किया कि मूर्ति का पता नही चल रहा है ! बाद में जब ये मूर्ति लन्दन में नीलाम हो रही थी तब उन्ही दिनों भारतीय दूतावास में कार्यरत बाँदा के कृष्णकांत श्रीवास्तव ने इसे देखा और भारत सरकार को जानकारी दी. इसकी वर्तमन कीमत अंतर राष्ट्रीय बाजार में 25 -30 करोड़ रूपये है . राबर्ट की पत्नी मार्टिन के प्रयास से ये मूर्ति वापस भारत आई है. 
मगर सवाल ये की बुंदेलखंड की इस सम्पदा का असली मालिक कौन है ? बुन्देलखण्ड का म्यूजियम या दिल्ली ? ऐसे ही तमाम मूर्ति ,चंदेल कालीन शिल्प कलाओं से गढ़ी शिलाएं जाने कहाँ से कहाँ पहुँच गई और कहने को बुन्देली धरोहर को राष्ट्रीय पुरातत्व विभाग यहाँ मौजूद है ! चित्रकूट का सोमनाथ का मंदिर,कालिंजर की मूर्तियाँ,मंडफा के जंगल ( फतेहगंज ) में बने बिलरहका मठ,मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में ऐसे ही मिटाए गए है. 
'' चोरो ने की गुस्ताखी मगर हमने भी क्या किया,
बुन्देली धरा को लूटने का गढ़ समझ लिया ! '' - आशीष सागर
बुन्देली स्थापत्य कला की कुछ जानकारी इस लिंक में देखे - 
http://www.sarita.in/tourism/madhya-pradesh-unique-combination-love-nature-tradional

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home