Monday, April 27, 2015

नेपाल का भूकंप और देवभूमियो पर आदम की घुसपैठ !

तस्वीर गूगल से साभार है l ...
बाँदा -  ...कल नेपाल की एक वेबसाईट देखी  ' ताजा खबर' उसके विज्ञापन देखकर अंदाजा लगा की नेपाल में ये भूकंप क्यों आया !
ठीक वैसे ही जैसे केदारनाथ धाम में पोर्नलिजम आ गया है आस्था के घाटो में कुछ ऐसा ही नजारा अब कट्टर हिन्दू राष्ट्र कहलाने वाले नेपाल में गरीबी के चलते भी आया है. गाहे -बगाहे आप देखते भी होंगे ! ...देह व्यापार,तस्करी,हथियार तस्करी ,नशा सेवन और पर्यटन के नाम पर हिमालय में आदमी के कदमो की जूतमपैजार चहल -कदमी ने देवभूमियो को नपाक शाला बना दिया है...आदमी के कदम जहाँ भी पड़े अंतःकरण में विस्थापित विकृत मैल ने उस स्थान की हरीतिमा और शांति को प्रदूषित कर दिया है l उत्तराखंड में हरकी पौड़ी से लेकर ऋषिकेश तक फैला कंक्रीट का जंगल जिस तरह से अब काम वासनाओ को शांत करने का अड्डा, नए युगल दम्पति के मिलन का स्थल बनता जा रहा है उसने वहां की देवात्मा को छलनी किया है. माँ गंगा के घाट अब पश्चमी देशो के समुद्री बीच नजर आते है जहाँ अर्धनग्न देह में सरोबार आदमी -महिला अपने अन्तरंग का लुफ्त परिवार दे दूर जाकर उठा रहे है.
अब कहाँ है नेपाल में लगने वाली सीमेंट जेपी और बड़ी टाटा,अम्बानी और देशी -विदेशी कंपनियों के आला कमान मालिक देखिये आपकी भारी भरकम बिल्डिंग,मोबाइल टावर भरभरा कर बिला गए है. तीन हजार से शुरू हुआ इंसानी मौतों का आंकड़ा बहुत अधिक है !  अखबारी आप भले ही इस भूकंप को विज्ञानं की नजर दे देखे लेकिन मै ठेठ -देहाती इसको यूँ ही देखता हूँ अनाचार पर प्रकृति के सत्याग्रह की जीत l
आप जब प्रकृति का दोहन करते है तब वो संसाधनों का उपभोग है लेकिन जब प्रकृति आप पर संतुलन का कार्य करती है तो आप उसे आपदा का नाम देते है यही संवेदना का अंतर है l

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