सिल्का सैंड से खोकला होता बरगढ़ !
बुंदेलखंड का चित्रकूट बन रहा अवैध खनन का बाजार !
बाँदा से जारी ....12 अप्रैल ( तस्वीर गत 11 अप्रैल इलाहाबाद से वापसी में )तस्वीर में ....ये बुंदेलखंड के जिला चित्रकूट के बरगढ़ इलाके में काम करने वाले सिल्का सैंड के मजदूर है l ये रहवासी रीवा मध्य प्रदेश से है l आठ घंटे काम के बाद एक मजदूर को 200 रूपए मिलते है.या समूह में एक ट्रक भरने पर 5 हजार रूपये l खाली एक बोरी भरने पर 4 रूपये मात्र ! इस सिल्का सैंड से कांच,लोहा,जुड़ाई आदि का काम होता है l बरगढ़ के क्षेत्र में ये पत्थर ही मिलता है जिसेतोड़ने के बाद छन्ने से सफाई,धुलाई फिर पीसकर सिल्का सैंड का रूप दिया जाता है l उल्लेखनीय है कि ये खनन भी यहाँ बिना लीज के यूँ ही किया जा रहा हैl ठेकेदार और खान अधिकारी के गठबंधन से l गहरी खाई में तव्दील होता बरगढ़ तमाम गैर सरकारी संस्थाओ का कार्य क्षेत्र है मगर बाल श्रम का धन लेकर,महिला उन्नयन की दुहाई देकर इनके लिए आवाज उठाना उन्हें न गवार क्योकि व्यवस्था से लड़ना है तो जान जोखिम में डालनी पड़ेगी और यही अब एनजीओ के बस में नही है......!
किसान को मजदूर बनाया किसने ? कैसे बनता जा रहा वो बंधुआ !
सब नंगे होकर कह रहे है भाई मेरा लंगोट अधिक चमकता है दरअसल सत्ता में पहुंचकर सबकी जमात एक सी है और दोष नेता का नही पहले हम ये देखे कि हमने मत किस किरदार को दिया है....बदलाव करना है तो नेता और पार्टी के सहारे नही अपने सही कर्तव्य करे और फिर अधिकार मांगे बाकि किसान का कर्जा कोई नही उतार सकता....वो कर्जदार है ये भी सियासत का दांव है ....पहले उसका बीज छीना और नपुंसक बीज दिए,फिर गोबर छीनकर यूरिया और कैमिकल पकड़ाए,फिर सरकारी योजना में उसको मुफ्तखोर -मजदूर बना दिया l इसके साथ - साथ प्रकृति के मूल साधन जल -जंगल -ज़मीन का दोहन द्रुत गति से करवाया और अब कहते है कि हम अच्छा कल देंगे अरे ये कहो न ...दल के दलदल वालो कि जो किसान रह गया है उसको भी बंधुआ बनाकर छोड़ेंगे ....
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