पन्ना का मानसनगर लातूर से भयावह लगा !
भाग एक जारी - तस्वीर सहित पन्ना से फेसबुक डायरी में !
' बुंदेलखंड में लातूर पन्ना का मानसनगर ' !
-----------------------------------------------------पन्ना सिटी / मानषनगर (चांदमारी) से 15 मई -
महाराष्ट्र के लातूर जाने की क्या ज़रूरत है ! देश के खबरनवीश और डेमोक्रेसी के लिए सदमा हो सकती है यह तस्वीर ! बहुत दूर भी नही बुंदेलखंड के बाँदा से महज 110 किलोमीटर ही पन्ना जिले के शहर से लगी आदिवासियों की बस्ती मानस नगर की !! पन्ना के स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता युसूफ बेग और ज्ञानेद्र तिवारी ने बीते रविवार भूमिहीन आदिवासियों को पानी न मिलने पर बस्ती में 6 घंटे क्रमिक अनशन किया तब जाकर एक टैंकर पानी आया ! फेसबुक के युसूफ अपने मूल चेहरे में थे ! सचिव ने वादा किया है सोमवार से सुबह - शाम टैंकर आएगा ! ...क्षेत्र के सचिव और अभियंता योगेश खरे ( मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के उपयंत्री ) को इससे पहले इस 250 आदिवासी परिवारों की सुध नही थी ! सरकारी लबादे में उन्होंने इतना ही कहकर हाथ - पैर खड़े किये कि यहाँ पानी उपलब्ध नही है जमीन में मै क्या करूँ ? बस्ती वाले मात्र दो झिरिया ( गन्दा पानी ) पी कर बसर कर रहे है ! आदिवासी परिवार समीप स्थित कब्रिस्तान के कुंए में जाकर अपनी प्यास बुझाते थे लेकिन वो कुआं भी बेदम है अब ! हैंडपंप साथ छोड़ गए ! क्षेत्र के जेई साहेब बेनी सागर से सम्बद्ध है यह अलग बात है कि बेनी सागर भी सूख चुका है ! वे कहते है यहाँ बोर सफल नही है,जमीन में ग्रेनाईट पत्थर है हर जगह इसलिए कुआं ही मात्र एक समाधान है वो भी अगर 30 फिट में पानी मिल जाए तो !
पन्ना ज़िलाधिकारी ने 75 हेकेयेटर के धर्म सागर तालाब में सामाजिक पहल करते हुए टेंडर व्यवस्था को दरकिनार करके स्थानीय रहवासी को जोड़ा है,बासिंदों ने तालाब के लिए करीब 70 लाख रूपये दान किये है,सांसद ने और सरकारी मदद से बाकि कार्य किये जायेंगे ! और इस जनभागीदारी में हर समुदाय,उम्र के लोग शामिल हुए ये बड़ी बात है !...वही 174 हेकटेयर के लोकपाल सागर में अभी काम प्रारंभ नही है ! मानस नगर के ये गोंड आदिवासी हीरे की खदान या पत्थर की तुड़ाई का काम करते है जिससे इन्हे सिल्कोसिस ( अस्थमा ) हो जाता है,आकंडे बतलाते है कि आठ लोग इससे पीड़ित है ! राशन की दुकान 7 किलोमीटर है और मनारेगा के महज दस जाब कार्ड ही है ! सूत्र यह भी बतलाते है कि हाल ही पन्ना की में संवेदना संस्था ने इनका स्वयं सहायता समूह का 65 हजार रुपया हजम कर लिया है ! 71 बीपीएल परिवारों से सजी यह नितांत गरीब बस्ती में आठ कागजी एपीएल कार्ड वाले अमीर आदिवासी भी है ! बीते दिवस जो पानी का 'लाल रंग ' यहाँ देखा और एक टैंकर आने के बाद पेयजल की जद्दोजहद में टूटते लोग देखने को मिले, पीने के पानी को भीख में मांगते लोग मिले तब बुन्देली पानीदारी और मध्यप्रदेश पन्ना प्रसाशन के ऊपर सवाल खड़ा कर दिया है की जिंदगी को इतना आराम तलब न बनाये कि मानवता बेशर्म और ज़लील हो जाए !
- आशीष सागर
- आशीष सागर
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