Thursday, May 05, 2016

बाँदा नवाब का बाबू साहेब तालाब भू - माफिया के कब्जे में !

' बाँदा नवाब का बनाया बाबू साहेब तालाब भू - माफिया ने बेच दिया ' !

तालाबों की कोख हुई बंजर, तो बुंदेलखंड को चुभा सूखे का खंजर !


बाँदा में सूखा पड़ने पर बना था यह तालाब जिसको नवाब के कारिंदे बाबूराव गोरे ने अपनी देखरेख में बनवाया था ! शहर के ग्यारह बड़े तालाबों में शुमार ये जलाशय का बड़ा रकबा आज आवासीय कालोनी में तब्दील है ! इसके बाद निर्माण हुआ नवाब टैंक का !
बाँदा जिलाधिकारी योगेश कुमार महोदय इसी नवाब टैंक की तरह और इससे पूर्व का बाबूसाहेब तालाब अतर्रा चुंगी चौकी के पास है जिसके सर्वराह्कार / केयर- टेकर भी आप ही है ! इसको भी बाँदा नवाब ने बनवाया था जब बाँदा में सूखा पड़ा था ! उसको भू - माफिया ने एक जाति विशेष को बेच दिया है, उसमे फर्जी गौ- शाळा बनाकर बाँदा के अरबिंद रिछारिया, लेखपाल भानु प्रताप चौबे सहित अन्य ने ठिकाने लगा दिया है ! लेखपाल इस जुर्म में जेल भी गया अब बाहर है ! आज करीब तेतीस बीघे का यह लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट का प्राचीन जलाशय दफ़न होने की कगार पर है अगर समय मिले तो कभी इसकी पड़ताल करियेगा ...सभी कागज मेरे पास सुरक्षित है !
                                                          


 हाल ही में 29 अप्रैल को बाँदा आये राज्य सभा संवाददाता अरबिंद कुमार सिंह ने इसको बुंदेलखंड के सूखे पर लिया है ! बाँदा शहर के ही ग्यारह तालाब छाबी तालाब( नगर पालिका ने ख़तम किया कब्जे और कूड़े से ) ,स्वराज्य कालोनी का साहब तालाब (चारों तरफ से अतिक्रमण में जिसमे अब तक लाखो रुपया सदर विधायक विवेक सिंह,नगर पालिका गर्क कर चुकी है पर सूरत नही बदली ) सहित अतिक्रमण के शिकार है ! बाँदा के क़स्बा अतर्रा के तालाब देखें उन्हें तो नगर पालिका ही सूचनाधिकार की सूचि में अवैध कब्ज़ा मान चुका है बावजूद इसके कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर उच्च न्यायलय तक के आदेश फाइल में दबे है ! चित्रकूट जिले का कोठी तालाब ,गणेश भवन ( पुरातत्व के संरक्षण में ) बुंदेलखंड के महोबा में जहाँ आज पानी की रेल मंगाने का तमाशा किया जा रहा है उसमें भी सियासत हो रही है वही चन्देल कालीन मदन सागर ,कीरत सागर( पुरात्तव के संरक्षण में )  ,विजय सागर ,बेला ताल और चरखारी के विशाल तालाब देखें अगर यह आज सुरक्षित होते तो पानीदार बुंदेलखंड बेपानी नही होता ! कानून को पाजेब बनाकर रखना हमने सीखा है ...यह नितांत दुखद है !

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home