Sunday, January 31, 2016

गरीबी में अन्नदाता की आत्महत्या !

( तस्वीर - प्रतीकात्मक स्वयं की है बाँदा के गाँव अतरहट से )
बेंदाघाट,बाँदा 1 फरवरी -

'' दूर तक पसरा सन्नाटा है, न डिजीटल, न स्मार्ट है और न ही सैर- सपाटा है !यह किसान की आत्महत्या है , किसने इसका दर्द बांटा है ? '' 

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बंटवारे में मिली तीन बीघा कृषि भूमि में खेती कर परिवार पाल रहे युवा किसान ने फसल न होने और आर्थिक तंगी से टूट कर अटारी में फांसी लगा ली ! राजस्वकमियों ने मृतक के परिजनों को फौरीतौर पर कोटे से एक कुंटल राशन देने का निर्देश दिया है ! सदर तहसील के चिल्ला थाना क्षेत्र के दतरौली गाँव निवासी 37 वर्षीय किसान रामसिंह पुत्र दशरथ खेत से आने के बाद सीढ़ी से अटारी में चढ़ा और यह कदम उठा लिया ! धन्नी से रस्सी के सहारे यह आत्महत्या की गई ! पत्नी सुमनलता ने पति को जब लटका देखा तो शोरगुल मचाया ! रामसिंह की माँ को ह्रदय की गंभीर बीमारी है उसे माँ के इलाज के लिए 50 हजार की आवश्यकता थी जो पूरी नही हुई !....मृतक के पीछे दो पुत्र और चार बेटियां है ! सभी नाबालिंग है एक बेटा डेढ़ माह का है !
( गरीबी में परिवार नियोजन का कटु सच यह भी है कि मनोरंजन दैहिक सुख से होता है उसका दुखद परिणाम बच्चे ऐसे ही भोगते है ! वैसे भी सरकार के इस सम्बन्ध में किये गए प्रयास अथिश्योक्ति पूर्ण है ! जब ग्रामीण बच्चे खिलौने की जगह कंडोम से खेलते है ! यह अलग बात है उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही आंगनबाड़ी केंद्र में एनजीओ और खुद से खिलौना बैंक खोलने जा रही है ! ..खिलौने बच जाए यह देखने वाली बात होगी ! )....तहसीलदार सुनील पटेल,कानूनगो अवधेश पटेल और लेखपाल ने खुद माना है कि किसान की आर्थिक हालत दयनीय है !...सरकारी भरोसा मिला है कि शाषन से मदद करवाई जाएगी उधर गाँव के प्रधान पति विवेक सिंह ने मृतक के परिवार से मुलाकात की है ....! लगातार दो दिन में दो किसान आत्महत्या बाँदा में हुई !

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