सूखे बुंदेलखंड में 'अन्नदाता की आखत' और अनाज का कटोरा !
24 जनवरी बाँदा -
जो काम आदमी बनकर न हुआ वो इंसान बनकर हो सकता है ! भूखे - सूखे बुंदेलखंड में सियासी दौरा करने वाले नेताओं को काश यह समझ आ जाता तो यहाँ किसान आत्महत्या न करता !
जो काम आदमी बनकर न हुआ वो इंसान बनकर हो सकता है ! भूखे - सूखे बुंदेलखंड में सियासी दौरा करने वाले नेताओं को काश यह समझ आ जाता तो यहाँ किसान आत्महत्या न करता !
' अन्नदाता की आखत ' ने जमालपुर गाँव में दिया अनाज का दान !
आज बाँदा सदर की ग्राम पंचायत जमालपुर में ' अन्नदाता की आखत ' अभियान के तहत सामाजिक कार्यकर्ताओ ने गाँव के अतिगरीब बीस अनुसूचित जाति के लोगो को अनाज का दान दिया ! इसमे गाँव के भूमिहीन,बटाईदार ( दलित ) किसान है जो बड़े कास्तकारो की खेती जोतते है ! लेकिन सूखे की चपेट में आये इन परिवारों की रोजी -रोटी तो गई ही साथ ही गाँव से पलायन की स्थति बन गई है ! फौरी मदद में अनाज का कटोरा ( प्रति परिवार 5 किलो बेहतर सोनम चावल और बीस किलो गेंहू वितरित किया गया ) आखत से मिला ! 'अन्नदाता की आखत ' में यह सहयोग हमारे दिल्ली के साथी नारायण दास चंद्रुका ने की है...उनके माध्यम से दिए गए राशन को आज गाँव में पदवंचित लोगो को बराबर से बांटा गया है !....लाभार्थी में गाँव की विधवा सुकवरिया,सैकी,बाबू,रनिया,रामकिशोर,रामलली,चुन्नू , चुनबादी,पंचा,रामबाई,श्यामकली,लक्ष्मनिया,शिवकुमारी,भूरी,कुंअर प्रसाद,कैलाशिया,मथुरा, बेवा चम्पा,पचनिया और सावित्री रही है !
गौरतलब है कि गाँव की विधवा लक्ष्मनिया ( वाल्मीकि शुद्र ) जाति से है,जिसको आज आखत देते हुए सामाजिक कुठाराघात से झुझना पड़ता अगर हमारे साथ एकजुटता नही होती ! ....आज भी बुंदेलखंड के गाँव में सामंती विचारधारा घर किये है !....दलित और वाल्मीकि शुद्र ठाकुरों और सवर्णों के साथ खड़ा होकर सहजता से अपनी आखत नही ले सकता ! ....जब महिला ने संकोच में कहा कि ' मुहिका दुरे से डार द्या ' !...अन्य महिला बिचक रही थी तब मेरे विरोध करने पर उसको अनाज सबके साथ मिला !...प्रौढ़ महिला का घुंघट ढका था उसका पल्लू कुछ हटवाकर तस्वीर ली गई !.....ये व्यवस्था जहन में चुभी मुझे !....आगामी 5 फरवरी को हम बाँदा के नरैनी के गोरेपुरवा निवासी रजा खातून की बेटी रिजवाना खातून का निकाह / ब्याह करवाने जा रहे है !....रिजवाना के अब्बा मर चुके है और माँ ने जब एक दिन बाँदा शहर आकर बिटिया के लिए भीख मांगी कार्ड हाथ में लेकर तब सामना हुआ ! उसको गाँव वापस किया और रिजवाना की शादी हमारी ज़िम्मेदारी हो गई !
'अन्नदाता की आखत ' ने यह संकल्प लिया कि समूह बिटिया का ब्याह करेगा सामर्थ्य अनुसार !...बुंदेलखंड में बेटियां खाशकर किसान की घर न बैठे यह अभियान का फलसफा है !..मेरे साथ भाई शैलेन्द्र नवीन श्रीवास्तव,विवेक सिंह,डाक्टर कुंअर विनोद राजा मौजूद रहे !
आज बाँदा सदर की ग्राम पंचायत जमालपुर में ' अन्नदाता की आखत ' अभियान के तहत सामाजिक कार्यकर्ताओ ने गाँव के अतिगरीब बीस अनुसूचित जाति के लोगो को अनाज का दान दिया ! इसमे गाँव के भूमिहीन,बटाईदार ( दलित ) किसान है जो बड़े कास्तकारो की खेती जोतते है ! लेकिन सूखे की चपेट में आये इन परिवारों की रोजी -रोटी तो गई ही साथ ही गाँव से पलायन की स्थति बन गई है ! फौरी मदद में अनाज का कटोरा ( प्रति परिवार 5 किलो बेहतर सोनम चावल और बीस किलो गेंहू वितरित किया गया ) आखत से मिला ! 'अन्नदाता की आखत ' में यह सहयोग हमारे दिल्ली के साथी नारायण दास चंद्रुका ने की है...उनके माध्यम से दिए गए राशन को आज गाँव में पदवंचित लोगो को बराबर से बांटा गया है !....लाभार्थी में गाँव की विधवा सुकवरिया,सैकी,बाबू,रनिया,रामकिशोर,रामलली,चुन्नू , चुनबादी,पंचा,रामबाई,श्यामकली,लक्ष्मनिया,शिवकुमारी,भूरी,कुंअर प्रसाद,कैलाशिया,मथुरा, बेवा चम्पा,पचनिया और सावित्री रही है !
गौरतलब है कि गाँव की विधवा लक्ष्मनिया ( वाल्मीकि शुद्र ) जाति से है,जिसको आज आखत देते हुए सामाजिक कुठाराघात से झुझना पड़ता अगर हमारे साथ एकजुटता नही होती ! ....आज भी बुंदेलखंड के गाँव में सामंती विचारधारा घर किये है !....दलित और वाल्मीकि शुद्र ठाकुरों और सवर्णों के साथ खड़ा होकर सहजता से अपनी आखत नही ले सकता ! ....जब महिला ने संकोच में कहा कि ' मुहिका दुरे से डार द्या ' !...अन्य महिला बिचक रही थी तब मेरे विरोध करने पर उसको अनाज सबके साथ मिला !...प्रौढ़ महिला का घुंघट ढका था उसका पल्लू कुछ हटवाकर तस्वीर ली गई !.....ये व्यवस्था जहन में चुभी मुझे !....आगामी 5 फरवरी को हम बाँदा के नरैनी के गोरेपुरवा निवासी रजा खातून की बेटी रिजवाना खातून का निकाह / ब्याह करवाने जा रहे है !....रिजवाना के अब्बा मर चुके है और माँ ने जब एक दिन बाँदा शहर आकर बिटिया के लिए भीख मांगी कार्ड हाथ में लेकर तब सामना हुआ ! उसको गाँव वापस किया और रिजवाना की शादी हमारी ज़िम्मेदारी हो गई !
'अन्नदाता की आखत ' ने यह संकल्प लिया कि समूह बिटिया का ब्याह करेगा सामर्थ्य अनुसार !...बुंदेलखंड में बेटियां खाशकर किसान की घर न बैठे यह अभियान का फलसफा है !..मेरे साथ भाई शैलेन्द्र नवीन श्रीवास्तव,विवेक सिंह,डाक्टर कुंअर विनोद राजा मौजूद रहे !
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