Friday, January 15, 2016

मुख्य सचिव अलोक रंजन बुंदेलखंड में 'अलोक ' न कर पाए !

16 जनवरी बाँदा- 

' कल था चमन आज सहरा हुआ,उफ देखते ही देखते ये क्या हुआ ' !

मुख्य सचिव अलोक रंजन,उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड के दो दिवसीय दौरे से वापस अपने पंचम तल लौट गए ! बाँदा के लोहिया ग्राम पडुई के प्राथमिक स्कूल में बना वीआईपी स्विस काटेज ' मोबाइल सर्किट हाउस की तबियत आज नसाज है ! उसकी नाड़ी देखने वाला न सरकारी अमला गाँव में है और न इस अवसर को कैश कराने वाले जनसेवक ! जिससे जो बन पड़ा उसने वो पैतरा चला मुख्य सचिव की चाटुकारिता में ! क्या स्थानीय नेता,क्या समाजसेवी,कालेज के प्राचार्य और क्या आला अधिकारी सब एक चौपाल में बुन्देली बात कहने को तैयार लेकिन सच को दफ़न करते हुए ! 
मुख्य सचिव अलोक रंजन के सामने किसी जनसेवक ने नदी- पहाड़ो के खनन की बात न उगली ! किसी नेता ने खुद को रेत - पहाड़ का माफिया न कहा ! सूखा तो है समाधान सब चाहते है मगर यह भूलकर कि बुंदेलखंड के तालाब स्थानीय भू-कब्जेदार की चपेट में कैसे आ चुके है ? एक जनसेवक मुख्य सचिव को गाँव में तिलक करके एक रुपया देता है मगर यह बात नही कहता कि गरीबों के लिए आये शौचालय मैंने अपने परिवार को क्यों दिला दिए ? असहाय के लिए मिले इंद्रा आवास में इसी गाँव के प्रगतिशील किसान और लम्बरदार कैसे जम गए ? सब खामोश है अपनी लंगोट का मैला दिखलाने में कही बदबू निकली तो पूरा क्रीमी तबका गंधा जायेगा ! मुख्य सचिव मानते है कि बुन्देलखंड में 53 फीसदी खेत बोये गए है जबकि हाल ही में आये केन्द्रीय दल सहकारिता एवं कृषि मंत्रालय के हार्टिकल्चर निदेशक अतुल पटेल ने दावा किया था कि यहाँ 70 फीसदी खरीफ की फसल नष्ट हुई है और खेत खाली है रबी में ! सपा के  सांसद विशम्भर निषाद,विश्वम्भर यादव अलोक रंजन के सरकारी स्पीकर की तरह हाँ में हाँ मिलाते रहे और कहा गया कि सब योजनाये अमल में लाई  जायेगी

 ! 

इधर मुख्य सचिव पडुई से 14 की सुबह जब विदा होते है तो पगडंडी में गाँव की बे-पहुँच वाली औरतें रास्ते में गुहार लगाती है कि ' साहेब तुमका पूर गाँव घुमबें का चाही ' ! 
उधर मुख्य सचिव से न मिल पाने के दुःख में नरैनी के मानपुर गाँव की बेलपतिया पत्नी मृतक राजाराम ( गत अप्रैल में आत्महत्या की थी कर्जे से आहत ) अपने गाँव भाऊराम के पुरवा में काला दिवस मना रही थी ! उसने कहा कि मुझे मिलने वाली पारिवारिक लाभ योजना के तीस हजार रूपये बैंक मैनेजर ने बिना मेरी सहमती के बैंक खाते में जमा कर लिए है ! बेलपतिया चेतावनी देती है कि 26 जनवरी से गाँव में सत्याग्रह करेगी और अगर मांग न मानी तो आत्महत्या कर लेगी !

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