' अखिलेश ने राखी पर जनता से मांग लिया सरकारी आवास '
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18 August -
- यूपी सीएम को ताउम्र चाहिए सरकारी आवास !
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गत बुधवार को हुई कैबनेट की बैठक में जनता को नए प्रस्ताव पारित करके राखी बाँधी गई ! मुख्यमंत्री / कैबनेट मंत्री के वेतन में तीन गुना वृद्धि बिना जनता से पूछे की गई है ! अब मुख्यमंत्री का वेतन 40 हजार एवं राज्यमंत्री का 35 हजार रूपये मासिक होगा ! इसमे भत्ते और अन्य सरकारी सुविधा जोड़कर देखे तो यह लगभग 50 हजार के आस - पास पहुचेगा !
साथ ही हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी सहित 5 अन्य के आज भी सरकारी बंगला कब्जाने के चलते सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के क्रम में समाजवादी सरकार नया कानून बनाने जा रही है जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री को ताउम्र सरकारी आवास में रहने का अधिकार मिलेगा ! ये प्रस्ताव भी सत्रह अगस्त को कैबनेट ने पास किया ! अर्थात आने वाले सौ वर्ष में राजधानी लखनऊ के आधे हिस्से में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ही खड़े होंगे !!
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर थूककर उसे पीकदान में दाल दिया है ! यूपी मुख्यमंत्री ने अपनी प्यारी जनता से अपने रहते ये भेंट ' राखी ' पर मांग ली है ! देखना ये है जनता क्या आगे भी ऐसे बोझिल और संकुचित मानसिकता के नेताओं को अपना भाग्य विधाता बनाये रखेगी जो उसकी विकास की अस्मत पर अपनी भौतिक हवस पूरी करना चाहते है !
ये घटनाक्रम मुझे इसलिए अचंभित नही कर रहा जब बाँदा जिले के पंडित जेएन. कालेज का कथित प्राचार्य डाक्टर नन्दलाल शुक्ल अपर जिलाधिकारी राजस्व से मिलकर अपना सरकारी आवास लीज / पट्टे में लिखवा सकता है और सब चुप है ! तब अगर मुख्यमंत्री ये काम कर रहे है तो अचरज क्या है ?? यथा राजा तथा प्रजा !
#आजादीऔरविकास #UPCM
18 August -
- यूपी सीएम को ताउम्र चाहिए सरकारी आवास !
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गत बुधवार को हुई कैबनेट की बैठक में जनता को नए प्रस्ताव पारित करके राखी बाँधी गई ! मुख्यमंत्री / कैबनेट मंत्री के वेतन में तीन गुना वृद्धि बिना जनता से पूछे की गई है ! अब मुख्यमंत्री का वेतन 40 हजार एवं राज्यमंत्री का 35 हजार रूपये मासिक होगा ! इसमे भत्ते और अन्य सरकारी सुविधा जोड़कर देखे तो यह लगभग 50 हजार के आस - पास पहुचेगा !
साथ ही हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी सहित 5 अन्य के आज भी सरकारी बंगला कब्जाने के चलते सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के क्रम में समाजवादी सरकार नया कानून बनाने जा रही है जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री को ताउम्र सरकारी आवास में रहने का अधिकार मिलेगा ! ये प्रस्ताव भी सत्रह अगस्त को कैबनेट ने पास किया ! अर्थात आने वाले सौ वर्ष में राजधानी लखनऊ के आधे हिस्से में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ही खड़े होंगे !!
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर थूककर उसे पीकदान में दाल दिया है ! यूपी मुख्यमंत्री ने अपनी प्यारी जनता से अपने रहते ये भेंट ' राखी ' पर मांग ली है ! देखना ये है जनता क्या आगे भी ऐसे बोझिल और संकुचित मानसिकता के नेताओं को अपना भाग्य विधाता बनाये रखेगी जो उसकी विकास की अस्मत पर अपनी भौतिक हवस पूरी करना चाहते है !
ये घटनाक्रम मुझे इसलिए अचंभित नही कर रहा जब बाँदा जिले के पंडित जेएन. कालेज का कथित प्राचार्य डाक्टर नन्दलाल शुक्ल अपर जिलाधिकारी राजस्व से मिलकर अपना सरकारी आवास लीज / पट्टे में लिखवा सकता है और सब चुप है ! तब अगर मुख्यमंत्री ये काम कर रहे है तो अचरज क्या है ?? यथा राजा तथा प्रजा !
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