बुंदेलखंड में पलायन का दर्द !
http://www.aajsamaaj.com/article/555.html
न खेत में दाना,न पेट में पानी,
सूखी आँखों में रोज सुबह होती है !
गदेल ( युवा ) छोड़ गए बखरी,
गरीबी में खेले पत्ता , सुनाते खरी- खरी !
न खेत में दाना,न पेट में पानी,
सूखी आँखों में रोज सुबह होती है !
गदेल ( युवा ) छोड़ गए बखरी,
गरीबी में खेले पत्ता , सुनाते खरी- खरी !
( तस्वीर महोबा के ग्राम गुगौरा की जहाँ जलसंकट और क्रेशर का गुबार किसान की आंते निकाल रहा है ! )
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