Monday, April 25, 2016

भ्रसटाचार में डूबे है समाजवादी राहत पैकेट और पानी वाले टैंकर !

बुंदेलखंड के सूखा वाले क्षेत्र में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए प्रत्येक जिले के पेयजल संकट वाले गाँव में पेयजल के लिए जो टैंकर मंगाए जा रहे है ! उसको राजवित्त की मद से लिया जा रहा है,जिसमे यह रुपया ग्राम पंचायत खाते से निकलेगा जिसके ज़िम्मेदार ग्राम प्रधान होंगे...सीडीओ / बीडीओ का आदेश है टैकर हम खरीदंगे भुगतान ग्राम पंचायत से होगा !...नरैनी के निवासी यशवंत पटेल ने बतलाया कि एक टैंकर की लागत अस्सी हजार से एक लाख तक अधिकतम है बढ़िया से बढ़िया लिया जावे तो जबकि इसका भुगतान 1,89000 हजार रूपये किया जायेगा ! ग्राम पंचायत खाते से चेक माध्यम से !...ऐसा बाँदा के नरैनी तहसील में ग्राम करतल,कालिंजर और अन्य में हो रहा है ! यहाँ 80 दूरस्थ गाँव में 41 पानी के टैंकर आ रहे है ! उधर बाँदा जिले में समस्त नगर पालिका ने इसी रेट पर 42,90,000 रूपये के 22 टैंकर खरीदे है ! इसका सप्लायर फर्म जेएमडी खत्री है जो हिन्द नगर लखनऊ के पते पर पंजीकृत है ! 
                                                                   

सूखे में भ्रस्टाचार की खुजली पापी नियत ने खोज ली ! अब जरा अनुमान लगाए कि सात जिलों में यह पानी देने के नाम पर ' टैंकर घोटाला ' कितने का किया जा रहा है ? कहानी वही है -  चमड़ी जाए किसान की लेकिन, अधिकारी की दमड़ी न जाए !!! कुछ ऐसा ही बुंदेलखंड के सूखे - भूखे क्षेत्र में समाजवादी सरकार ने किसान / अन्त्योदय कार्ड धारक को राहत पैकेट वितरण में किया है है ! बाँदा जिले में यह ठेका स्थानीय दबंग नाल ( जुआ खिलवाने वाले ) अनिल सिंह को दिया है ! यह राहत पैकेट फुटकर खरीद सामग्री अनुसार 1290 रूपये है जो कि 1900 रूपये में ली जा रही है ! ऐसा ही घालमेल सरकारी स्तर पर भूसा वितरण में किया गया है यानी बुंदेलखंड का सूखा भी सरकारी हुक्मरान के आय का जरिया बन चुका है ! 
( तस्वीर में झाँसी के बंगरा विकासखंड के बोड़ा गाँव में बैलगाड़ी से पानी लाते लोग )

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