नेपाल की अभिनेत्री रायल कल्पना बोली आशीष तुमने मुझसे दुराचार क्यों न किया !
#सीमाकोन्याय #कथितदुराचार #पुरुषउत्पीड़न
#दलितपेशेवरमहिलागुलुआउर्फ़गुडिया#राजाभैयायादवकीचिंगारी #स्त्रीअस्मिताऔरमाँकाआंचल
30 मार्च - गत 25 फरवरी से सीमा विश्वकर्मा दुराचार प्रकरण को लगातार लिख रहा हूँ.इस न्याय की लड़ाई में और वैचारिक / न्याय पालिका के युद्ध में जहाँ एक बिना पिता की किसान बेटी के साथ सिलसिलेवार हुए शारीरिक अपराध,मानसिक घुटन और चारित्रिक लांक्षन का दंश बहुत कुछ कह चुका है.वही उस पीड़िता की पैरोकारी के बदले मुझे सपा और बसपा के चुने हुए कुछ खाश नेताओं ने अपना शिकार बनाकर राजा भैया 'यादव' के सहारे मेरी माँ की उमर की बुजुर्ग दलित महिला की आड़ से कथित रेप केस / एसटी-एसटी सहित अन्य धाराओं में घेरा जबकि सीमा ने अपनी तहरीर में उतना ही लिखा जो घटनाक्रम हुआ पिछले एक साल में,जिसकी गवाह उसकी सखी संगीता भी है इस प्रकरण में.कल तक जो नेता बसपा के मधुसदन कुशवाहा (सदर प्रत्याशी बसपा),गया चरण दिनकर और अन्य सीमा की रिपोर्ट लिखवाने में बैशाखी थे आज वही उसको,उसकी माँ को समझौते के लिए कह रहे है जिसके पर्याप्त साक्ष्य है...उधर सपा के विधायक विस्वम्भर यादव जी तो एक मात्र छद्म नारा लिए है...'आप सीमा को हटा लो हम गुडिया उर्फ़ गुलुआ को हटा
लेंगे ' !...तब जब कोर्ट में 164 के बयान और आरोपी का अरेस्ट स्टे उच्च नायालय से ख़ारिज हो गया है....मेरे ऊपर यह क्रास केस कराया ही इसलिए गया ताकि मै इनके साजिश में टूटकर सीमा की लड़ाई से तौबा कर लूँ !
खैर यह सब कुछ मेरी नेपाल देश की मित्र और अभिनेत्री ' रायल कल्पना ' देख और पढ़ रही है...वो कहती है 'बाबू' तुम्हारे किसान के लिए हुए 'अन्नदाता की आखत' राहत कार्यक्रम में बीस दिसंबर को मै मात्र फेसबुक भेंट पर चली आई बाँदा !...कभी वहां नही गई थी,सबसे मिली और तुम्हारे लिए सुना !...तुम वापसी में मेरे साथ लखनऊ तक आये,रात बारह बजे हम एक होटल में रुके,साथ रहे लेकिन तुमने मुझे छुआ तक नही तब तुमने यह ' रेप ' शब्द कैसे जाना है ? मुझे तुम्हारे साथ कोई असुरक्षा की भावना महसूस नही हुई ! मै सहज थी और सहज नेपाल पहुंची बाँदा से / बुंदेलखंड से ! ...क्या तुम दुराचार कर सकते हो इस माँ जैसी महिला से !...स्त्री अस्मिता का यह तार - तार होना क्या हम औरतों के लिए ' पुरुष उत्पीड़न ' और महिला (म से ममता,ह से हिम्मत और ल से लज्जा ) से मर्दानी बन जाने का फलसफा नही है !...जब तुमने मुझे हाथ नही लगाया जबकि तुम स्वतंत्र थे तब तुम बाँदा से 90 किलोमीटर एक अनजाने गाँव बाबुपुरवा में इस माँ के साथ कैसे गैंगरेप कर गए ? ....वो कहती है बाबू सब छोड़ दो,समाजसेवा और यह पुत्र की तरह सबके साथ लग जाना !...यह समाज तुम्हारे काबिल नही है !...ध्यान रहे मुझ पर दुराचार का आरोप लगाने वाली 51 वर्षीय गुडिया राजा भैया यादव के चिंगारी संघठन / विद्याधाम समिति का वह ब्रह्म्मास्त्र है जो मेरा सांतवा शिकार किया है एससी- एसटी,छेड़खानी जैसी विकृत धारा में !
नोट - इस पोस्ट को मेरी सफाई या बचाव नही एक महिला मित्र की साफगोई से देखे और पढ़े - ' ख़ुद चराग़ बन के जल वक़्त के अँधेरे में ,भीख के उजालों से रौशनी नहीं होती.'
---------------------------------------------30 मार्च - गत 25 फरवरी से सीमा विश्वकर्मा दुराचार प्रकरण को लगातार लिख रहा हूँ.इस न्याय की लड़ाई में और वैचारिक / न्याय पालिका के युद्ध में जहाँ एक बिना पिता की किसान बेटी के साथ सिलसिलेवार हुए शारीरिक अपराध,मानसिक घुटन और चारित्रिक लांक्षन का दंश बहुत कुछ कह चुका है.वही उस पीड़िता की पैरोकारी के बदले मुझे सपा और बसपा के चुने हुए कुछ खाश नेताओं ने अपना शिकार बनाकर राजा भैया 'यादव' के सहारे मेरी माँ की उमर की बुजुर्ग दलित महिला की आड़ से कथित रेप केस / एसटी-एसटी सहित अन्य धाराओं में घेरा जबकि सीमा ने अपनी तहरीर में उतना ही लिखा जो घटनाक्रम हुआ पिछले एक साल में,जिसकी गवाह उसकी सखी संगीता भी है इस प्रकरण में.कल तक जो नेता बसपा के मधुसदन कुशवाहा (सदर प्रत्याशी बसपा),गया चरण दिनकर और अन्य सीमा की रिपोर्ट लिखवाने में बैशाखी थे आज वही उसको,उसकी माँ को समझौते के लिए कह रहे है जिसके पर्याप्त साक्ष्य है...उधर सपा के विधायक विस्वम्भर यादव जी तो एक मात्र छद्म नारा लिए है...'आप सीमा को हटा लो हम गुडिया उर्फ़ गुलुआ को हटा
लेंगे ' !...तब जब कोर्ट में 164 के बयान और आरोपी का अरेस्ट स्टे उच्च नायालय से ख़ारिज हो गया है....मेरे ऊपर यह क्रास केस कराया ही इसलिए गया ताकि मै इनके साजिश में टूटकर सीमा की लड़ाई से तौबा कर लूँ !
खैर यह सब कुछ मेरी नेपाल देश की मित्र और अभिनेत्री ' रायल कल्पना ' देख और पढ़ रही है...वो कहती है 'बाबू' तुम्हारे किसान के लिए हुए 'अन्नदाता की आखत' राहत कार्यक्रम में बीस दिसंबर को मै मात्र फेसबुक भेंट पर चली आई बाँदा !...कभी वहां नही गई थी,सबसे मिली और तुम्हारे लिए सुना !...तुम वापसी में मेरे साथ लखनऊ तक आये,रात बारह बजे हम एक होटल में रुके,साथ रहे लेकिन तुमने मुझे छुआ तक नही तब तुमने यह ' रेप ' शब्द कैसे जाना है ? मुझे तुम्हारे साथ कोई असुरक्षा की भावना महसूस नही हुई ! मै सहज थी और सहज नेपाल पहुंची बाँदा से / बुंदेलखंड से ! ...क्या तुम दुराचार कर सकते हो इस माँ जैसी महिला से !...स्त्री अस्मिता का यह तार - तार होना क्या हम औरतों के लिए ' पुरुष उत्पीड़न ' और महिला (म से ममता,ह से हिम्मत और ल से लज्जा ) से मर्दानी बन जाने का फलसफा नही है !...जब तुमने मुझे हाथ नही लगाया जबकि तुम स्वतंत्र थे तब तुम बाँदा से 90 किलोमीटर एक अनजाने गाँव बाबुपुरवा में इस माँ के साथ कैसे गैंगरेप कर गए ? ....वो कहती है बाबू सब छोड़ दो,समाजसेवा और यह पुत्र की तरह सबके साथ लग जाना !...यह समाज तुम्हारे काबिल नही है !...ध्यान रहे मुझ पर दुराचार का आरोप लगाने वाली 51 वर्षीय गुडिया राजा भैया यादव के चिंगारी संघठन / विद्याधाम समिति का वह ब्रह्म्मास्त्र है जो मेरा सांतवा शिकार किया है एससी- एसटी,छेड़खानी जैसी विकृत धारा में !
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