Thursday, April 28, 2016

महोबा का मदन सागर होगा पानी- पानी !


'पहाड़ और क्रेशर माफिया अब तालाब बचा रहे ' !!

28 अप्रैल,महोबा- गत 27 अप्रैल को बुंदेलखंड के जनपद महोबा में पूर्व वर्ष ( कीरत सागर ) की भाँती अबकि मदन सागर में में श्रमदान की रस्म निभाई गई ! सूत्रों की माने तो वर्तमान शिक्षा व्यापारी एवं पूर्व क्रेशर संचालक जिनके भाई के नाम अब भी कबरई में पहाड़ तोड़ने के क्रेशर है अरबिंद सिंह ( चन्द्रिका देवी बालिका महाविद्यालय,महोबा ) / एक कालेज कबरई में स्थापित ) ने महोबा की ग्रामोन्नति सेवा संस्थान ( अनुदानित टाटा/ वाटर एड ) के सानिध्य में देश के ' जलपुरुष ' के साथ तालाबों को पुनर्जीवित करने के लिए फावड़ा चलाया है !! उनके साथ लैकपेड घोटाले के अभियुक्त पूर्व मंत्री बादशाह सिंह ( क्रेशर / पहाड़ माफिया ) भी गंवई मंच में उपस्थित थे ! सूत्र बतलाते है कि बीते साल महोबा जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की अगुआई में यह श्रमदान भरपूर हुआ था,तस्वीर ली गई,देश भर में ऐसा करने वालों ने खूब मार्केटिंग की बुंदेलखंड में दूसरा 'जलपुरुष ' पैदा करने को मगर अभी अरमान बाकी है ! 
                                                               


कागजी आंकड़ो में यह 400 खेत तालाब बना चुके है ! जिसमे बावजूद इसके महोबा में पानी की जंग की ख़बरें समाचार को तरबतर किये है ! ...इसी श्रंखला में यह अगली कड़ी है ! गौरतलब है ग्रामोन्नति सेवा संस्थान कबरई के गुगौरा गाँव में एक मीठे पेयजल प्रदान करने वाले कुंए का पानी वाटर एड के सहयोग से किये गए पुनर्निमाण में छीन चुकी है ! हाल यह है कि कभी इस कुंए से अपना खाना पकाने वाले ग्रामीण आज उसके बदबूदार पानी को नही पी सकते ! महोबा के बेलाताल,कीरत सागर,विजय सागर की तरह यह मदन सागर भी अब सूखे की तस्वीर लिए है ! ...चन्देल कालीन इन्ही तालाबों से कभी महोबा पानीदार हुआ करता था जिसकी सुध शायद उत्तर प्रदेश सरकार को आ गई है कि ' यहाँ तालाब नही जिंदगी सूख रही है ' ! ...यह मदन सागर भविष्य में कितना लबालब होगा यह फ़िलहाल समय की गर्त में है ! तालाबों की ब्रांडिंग करने वाले अगर वास्तव में संजीदा हो तो ये काम अथिश्योक्ति पूर्ण भी नही है लेकिन सम्मान,छपास की भूख में पानी - पानी बेपानी हो जाता है !!! वैसे भी जब समाजसेवा का कुनबा समाजहित से परे एक जाति विशेष से घिरने लगे तब यह होना लाजमी है !

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