Sunday, August 09, 2015

' बुंदेलखंड में शिक्षा का अधिकार '


7 अगस्त की रिपोर्ट 10 को  जारी - 

' उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम माननीय नरेंद्र मोदी ! - सत्येन्द्र-छात्र कक्षा 3 ' 


चित्रकूट मंडल के जिला बाँदा की नरैनी तहशील के फतेहगंज इलाके में खुला ये निजी पूर्व माध्यमिक स्कूल देखे ! गत 5 अगस्त को गाँव कल्यानपुर,फतेहगंज में मौके पर जाकर की गई पड़ताल की सीडी वीडियो मैंने बीते गुरुवार को बाँदा डीआईओएस को दी है...सीडी जल्द ही यू-tube में जारी होगी....यह एक निजी राममिलन पूर्व माध्यमिक स्कूल,ग्राम कल्यानपुर,फतेहगंज में चल रहा है...कक्षा 8 तक की मान्यता है इसको प्राप्त है लेकिन यह निजी स्कूल कक्षा 10,11,12 की क्लास का भी संचालन करता है.इन छात्राओ को यह स्कूल बघेलाबारी-फतेहगंज के निजी पंचमुखी इंटर कालेज और बदौसा के दीनानाथ बालिका इंटर कालेज से सम्बद्ध किये है. इस स्कूल के प्रधानाचार्य शातिर रामे


न्द्र सिंह पर हाल ही में डीआईओएस बाँदा ने कार्यवाही करते हुए रूपये 25 हजार का अर्थदंड किया था.जिसको प्रधानाचार्य ने जुर्माने के रूप में भरा है.बावजूद इसके स्कूल समय पर कोचिंग की आड़ में कक्षा 10,11 और 12 की क्लास का संचालन किया जा रहा है.साथ ही कक्षा 8 तक के बच्चो की प्राथमिक स्कूल शिक्षा का निम्न स्तर है.'' कक्षा तीन के बच्चे सत्येन्द्र को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम नही मालूम है,क्लास में बच्चे और आवारा कुत्ता एक साथ बैठेते है.यहाँ तक की प्रदेश के राज्यपाल को ये बच्चे नही जानते है.इनके अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी है ( वर्तमान प्रधानमंत्री ) ! '' बिना मान्यता के करीब 200 छात्राओ का अवैध प्रवेश पंचमुखी इंटर कालेजऔर दीनानाथ बालिका एनत्र कालेज में करके यह शिक्षा का गोरख धंधा चला रहा है... यहाँ पढने वाली छात्राओ का तर्क है कि हमारा कालेज बहुत दुरी पर है इसलिए यहाँ कोचिंग पढ़ते है ! अगर ऐसा है तो कालेज में कौन जाता है ? जब एक ही समय पर ये कोचिंग और वहां कालेज चलता हो ! जबकि जिला प्रसाशन के निर्देश है कि स्कूल के समय कोचिंग नही चलेगी !....कोचिंग भी ये ऐसी है जहाँ जर्जर कमरे में / शटरदार दुकान पर चलता है उजाले का व्यापार !....चित्रकूट मंडल के हर गली - कस्बो में फैले है ये शिक्षा माफिया और शिक्षा के छोटे दुकानदार मगर जुगाड़ के देश में सब चलता है !....मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कैसे और कब बदलेगी ये व्यवस्था जब आप सालाना करोड़ो फूंकते है शिक्षा के लिए और गैर सरकारी संस्थाए शिक्षा अधिकार / जनपैरवी / भोजन के अधिकार के लाखो के प्रोजेक्ट गर्क करते है.रायबरेली की लोकमित्र संस्था तो सालो से इस पर ही जमी है बकिया का हाल भी गजबे है ! नई पीढ़ी का भविष्य न सुधरा , न सुधरेगा आखिर शिक्षा की दुकानदारी सब पर भारी !

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