गुड़िया ने लगाया सपा नेता विश्वम्भर प्रसाद सहित अन्य पर दुराचार का आरोप !
समाजवाद की पैबंद में दम घोट रही ये पीड़िता !
चार पर मुकदमा दर्ज मगर सांसद पर नही !
नोट - उक्त प्रकरण से सम्बंधित आडियो / वीडियो और हार्ड कापी दस्तावेज मेरे पास सुरक्षित है इसलिए बिना सन्दर्भ दिए इस पोस्ट को कही प्रकाशित न करे ये पीड़िता के हित में है ....l
उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार का सियासी गलियारा आये दिन किसी न किसी विवाद और आरोप का शिकार हो रहा है.अब इसको सियासत का का काल चक्र कहे या ये मान ले कि परिवारवाद के कुनबे से राजनितिक बरगद बनी ये पार्टी सपा दरअसल अंदरखाने में ऐसी ही है तो गलत क्या है ! सरकार को तीन साल होने को है और करीब आता विधान सभा चुनाव भी इनकी मदान्धता का एक और बड़ा कारण है कहते है न अँधा रौशनी देखकर बौरा जाता है ! आये दिन सूबे में कानून की उड़ती बखिया के बीच आईपीएस नागरिक सुरक्षा अमिताभ ठाकुर से हुआ नेता जी मुलायम सिंह का टेलीफोनिक मामला और बदले में क्लास वन अफसर को दुराचार,छेड़खानी और हरिजन एक्ट में पत्नी डाक्टर नूतन ठाकुर सहित एक महिला से ग्यारह जुलाई को आरोपी बनवाना ये सियासत का खेल नही तो और क्या है ! जबकि इसी दिन अमिताभ ठाकुर की तहरीर मुलायम सिंह के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में नही लिखी गई ! सरकार के जाने के दिन जब भी करीब आते है ये हल्ला होता ही है एक के बाद एक मुद्दों से.
बुंदेलखंड के जिला बाँदा की तहसील नरैनी का गाँव खलारी भी आजकल गुपचुप ही सही सन्नाटे में अपना अलहदा शोर लिए है. इसी दोआबा क्षेत्र से निकली शीलू निषाद पूर्व बसपा विधायक पुरसोत्तम दिवेदी को जेल भिजवा चुकी है ये जानते हुए भी सत्ता के मतवाले नेता ने अपना रंग दिखला ही दिया.प्रकरण जनपद बाँदा के नरैनी तहसील के ग्राम पंचायत खलारी का है.इसी गाँव की रहवासी गुड़िया निषाद करीब तीस साल ने( विधवा महिला )समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और राज्य सभा सांसद विश्वम्भर प्रसाद निषाद सहित तीन अन्य,एक अज्ञात पर सामूहिक दुराचार का आरोप लगाया है.पीड़िता का कहना है कि 13 माह तक उसके साथ अलग - अलग स्थानों में ले जाकर
मसलन खलारी से कानपुर,झंझरी पुरवा(जसपुरा),हैदराबाद,धुन्धपुरऔर फिर कानपुर पटेलनगर से बरामद हुई ! सामूहिक दुराचार किया गया है. महिला लगातार रह - रहकर खाकी और अपने उन सरपरस्तो से जो इंसानियत के नाते उससे मिलते है को आप बीती सुनाती है.बेहद गरीब परिवार और दलित जाति से आने वाली ये पीड़िता आज अपने अबोध बेटे के साथ जिंदगी के उस चौराहे पर खड़ी है जहाँ से सारे रस्ते उसको अँधेरे की तरफ ले जा रहे है. न्याय की तलाश में भटकती ये महिला अपने सगे भाई और गाँव के गैरानेपन का दर्द तो झेल ही रही है साथ ही उसको कोई पैरोकार भी नही मिल रहा जो सत्ता के नक्कारखाने में उसका हाल बयां कर सके !इस मामले में रामकिशोर पुत्र जगनंदन निषाद निवासी धुन्धपुर पोस्ट सुमेरपुर जिला हमीरपुर ,देशराज पुत्र मैकू निवासी झंझरी पुरवा,जसपुरा ,बाँदा ,रामनरेश यादव पुत्र श्रीपाल निवासी कानाखेड़ा,पैलानी- बाँदा पर मुकदमा नंबर 15/15 आईपीसी की धारा 376,343,313,393,370,506 के तहत वाद दर्ज है, विवेचना आज भी चल रही है मगर अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नही हुई है! उधर पीड़िता का कहना है कि उसकी प्रथम तहरीर 3 फरवरी 2015 को तहसील- शिकायत दिवस नरैनी में आवेदन क्रमांक 4041500194 से की गई थी.जिसमे उसने बाँदा निवासी सपा नेता विश्वम्भर प्रसाद निषाद राज्य सभा सांसद सहित अन्य तीन जिनके नाम पर आज वाद दर्ज है को भी शामिल किया था. मगर अपने सत्ता की हनक और सरकार के रुतबे में मदहोश नेता ने अपना नाम मुझ पर दबाव बनाकर कटवाया है.मुझसे नशेऔर दहशत की हालत में झूठा हलफनामा खाली स्टाम्प में मेरे अंगूठे के निशान लेकर 11 फरवरी 2015 को लिया गया है, जबकि इसकी स्टाम्प बिक्री बैक डेट की है.( उक्त दस्तावेज सभी मेरे पास उपलब्ध है ) इसमे सांसद ने अपना नाम हटवा लिया है शेष नाम नही काटे गए है और इसी दिन गुड़िया निषाद के नाम से जो कि अनपढ़ है एक दूसरा प्रार्थना पत्र चित्रकूट मंडल के उप पुलिस महानिरीक्षक के नाम बनवा कर मेरे फर्जी अंगूठे के निशान के साथ सांसद का नाम काटते हुए दिया गया है.बड़ी बात ये है कि डीआईजी को दिए इस पत्र में बाँदा से नरैनी तहसील जाने तक मात्र एक बार ही शिकायती पत्र में अधिकारी के हस्ताक्षर है जबकि सामान्यत जिले से निकलने वाला कोई भी प्रसाशनिक पत्र आला अधिकारी के मार्क से रंग जाता है और तब जब प्रकरण दुराचार या हत्या का हो !सवाल ये भी है कि अगर सपा नेता निर्दोष है तो उन्हें किस बात का भय था जो महिला से बचत के लिए हलफनामा लिया गया ?वो भी नेताजी के निज निवास बाँदा में ! महिला के अनुसार! विधवा महिला ने अपने दिए प्रथम शिकायती पत्र में जो आरोप गैगरेप के साथ खुद को 60 हजार रुपयों में रामनरेश यादव पुत्र श्रीपाल निवासी कानाखेड़ा,पैलानी- बाँदा पर लगाये है वे उसके साथ किये गए अत्याचार की पोल खोलते है. इतना ही नही बकौल गुड़िया निषाद उसका गर्भपात भी कराया गया है जिसका सबूत है पंजीकृत मुक़दमे में धारा. गौरतलब है कि आज भी इस दुराचार केस की लगातार जाँच जनपद हमीरपुर में चल रही है इसके पीछे भी महिला ने खाकी के रखवालो,तत्कालीन एसो नरैनी पर आरोप लगाये है ताकि जाँच को प्रभावित किया जा सके.उसका कहना है कि जब 14 नवम्बर 2013 को मुझे मेरे गाँव खलारी,नरैनी से ले जाया गया है तो ये प्रकरण बाँदा से हमीरपुर कैसे स्थान्तरित किया गया ! मेरे पति की मौत के बाद से ही मै अपने माता - पिता के साथ यही खलारी में रह रही हूँ.यही से मुझे रामकिशोर ले गया था जालसाजी के साथ सब्जबाग दिखलाकर. महिला के साथ हुए शोषण की कहानी यही नही रूकती है उसके ऊपर मानसिक दबाव बनाने के लिए एक बार फिर सियासत ने अपना रुबा दिखाया. सपा नेता के इशारे पर गुड़िया निषाद के बूढ़े पिता सत्तर वर्षीय मैयादीन केवट और अन्य 5 पर फर्जी डकैती का मुकदमा ग्राम प्रधान खलारी - माखनपुर श्याम शरण पटेल पुत्र झल्लू ( सपा नेता - बालू माफिया ) के साथ मिलकर दर्ज करवा दिया गया 11 अप्रैल 2015 को थाना नरैनी में. ये मुकदमा उस दिन देर शाम पंजीकृत हुआ जब महिला के बयान गिरवा एसो अनीता चौहान,अन्य के समक्ष लिए जा रहे थे,इसकी बाकायदा वीडियो रिकार्डिंग करवाई गई.महिला ने संवाददाता से वीडियो कैमरे में कहा कि मुझसे जबरजस्ती ये कहलवाया गया कि दुराचार के वक्त सांसद नही थे,उनका नाम गलती से लिखा गया है ! ये विवेचना भी करतल थाने- नरैनी में चल रही है.पीडिता ने समाजवादी नेता का नाम कैमरे और वीडियो में लेते हुए कहा कि मेरे सगे भाइयो को ग्राम प्रधान ने नेता के कहने पर रुपयों से खरीद लिया है मेरे साथ महज माता - पिता ही है .यहाँ तक कि एक भाई ने एक कमरे में अबोध मेरे बेटे और माता पिता को रहने पर मजबूर किया है साथ ही एक दीवार खड़ी की है ताकि मुझसे कोई वास्ता न रहे ,हाल ये भी कि मेरे हैंडपंप में पानी भरने पर उसको पुनः पानी से धोया जाता है ताकि वो पवित्र हो जाये ! आये दिन मुझे बेटे सहित मारने की धमकी मिल रही है ,खाकी सरकार के पाले में है और पत्रकार गूंगे है ! बाँदा के इलेक्ट्रानिक मीडियाकर्मियों ने सांसद से रुपया लेकर खबर नही चलाने का ठेका ले लिया है ! आखिर कब मिलेगा इस गरीब महिला को मुकम्मल न्याय ये तो सत्ता की हनक ही बतला सकती है आरोपी खुले घूम रहे है !
मसलन खलारी से कानपुर,झंझरी पुरवा(जसपुरा),हैदराबाद,धुन्धपुरऔर फिर कानपुर पटेलनगर से बरामद हुई ! सामूहिक दुराचार किया गया है. महिला लगातार रह - रहकर खाकी और अपने उन सरपरस्तो से जो इंसानियत के नाते उससे मिलते है को आप बीती सुनाती है.बेहद गरीब परिवार और दलित जाति से आने वाली ये पीड़िता आज अपने अबोध बेटे के साथ जिंदगी के उस चौराहे पर खड़ी है जहाँ से सारे रस्ते उसको अँधेरे की तरफ ले जा रहे है. न्याय की तलाश में भटकती ये महिला अपने सगे भाई और गाँव के गैरानेपन का दर्द तो झेल ही रही है साथ ही उसको कोई पैरोकार भी नही मिल रहा जो सत्ता के नक्कारखाने में उसका हाल बयां कर सके !इस मामले में रामकिशोर पुत्र जगनंदन निषाद निवासी धुन्धपुर पोस्ट सुमेरपुर जिला हमीरपुर ,देशराज पुत्र मैकू निवासी झंझरी पुरवा,जसपुरा ,बाँदा ,रामनरेश यादव पुत्र श्रीपाल निवासी कानाखेड़ा,पैलानी- बाँदा पर मुकदमा नंबर 15/15 आईपीसी की धारा 376,343,313,393,370,506 के तहत वाद दर्ज है, विवेचना आज भी चल रही है मगर अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नही हुई है! उधर पीड़िता का कहना है कि उसकी प्रथम तहरीर 3 फरवरी 2015 को तहसील- शिकायत दिवस नरैनी में आवेदन क्रमांक 4041500194 से की गई थी.जिसमे उसने बाँदा निवासी सपा नेता विश्वम्भर प्रसाद निषाद राज्य सभा सांसद सहित अन्य तीन जिनके नाम पर आज वाद दर्ज है को भी शामिल किया था. मगर अपने सत्ता की हनक और सरकार के रुतबे में मदहोश नेता ने अपना नाम मुझ पर दबाव बनाकर कटवाया है.मुझसे नशेऔर दहशत की हालत में झूठा हलफनामा खाली स्टाम्प में मेरे अंगूठे के निशान लेकर 11 फरवरी 2015 को लिया गया है, जबकि इसकी स्टाम्प बिक्री बैक डेट की है.( उक्त दस्तावेज सभी मेरे पास उपलब्ध है ) इसमे सांसद ने अपना नाम हटवा लिया है शेष नाम नही काटे गए है और इसी दिन गुड़िया निषाद के नाम से जो कि अनपढ़ है एक दूसरा प्रार्थना पत्र चित्रकूट मंडल के उप पुलिस महानिरीक्षक के नाम बनवा कर मेरे फर्जी अंगूठे के निशान के साथ सांसद का नाम काटते हुए दिया गया है.बड़ी बात ये है कि डीआईजी को दिए इस पत्र में बाँदा से नरैनी तहसील जाने तक मात्र एक बार ही शिकायती पत्र में अधिकारी के हस्ताक्षर है जबकि सामान्यत जिले से निकलने वाला कोई भी प्रसाशनिक पत्र आला अधिकारी के मार्क से रंग जाता है और तब जब प्रकरण दुराचार या हत्या का हो !सवाल ये भी है कि अगर सपा नेता निर्दोष है तो उन्हें किस बात का भय था जो महिला से बचत के लिए हलफनामा लिया गया ?वो भी नेताजी के निज निवास बाँदा में ! महिला के अनुसार! विधवा महिला ने अपने दिए प्रथम शिकायती पत्र में जो आरोप गैगरेप के साथ खुद को 60 हजार रुपयों में रामनरेश यादव पुत्र श्रीपाल निवासी कानाखेड़ा,पैलानी- बाँदा पर लगाये है वे उसके साथ किये गए अत्याचार की पोल खोलते है. इतना ही नही बकौल गुड़िया निषाद उसका गर्भपात भी कराया गया है जिसका सबूत है पंजीकृत मुक़दमे में धारा. गौरतलब है कि आज भी इस दुराचार केस की लगातार जाँच जनपद हमीरपुर में चल रही है इसके पीछे भी महिला ने खाकी के रखवालो,तत्कालीन एसो नरैनी पर आरोप लगाये है ताकि जाँच को प्रभावित किया जा सके.उसका कहना है कि जब 14 नवम्बर 2013 को मुझे मेरे गाँव खलारी,नरैनी से ले जाया गया है तो ये प्रकरण बाँदा से हमीरपुर कैसे स्थान्तरित किया गया ! मेरे पति की मौत के बाद से ही मै अपने माता - पिता के साथ यही खलारी में रह रही हूँ.यही से मुझे रामकिशोर ले गया था जालसाजी के साथ सब्जबाग दिखलाकर. महिला के साथ हुए शोषण की कहानी यही नही रूकती है उसके ऊपर मानसिक दबाव बनाने के लिए एक बार फिर सियासत ने अपना रुबा दिखाया. सपा नेता के इशारे पर गुड़िया निषाद के बूढ़े पिता सत्तर वर्षीय मैयादीन केवट और अन्य 5 पर फर्जी डकैती का मुकदमा ग्राम प्रधान खलारी - माखनपुर श्याम शरण पटेल पुत्र झल्लू ( सपा नेता - बालू माफिया ) के साथ मिलकर दर्ज करवा दिया गया 11 अप्रैल 2015 को थाना नरैनी में. ये मुकदमा उस दिन देर शाम पंजीकृत हुआ जब महिला के बयान गिरवा एसो अनीता चौहान,अन्य के समक्ष लिए जा रहे थे,इसकी बाकायदा वीडियो रिकार्डिंग करवाई गई.महिला ने संवाददाता से वीडियो कैमरे में कहा कि मुझसे जबरजस्ती ये कहलवाया गया कि दुराचार के वक्त सांसद नही थे,उनका नाम गलती से लिखा गया है ! ये विवेचना भी करतल थाने- नरैनी में चल रही है.पीडिता ने समाजवादी नेता का नाम कैमरे और वीडियो में लेते हुए कहा कि मेरे सगे भाइयो को ग्राम प्रधान ने नेता के कहने पर रुपयों से खरीद लिया है मेरे साथ महज माता - पिता ही है .यहाँ तक कि एक भाई ने एक कमरे में अबोध मेरे बेटे और माता पिता को रहने पर मजबूर किया है साथ ही एक दीवार खड़ी की है ताकि मुझसे कोई वास्ता न रहे ,हाल ये भी कि मेरे हैंडपंप में पानी भरने पर उसको पुनः पानी से धोया जाता है ताकि वो पवित्र हो जाये ! आये दिन मुझे बेटे सहित मारने की धमकी मिल रही है ,खाकी सरकार के पाले में है और पत्रकार गूंगे है ! बाँदा के इलेक्ट्रानिक मीडियाकर्मियों ने सांसद से रुपया लेकर खबर नही चलाने का ठेका ले लिया है ! आखिर कब मिलेगा इस गरीब महिला को मुकम्मल न्याय ये तो सत्ता की हनक ही बतला सकती है आरोपी खुले घूम रहे है !
2 Comments:
शर्मनाक घटना.
शर्मनाक
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