Saturday, June 06, 2015

जिंदाबाद है केन के माफिया !...नदी की जल धारा को बनाया बंधक !

बाँदा 6 जून जारी -

' मंडल आयुक्त बाँदा और जिलाधिकारी केन के गुनाहगार '
' आज हुआ अवैध पुल तोड़ने का सरकारी तमाशा '
' केन की जल धारा पर अवैध पुल बुलंद है ! '
पुलिस उपमहा निरीक्षक ज्ञानेश्वर तिवारी की बल्ले - बल्ले !


गत तीन माह पहले यूँ ही कनवारा बाईपास पुल के निकट जिला मुख्यालय से करीब एक किलोमीटर ' केन नदी ' की जल धारा को बांधकर ट्रको की निकासी की जा रही थी.जिला पंचायत तहबाजारी का राजस्व गोलमाल करने के लिए ये काम करवाता रहता है. गत माह जब स्थानीय समाचार पत्र ने सक्रियता दिखलाई तो ये अवैध पुल आंशिक रूप में तोड़कर छोड़ दिया गया था. इधर तीन माह मामला शांत रहा और ये बालू माफिया / गुंडा टैक्स (जीटी ) वसूल करने वाले चुप रहे !
इधर एक सप्ताह से फिर से उसी आंशिक तोड़े गए 200 मीटर मिट्टी के पुल को जिला पंचायत के गुर्गो ने पुनः बनवा लिया और रात - दिन ट्रको की निकासी की जा रही है. इस बेहाल कर देने वाली गर्मी में केन नदी का पानी बंधक बना लेने का साहस सरकार की सरपरस्ती के बिना संभव नही है. जिला पंचायत में वर्तमान अध्यक्ष बसपा का सिपाही बलदेव वर्मा है. अब शायद सपा - बसपा में मौन गठबंधन हुआ हो इस पुल को लेकर !
बीते 4 जून को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिला फतेहपुर में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन के मामले में इलाहाबाद के मंडल आयुक्त ब्रज किशोर सिंह को निलंबित कर दिया था ये कहते हुए कि ...'क्या पैसे देकर पोस्टिंग करवाई है ! '
5 जून को खान अधिकारी और जिलाधिकारी फतेहपुर पर भी गाज गिरी है निलंबन की ! उधर चार दिवस पहले झाँसी के प्रकरण में एक तहसीलदार सपा सांसद चन्द्रपाल सिंह से गाली और चोर कहलाने का तमगा ले चुके है अवैध ट्रेक्टर पकड़ने के पुरुस्कार स्वरुप ! उस पर भी कोई कार्यवाही नही हुई आज तक !
गौरतलब है कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर बाँदा - चित्रकूट मंडल आयुक्त कल्पना अवस्थी,जिलाधिकारी सुरेश कुमार प्रथम,उनकी पत्नी डाक्टर विमलेश राठौर और वन संरक्षक केएल. मीणा ने संकल्प पत्र पढ़कर बाँदा के रहवासियों से नदी बचाने,तालाब की रक्षा का वचन लिया था ! जिस तमाशे को मैंने अपनी वाल में 5 जून को ही लिखा है देखे पोस्ट !


इधर इन न फरमानों का ये दुस्साहस कि बहती नदी को जिसमे पहले से पानी कम है उसकी हत्या करने का काम किया गया है ! प्रसाशनिक और सियासी गुंडागर्दी का ये गठबंधन देखकर मलाल नही ग्लानी होती है कि एक तरफ ये पर्यावरण सहेजने का प्रपंच करते है और दूसरी तरफ खुद बेखौफ होकर सुप्रीम कोर्ट / एनजीटी / उच्च न्यायालय के मुंह पर तमाचा मारते है ! मुख्यमंत्री जी या तो आप तक ये मुद्दे पहुँचते नही है ! या फिर जो किसी जुगाड़ से पहुँच गए उन पर खानापूर्ति करके इनके निलंबन की जुमलेबाजी में काम चलता कर दिया जाता है ! ये जनता और गरीब किसानो के गुनाहगार है जो बुंदेलखंड में एक - एक बूंद पानी को तबाह है.अगर हो सके तो संजीदा होकर जागिये कही आने वाली कम बरसात के बाद किसानो की आत्महत्या बिन पानी के इसी अवैध खनन और पुल के रूप में आपकी सरकार को बद्दुआ न दे डाले ! बाँदा - हमीरपुर में ऐसे ही वन विभाग की ज़मीन पर बक्छा,छेहरांव में नीरजा सिंह निवासी लखनऊ खदान गाटा संख्या 29/2 और 29/1 में नदी पर पुल बनाये है वाईल्ड लाइफ कानून को धता बतलाकर ! जब ये सब ही करना है तो क्यों देश की नदियों को अविरल और निर्मल करने का अभियान चलवाते हो ? करोड़ो रूपये बेकार में गर्क करते हो आखिर आप सबको तो धरती छोड़कर चन्द्रमा में चले जाना है ! ...किसान और गरीब बसर कर ही लेगा ! - आशीष सागर

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