Friday, June 03, 2016

सूखे बुंदेलखंड में पानी की बर्बादी !

‪#‎Droughtbundelkhand‬ ‪#‎BandaDM‬ ‪#‎UPCM‬

' क्या बुंदेलखंड में सूखा है ' ?------------------------------

1 जून 2016 - बुंदेलखंड के सूखे को लेकर जब हर तरह की राजनीति की जा रही हो ! चित्रकूट मंडल के चार जिले बाँदा,चित्रकूट,महोबा और हमीरपुर भयावह जल संकट से पीड़ित हो तब ग्रामीण क्षेत्रो में पानी की यह बर्बादी समाज की मानसिकता पर सवाल खड़ा करती है जहाँ हमारे गाँव मसलन महोबा के खन्ना,चित्रकूट का पाठा और हमीरपुर का गुसियारी,सायर,कपसा,झाँसी का बंगरा,ललितपुर के सारे बाँध बेपानी हो ,वे पानी भीख की तरह मांगते हो ! तब बाँदा जिले के नरैनी - करतल मार्ग पर अवैध रूप से संचालित बिना पर्यावरण एनओसी लिए चिमनी लगाकर मिटटी का खनन करने वाले ईट भट्टो के मालिक और उनका कुनबा पेयजल की बर्बादी कैसे करता है जिलाधिकारी बाँदा यह तस्वीर पर गौर करे ! बानगी है ये जल के विनाशलीला की ! गौरतलब है यह ईट भट्टे खेतों से कृषि मिटटी का खनन तीन मीटर से अधिक करते है ! जो उच्च न्यायलय के आदेश विपरीत है ! इनको समाज में जागरूक करने की आवश्यकता है ! नरैनी खंडविकास अधिकारी / खनिज अधिकारी इसके लिए ज़िम्मेदार है !
                                                 


क्या इसको देखकर नही लगता हमारी मानसिकता ही खैराती और प्राकृतिक साधनों के उपहास उड़ाने की बन चुकी है ! क्या लगता है हम सुधरेंगे ? बाँदा सहित समूचे बुंदेलखंड में ऐसे बोरवेल / नलकूप के सख्त निगरानी की आवश्कता है जो अपने को पानी पर मालिकाना हक़ दारी का लम्बरदार समझते है ! रात - दिन बहने वाले यह बोरवेल अकूत जलराशि का मजाक ईट भट्टो के साथ ऐसे ही बेजा बहाकर कर रहे है !

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