Thursday, August 27, 2015

'' उत्तर प्रदेश का अपंग लोकायुक्त !!!''

बाँदा / बुंदेलखंड 28 अगस्त जारी -

उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त को अखिलेश सरकार अपना वजीर बनाना चाहती है !
क्या उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त महज राज्य सरकार का कारिन्दा है ?मुख्यमंत्री के इशारे पर आखिर क्यों नाचे लोकायुक्त ?

लोकायुक्त के चयन को लेकर मची खींचतान में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राज्यपाल के मध्य खटास चरम पर है.समाजवादी मुखिया अपने चहेते जस्टिस रविन्द्र सिंह को लोकायुक्त की कुर्सी में बैठाना चाहती है! जबकि राज्यपाल इस मामले में चीफ जस्टिस के उठाये गए सवालों का हवाला देकर नए सिरे से नाम प्रस्तावित करने की बात में अड़े है ! बीते कई दिन से प्रदेश की राजधानी में ' लोकायुक्त नियुक्ति बनाम समाजवाद ' का तमाशा मीडिया खबरों में है....ये लोकायुक्त की नियुक्ति में लेट - लतीफी का खेल अब इस मुकाम पर पहुचं गया है कि गत 27 अगस्त को विधान सभा सत्र के अन्तराल में मुख्यमंत्री के माध्यम से लोकतंत्र की बखिया उधेड़ते हुए सपा सरकार के मनमाफिक लोकायुक्त के चयन का रास्ता साफ़ करने के लिए चीफ जस्टिस की भूमिका को ही समाप्त कर दिया गया है...लोकायुक्त का चयन अब लिए गए फैसले के अनुसार मुख्यमंत्री के अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय समिति करेगी !
इसमे विधानसभा अध्यक्ष,विधानसभा नेता विपक्ष एवं समिति के अध्यक्ष की तरफ से नामित परामर्श से सुप्रीम कोर्ट या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश बतौर सदस्य शामिल होंगे...विधान मंडल के दोनों सदनों में गुरुवार को उत्तर प्रदेश
लोकायुक्त एवं उपलोकायुक्त (संसोधन )विधेयक 2015 पास करा लिया गया है...नए प्रावधान के मुताबिक समिति में कोई पद रिक्त होने पर भी लोकायुक्त की नियुक्ति को अवैध नही माना जायेगा !
अब एक बार ये उछल- कूंद वाला लोकायुक्त मामला राज्यपाल के पाले में है ! रा
ज्यपाल राम नाइक अपने तेवर के अनुसार लगभग इस फैसले का विरोध करते हुए फाइल वापस करेंगे मगर एक बात साफगोई से कही जा सकती है कि देश के अन्य प्रान्तों की तर्ज खाशकर कर्नाटक के लोकायुक्त सरीखी स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच एजेंसी / संस्था की कप्लना कथित समाजवादी प्रदेश में करना बेमानी है ! क्योकि यहाँ नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री के इशारों का वजीर मात्र है लोकायुक्त .....न्यायाधीश की कसौटी पर उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त हाल -फ़िलहाल संदेह के घेरे में है और आगे भी रहेगा
@ Whistle Blower - आशीष सागर,बाँदा

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