अपर वेदा बांध के विरोध में उतरे किसान और आदिवासी !
' आदिवासी बेज़मीन होता है तो सत्याग्रह करता है '
किसान भूमिहीन हुआ तो खाओगे क्या कंक्रीट या कैप्सूल ?
किसान भूमिहीन हुआ तो खाओगे क्या कंक्रीट या कैप्सूल ?
जल सत्याग्रह का चौथा दिन नर्मदा मैया की आरती के साथ प्रारंभ।
उदयपुर,खारवा,सौनूद, फलदा आदि 14 आदिवासी ग्राम तह. झिर्निया, जिला खरगौन जलमग्न हो रहे है। सरकार द्वारा हाई कोर्ट जबलपुर मे झूठा हलफनामा दिया गया व सरकारक पुनर्वास नियम का खुले आम उलंघन कर आदिवासियों पर अत्याचार कर रही है।सरकार का रुख अमानवीय व अलोकतांत्रिक है। इस अहिंसक आन्दोलन को हिंसा के लिए उकसा रही है सरकार...नर्मदा बचाओ आन्दोलन की अहिंसक प्रष्टभूमि के कारण आन्दोलनकारियों की निष्ठा अहिंसक व लोकतांत्रिक तरीके से विरोध की है।
उदयपुर,खारवा,सौनूद, फलदा आदि 14 आदिवासी ग्राम तह. झिर्निया, जिला खरगौन जलमग्न हो रहे है। सरकार द्वारा हाई कोर्ट जबलपुर मे झूठा हलफनामा दिया गया व सरकारक पुनर्वास नियम का खुले आम उलंघन कर आदिवासियों पर अत्याचार कर रही है।सरकार का रुख अमानवीय व अलोकतांत्रिक है। इस अहिंसक आन्दोलन को हिंसा के लिए उकसा रही है सरकार...नर्मदा बचाओ आन्दोलन की अहिंसक प्रष्टभूमि के कारण आन्दोलनकारियों की निष्ठा अहिंसक व लोकतांत्रिक तरीके से विरोध की है।
मैग्सेसे पुरूस्कार विजेता प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पाण्डे ने जल सत्याग्रह स्थल पहुच किया आन्दोलन का समर्थन। कल शिवराज सरकार के sdm आये थे जनता को भ्रमित व आतंकित करते रहे।
उदयपुर,खारवा,सौनूद, फलदा आदि 14 आदिवासी ग्राम तह. झिर्निया,जिला खरगौन जलमग्न हो रहे है। सरकार द्वारा हाई कोर्ट जबलपुर मे झूठा हलफनामा दिया गया व सरकारक पुनर्वास नियम का खुले आम उलंघन कर आदिवासियों पर अत्याचार कर रही है।सरकार का रुख अमानवीय व अलोकतांत्रिक है। इस अहिंसक आन्दोलन को हिंसा के लिए उकसा रही है सरकार...अहिंसक प्रष्टभूमि के कारण आन्दोलनकारियों की निष्ठा अहिंसक व लोकतांत्रिक तरीके से विरोध की है।
शिवराज सरकार के इस अमानवीय कृत्य का हम सभी अपने अपने स्तर से विरोध करे।
उदयपुर,खारवा,सौनूद, फलदा आदि 14 आदिवासी ग्राम तह. झिर्निया,जिला खरगौन जलमग्न हो रहे है। सरकार द्वारा हाई कोर्ट जबलपुर मे झूठा हलफनामा दिया गया व सरकारक पुनर्वास नियम का खुले आम उलंघन कर आदिवासियों पर अत्याचार कर रही है।सरकार का रुख अमानवीय व अलोकतांत्रिक है। इस अहिंसक आन्दोलन को हिंसा के लिए उकसा रही है सरकार...अहिंसक प्रष्टभूमि के कारण आन्दोलनकारियों की निष्ठा अहिंसक व लोकतांत्रिक तरीके से विरोध की है।
शिवराज सरकार के इस अमानवीय कृत्य का हम सभी अपने अपने स्तर से विरोध करे।
क्या है पूरा मामला जाने...
अपर वेदा बांध के मुद्दे:-1. जमीन के बदले जमीन देने की निति का पालन नहीं किया गया। सर्वोच्च न्यायालय के 2011 के आदेश के बाद 305 प्रभावितों ने शिकायत निवारण प्राधिकरण के समक्ष जमीं देने के आवेदन लगाये जिन पर सुनवाई जारी है और फैसला आना बाकि है।सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के ही अनुसार जमीन देने की प्रकिया पूरी नहीं होती तब तक पानी नहीं भरा जा सकता है।
2. नया भू अर्जन कानून 2013 दिनांक 1 जनवरी 2014 से लागु हो गया है। इस कानून की धारा 24(2) के अनुसार यदि पुराना भू अर्जन 1 जनवरी 2014 के 5 वर्ष पूर्व हुआ है और जमीन का भौतिक कब्ज़ा किसान के पास है तो पुराना भू अर्जन निरस्त हो जायेगा और सरकार को नया भू अर्जन करना पड़ेगा। इस सम्बन्ध में सर्वोच्च न्यायालय के कई आदेश भी आ गए हैं। चूँकि वेदा बांध क्षेत्र में भू अर्जन 2005 यानि 9 साल पहले हुआ है और 1 जनवरी 2014 को कब्ज़ा प्रभावितों के पास रहा है अतः इस क्षेत्र का भू अर्जन निरस्त हो गया है।
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