Tuesday, August 25, 2015

' जातिवाद की सेज पर आरक्षण की राजनीती '



बीते 25 अगस्त की गुजरात महाक्रांति रैली विथ हार्दिक पटेल ' पाटीदार अनामत आन्दोलन समिति ' के बैनर से पटेलो को आरक्षण दिलाने की कवायद मीडिया गलियारों में सफल है !...होना भी चाहिए आखिर जातिवाद की सेज पर चक्कर लगाती जनता ही तो नेता बनाती है जबकि डकैत और गुंडे खाकी !! ये नही भूलना चाहिए की हार्दिक पटेल हो या अन्य जातिवाद का जहर घोलने वाले भीड़ तंत्र के बड़े सियासी नेता यह सब आजादी के बाद से जाति और आरक्षण जैसे मुद्दों की ही तो रोटियां खाकर सत्ता में जमते है,इसी से इनकी राजनीतिक आजीवका चलती है विरासत में, पिता के बाद पुत्र की गद्दी में ! ....सबसे बड़ी जोकर तो जनता है बिरादरी के नाम पर सरकारी नौकरी में लाभ पाने वाले ये कभी नही सोचते कि इस देश में आज एमटेक /एमसीए और बीटेक पास युवा लड़के अब रेलवे में खलासी,गैंगमैन बन रहे है और जिला कोर्ट महोबा में तो हाल में भर्ती हुए चतुर्थ क्लास सर्विस को देखे ...6 लोगो की हुई इस भर्ती में जिसमे आधे एलएलबी /एलएलएम और एमए पास है....इनमे से एक चपरासी ने जब जिले में एक न्यायधीश के सरकारी बंगले में उनकी चड्ढी -बनियान धोने की बात पर लिखित में पूछ लिया कि कृपया बतलाये मेरा टास्क वर्क क्या है ? तो उस न्यायधीश ने उत्तर देते हुए कहा कि ये आपको लिखित में नही बतलाया जा सकता जो सामने आएगा वो करना पड़ेगा !.....युवा लड़के ने अपनी नौकरी से इस्तीफा भेजा है जिसको वो न्यायधीश स्वीकार नही होने दे रहा जिला जज के पास दबाव में उल्टा उसको जेल भिजवाने की धमकी दी जा रही है....हार्दिक पटेल जैसे युवा नेता क्या कभी युवा के इस दंश को समझेंगे ? क्या कभी ये आरक्षण के मुद्दे इस आवाम को बांटने वाले राजनीती से विरक्त होकर साम्यवादी प्रतिभा...अवसर तक पहुँचने में मदद करेंगे और मीडिया ने आज तक आरक्षण के विरोध में हुई मौतों पर या उससे पिसती प्रतिभा पर कवरेज क्यों नही किया ? क्या ये आरक्षण संतान पैदा होने में भी नही कर देना चाहिए ? किसने बांटा संतानों को जातिवाद की बिसात पर उत्तर मीडिया और ये भेड़िये नेता दे ?
- आशीष सागर

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