www.indiawaterportal.org
http://hindi.indiawaterportal.org/node/46238
तत्कालीन जिला खान अधिकारी सोनभद्र एसके सिंह द्वारा 8 अक्टूबर 2013 को इस संवाददाता को उपलब्ध कराई गई जानकारी पर विश्वास करें तो उत्तर प्रदेश सरकार को हर साल खनन से 27,198 करोड़ रुपए का राजस्व देने वाले सोनभद्र में कुल डोलो स्टोन के 101 सैंड स्टोन के 86 और बालू/मोरम के 13 खनन पट्टे स्वीकृत हैं। हालांकि भौतिक स्तर पर इस खनन पट्टों की संख्या एक हजार के करीब है। शासन द्वारा स्वीकृत इन खनन पट्टों में कई राजनेता, पत्रकारों और उनके रिश्तेदार हैं।
घोरावल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक और सपा नेता रमेशचंद्र दुबे की कंपनी श्री रमेशचंद्र एंड कंपनी के नाम से बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 7573 की 1.5 एकड़ भूमि पर डोलो स्टोन का खनन पट्टा है। वह इस भूमि पर 19 सितंबर 2006 से खनन करा रहे हैं। शासन ने उन्हें 17 सितंबर 2016 तक इस भूमि पर खनन करने की छूट दे रखी है। हालांकि उन्होंने इस भूमि पर अब तक कितना खनन किया है और वह निर्धारित मानक से ज्यादा है या कम, यह जिला प्रशासन को पता नहीं है। इसके अलावा सपा विधायक रमेशचंद्र दुबे की पत्नी श्रीमती अंजना दुबे के नाम पर स्वीकृत खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 310/4 की 6.20 एकड़ भूमि पर सैंड स्टोन का खनन पट्टा है। इसकी वैधता 30 अगस्त 2008 से 29 अगस्त 2018 तक है। वहीं घोरवल विधायक रमेश चंद्र दुबे के भाई श्री राजन दुबे की पत्नी करुणा दुबे के नाम से स्वीकृत खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 312 मि. की 3.72 एकड़ भमि पर सैंड स्टोन का खनन पट्टा है इसकी वैधता भी अंजना दुबे के खनन पट्टे के अवधि के बराबर है।
सपा नेता और उत्तर प्रदेश समाजवादी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव रमेशचंद्र वैश्य के फर्म में रबिशा स्टोन प्रोडक्ट के नाम से बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 4920, 4921, 4922, 4924 की कुल भूमि 1.75 एकड़ डोलो स्टोन का खनन पट्टा आवंटित हैं। श्री वैश्य की कंपनी इस भूमि पर 4 जनवरी 2007 से खनन का काम कर रही है, जो 3 जनवरी 2017 तक करती रहेगी। हालांकि इस कंपनी ने जमीनी स्तर पर कितना खनन और परिवहन किया है इसकी जानकारी विभाग के पास मौजूद नहीं है। इसके अलावा श्री वैश्य की पत्नी श्री मती बिंदों देवी के नाम से रजिस्टर्ड फर्म में शिवम स्टोन प्रोडक्ट बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में आरजी संख्या 4949 ख की 2.0 एकड़ भूमि पर 13 दिसंबर 2010 से डोलो स्टोन का खनन एवं परिवहन कर रही है। शासन की ओर से उसे 12 दिसंबर 2020 तक खनन करने का लाइसेंस मिला हुआ है। अगर जमीनी स्तर पर उक्त भूमि पर हुए डोलो स्टोन के खनन और उसके परिवहन के लिए जारी एमएम-11 परमिट पर हुए निकासी के मामलों की जांच की जाए तो इसमें भारी अनियमितताएँ सामने आएंगी।
सपा नेता और चोपन नगर के पंचायत अध्यक्ष इम्तियाज अहमद के नाम से बर्दिया खनन क्षेत्र में अराजी संख्या-902, 903 और 941 क की कुल 1.58 एकड़ भूमि पर मिर्जापुर जनपद के चौकिया गांव निवासी अलगू सिंह के पुत्र अवधेश सिंह और वाराणसी जनपद के पांडेयपुर निवासी श्रीमती केशमनी देवी के साथ 13 दिसंबर 2010 से डोलो स्टोन का खनन और परिवहन कर रहे हैं। इस सभी लोगों को 12 दिसंबर 2010 तक उक्त भूमि पर खनन करने का अधिकार है। इसके अलावा सपा नेता इम्तियाज अहमद के भाई उस्मान अली के नाम से बर्दिया खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या 878 क की 1.30 भूमि पर डोलो स्टोन के खनन का पट्टा आवंटित है। उन्हें यह खनन पट्टा भी उक्त खनन पट्टे की अवधि के बराबर की अवधि के लिए मिला है। वहीं बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या 7364 ख, 7365 और 7366 की 3 एकड़ भूमि पर चोपन नगर पंचायत अध्यक्ष अन्य लोगों के साथ मिलकर खनन करा रहे हैं। इसकी अवधि भी उपरोक्त अवधि के बराबर ही है।
बलिया के रसड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक और बसपा नेता उमाशंकर सिंह की कंपनी सीएस इंफ्राकंस्ट्रक्शन लिमिटेड (छात्र शक्ति इंफ्राकंस्ट्रक्शन लिमिटेड) बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र के अराजी संख्या 6229 ख की 1.50 एकड़ भूमि पर 13 मार्च 2010 से डोलो स्टोन का खनन कर रही है। उत्तर प्रदेश की पूर्व बसपा सरकार ने रसड़ा विधायक की कंपनी को 12 मार्च 2020 तक डोलो स्टोन के खनन और परिवहन का अधिकार दे रखा है। इसके अलावा बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या 4478 छ की 2.50 एकड़ भूमि पर विधायक उमाशंकर सिंह के नाम से डोलो स्टोन का एक अन्य खनन पट्टा है। इस खनन पट्टे की अवधि भी उक्त खनन पट्टे की अवधि के बराबर है। गौर करने वाली बात यह है कि बसपा विधायक उमाशंकर सिंह की कंपनी छात्र शक्ति इंफ्राकंस्ट्रक्शन लिमिटेड कंपनी ने बसपा की पिछली सरकार में सोनभद्र में लोक निर्माण विभाग से होने वाले अधिकतर सड़क निर्माण के कार्य को अंजाम दिया है, लेकिन व सभी सड़क मार्ग बनने के दौरान ही उखड़ने लगे थे। ये बातें जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में सामने भी आ चुकी हैं।
बसपा नेता और राबर्टसगंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक सत्यनारायण जैसल की पत्नी श्रीमती मीरा जैसल स्वीकृत खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 282 मि. की 4.00 एकड़ भूमि पर 6 अगस्त 2010 से सैंड स्टोन का खनन करवा रहीं है। बसपा की पिछली सरकार ने उन्हें 5 अगस्त 2020 तक इस भूमि पर खनन करने का अधिकार दे रखा है। हालांकि वहां खनन के दौरान सुरक्षा मानकों की जमकर अनदेखी की जा रही है। इतना ही नहीं एमएम 11 परमिट जारी करने की तुलना में खनन का दायरा बहुत कम है। हालांकि इसकी सही जानकारी जिला प्रशासन के पास मौजूद नहीं है।
बसपा नेता और मिर्जापुर-भदोही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व सांसद नरेंद्र कुशवाहा की पत्नी श्री मती मालती देवी कोटा खनन क्षेत्र में सोन नदी से लगे अराजी संख्या 3984 ग और 3984 घ की 1.50 एकड़ भूमि पर बालू का खनन 23 जुलाई 2011 से करवा रही हैं। बसपा की सरकार ने उन्हें 22 जुलाई 2014 तक बालू खनन और उसके परिवहन का लाइसेंस दे रखा है, लेकिन सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर कोई ध्यान नहीं दिया। वर्तमान सपा सरकार भी वैसा ही कर रही है। बता दे कि नरेंद्र कुशवाहा वेबसाइट कोबरा पोस्ट डॉट कॉम और हिंदी न्यूज चैनल आज तक के संयुक्त स्टिंग ऑपरेशन कैश फॉर क्वैरी में आरोपी है, जिसमें सांसदों द्वारा नोट लेकर प्रश्न पूछने का मामला सामने आया था।
इनके अलावा बसपा नेता और राजगढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक अनिल मौर्या के भतीजे संजीव कुमार मौर्या के नाम से सिंदुरिया खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 240 के 1.30 हेक्टेयर भूमि पर बिल्ली मारकुंडी निवासी श्री मती बरमावती देवी के साथ डोलो स्टोन का खनन पट्टा है। वे इस पर 31 अक्टूबर 2011 से खनन और उसके अवयवो का परिवहन कर रहे हैं। इस भूमि पर खनन की स्वीकृत 24 अक्टूबर 2021 तक है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य राहुल श्रीवास्तव की पत्नी श्री मती निरंजना श्रीवास्तव बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 4478 छ की 1.78 एकड़ भूमि पर 4 अक्टूबर 2011 से डोलो स्टोन का खनन और उसके अवयवों का परिवहन करवा रही है। राज्य सरकार की ओर से उन्हें 3 अक्टूबर 2021 तक ऐसा करने का अधिकार मिला हुआ है। श्रीमती श्रीवास्तव पूर्व में हिंदी दैनिक स्वतंत्र भारत से मान्यता प्राप्त पत्रकार रह चुकी हैं। उनके पति राहुल श्रीवास्तव भी हिंदी दैनिक हिंदुस्तान से मान्यता प्राप्त पत्रकार रह चुके हैं। वर्तमान में वह हिंदी दैनिक जनसंदेश टाइम्स के सोनभद्र ब्यूरो प्रमुख हैं। बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में श्रीवास्तव परिवार का स्टोन केशर प्लांट भी संचालित होता है।
खनन के क्षेत्र में लिप्त अन्य पत्रकारों की बात करें तो इस सूची में कई प्रतिष्ठित अखबारों के प्रतिनिधि शामिल हैं। दैनिक जागरण समाचार पत्र के पूर्व ओबरा प्रतिनिधि बशीर बेग जिनका देहांत हो चुका है के नाम से बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में साबिक अराजी संख्या 1966 और हाल अराजी संख्या 4478 की कुल 7.55 एकड़ भूमि पर डोलो स्टोन का खनन पट्टा 17 फरवरी 2011 से 16 फरवरी 2021 तक आवंटित है।
स्व. बशीर बेग के बेटे दारा शिकोह का गैर सरकारी संगठन में दारा सेवा समिति बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या 7577 क की 1.70 एकड़ भूमि पर 17 मई 2007 से डोलो स्टोन का खनन कर रहा है। यह संगठन 16 मई 2017 तक उक्त भूमि पर खनन के कार्य को अंजाम दे सकता है। इसके अलावा स्व. बशीर बेग के भाई जावेद बेग का फर्म दारा स्टोन वर्क्स बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 1950की 0.31 एकड़ भूमि पर डोलो स्टोन का खनन और परिवहन कर रहा है। इस खनन का विस्तार 29 अक्टूबर 2008 को हुआ जो इस साल की 5 नवंबर तक मान्य है। अगर इस खनन पट्टे के नाम पर जीएमएम 11 परमिट के आयतन की गणना की जाए तो वह आवंटित खनन पट्टे के रकबे से कहीं ज्यादा होगी, जो गौर कानूनी है। इनके अलावा अन्य कई खनन पट्टा धारक है जो प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के प्रतिनिधि बनकर इलाके में खनन के धंधे को अवैध रूप से अंजाम देते हैं।
कुछ यूं ही बुंदेलखंड के जनपद बांदा में सपा जिलाध्यक्ष शमीम बांदवी और खनन सिंडीकेट माफिया सीरजध्वज सिंह की अगुवाई में केन नदी के सीने को चीरकर लाल सोना निकाला जा रहा है। सरकार चाहे किसी की भी हो बुंदेलखंड का सिंडीकेट सीरजध्वज सिंह के हाथ में रहता है आखिर बेईमानी के धंघे में ईमानदारी करना उनका एक हुनर है। इसी तरह जनपद जालौन के ग्राम पथरेहटा के गाटा संख्या 656, 655 में अवैध बालू खनन रोकने के लिए कई बार स्थानीय किसान रामफल द्विवेदी ने शिकायती पत्र दिए लेकिन सपा समर्थित विधायक दीपनारायण यादव क्षेत्र गरौठा, अनीश खान, राजनाथ मिश्रा की तिकड़ी से बेतवा नदी और नदी से जुड़े खेतों में बालू का खनन बेखौफ किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड के सभी जनपदों से सालाना बालू और पत्थर खनिज से 510 करोड़ रूपए राजस्व की वसूली होती है। सीएजी की रिपोर्ट 2011 पर नजर डाले तो 258 करोड़ रुपए सीधे राजस्व की चोरी की गई है। वहीं वन विभाग की लापरवाही से जारी की गई एनओसी के बल पर वर्ष 2009 से 2011 के मध्य जनपद महोबा, हमीरपुर, ललितपुर में परिवहन राजस्व वन विभाग को न दिए जाने के चलते सरकार को 3 अरब की राजस्व क्षति का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ा है।
कहना गलत नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश में सरकार के समानांतर एक और सरकार खनन माफियाओं की चलती है जो वास्तव में विधानसभा चलाते हैं। इनके दिए धन से पार्टी के टिकट और चुनाव के खर्चे तय होते हैं। जिसका आपराधिक चरित्र जितना बड़ा हो खनन के सिंडीकेट का बादशाह होता है और बाकी सब गुलाम।
http://hindi.indiawaterportal.org/node/46238
अवैध खनन के इस खेल में सब तर-बतर हैं
बुंदेलखंड
के सभी जनपदों से सालाना बालू और पत्थर खनिज से 510 करोड़ रूपए राजस्व की
वसूली होती है। सीएजी की रिपोर्ट 2011 पर नजर डाले तो 258 करोड़ रुपए सीधे
राजस्व की चोरी की गई है। वहीं वन विभाग की लापरवाही से जारी की गई एनओसी
के बल पर वर्ष 2009 से 2011 के मध्य जनपद महोबा, हमीरपुर, ललितपुर में
परिवहन राजस्व वन विभाग को न दिए जाने के चलते सरकार को 3 अरब की राजस्व
क्षति का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ा है।
सोनभद्र के खनिज विभाग की ओर से
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मुहैया कराई गई जानकारी पर गौर करें
तो यहां डोलो स्टोन, सैंड स्टोन बालू और मोरम के खनन और स्टोन क्रेसर
प्लांटों के संचालन में अवैध खनन की पुष्टि हुई है। (केंद्रीय पर्यावरण एवं
वन मंत्रालय, उच्चतम न्यायालय, उत्तर प्रदेश वन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन,
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन की विभिन्न जांच रिपोर्ट
में अवैध खनन, अवैध परिवहन और स्टोन क्रेसर प्लांटों के मानक विपरीत चलने
का भी जिक्र होता रहता है।) खनन के गोरखधंधे में राज्य की सत्ता में काबिज
समाजवादी पार्टी, मुख्य विपक्षी पार्टी बहुजन समाज पार्टी, अखिल भारतीय
कांग्रेस पार्टी, भारतीय जनता पार्टी के कई वर्तमान विधायकों और सांसदों के
साथ-साथ अनेक राजनेता और आपराधिक छवि के लोग शामिल हैं।तत्कालीन जिला खान अधिकारी सोनभद्र एसके सिंह द्वारा 8 अक्टूबर 2013 को इस संवाददाता को उपलब्ध कराई गई जानकारी पर विश्वास करें तो उत्तर प्रदेश सरकार को हर साल खनन से 27,198 करोड़ रुपए का राजस्व देने वाले सोनभद्र में कुल डोलो स्टोन के 101 सैंड स्टोन के 86 और बालू/मोरम के 13 खनन पट्टे स्वीकृत हैं। हालांकि भौतिक स्तर पर इस खनन पट्टों की संख्या एक हजार के करीब है। शासन द्वारा स्वीकृत इन खनन पट्टों में कई राजनेता, पत्रकारों और उनके रिश्तेदार हैं।
घोरावल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक और सपा नेता रमेशचंद्र दुबे की कंपनी श्री रमेशचंद्र एंड कंपनी के नाम से बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 7573 की 1.5 एकड़ भूमि पर डोलो स्टोन का खनन पट्टा है। वह इस भूमि पर 19 सितंबर 2006 से खनन करा रहे हैं। शासन ने उन्हें 17 सितंबर 2016 तक इस भूमि पर खनन करने की छूट दे रखी है। हालांकि उन्होंने इस भूमि पर अब तक कितना खनन किया है और वह निर्धारित मानक से ज्यादा है या कम, यह जिला प्रशासन को पता नहीं है। इसके अलावा सपा विधायक रमेशचंद्र दुबे की पत्नी श्रीमती अंजना दुबे के नाम पर स्वीकृत खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 310/4 की 6.20 एकड़ भूमि पर सैंड स्टोन का खनन पट्टा है। इसकी वैधता 30 अगस्त 2008 से 29 अगस्त 2018 तक है। वहीं घोरवल विधायक रमेश चंद्र दुबे के भाई श्री राजन दुबे की पत्नी करुणा दुबे के नाम से स्वीकृत खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 312 मि. की 3.72 एकड़ भमि पर सैंड स्टोन का खनन पट्टा है इसकी वैधता भी अंजना दुबे के खनन पट्टे के अवधि के बराबर है।
सपा नेता और उत्तर प्रदेश समाजवादी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव रमेशचंद्र वैश्य के फर्म में रबिशा स्टोन प्रोडक्ट के नाम से बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 4920, 4921, 4922, 4924 की कुल भूमि 1.75 एकड़ डोलो स्टोन का खनन पट्टा आवंटित हैं। श्री वैश्य की कंपनी इस भूमि पर 4 जनवरी 2007 से खनन का काम कर रही है, जो 3 जनवरी 2017 तक करती रहेगी। हालांकि इस कंपनी ने जमीनी स्तर पर कितना खनन और परिवहन किया है इसकी जानकारी विभाग के पास मौजूद नहीं है। इसके अलावा श्री वैश्य की पत्नी श्री मती बिंदों देवी के नाम से रजिस्टर्ड फर्म में शिवम स्टोन प्रोडक्ट बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में आरजी संख्या 4949 ख की 2.0 एकड़ भूमि पर 13 दिसंबर 2010 से डोलो स्टोन का खनन एवं परिवहन कर रही है। शासन की ओर से उसे 12 दिसंबर 2020 तक खनन करने का लाइसेंस मिला हुआ है। अगर जमीनी स्तर पर उक्त भूमि पर हुए डोलो स्टोन के खनन और उसके परिवहन के लिए जारी एमएम-11 परमिट पर हुए निकासी के मामलों की जांच की जाए तो इसमें भारी अनियमितताएँ सामने आएंगी।
सपा नेता और चोपन नगर के पंचायत अध्यक्ष इम्तियाज अहमद के नाम से बर्दिया खनन क्षेत्र में अराजी संख्या-902, 903 और 941 क की कुल 1.58 एकड़ भूमि पर मिर्जापुर जनपद के चौकिया गांव निवासी अलगू सिंह के पुत्र अवधेश सिंह और वाराणसी जनपद के पांडेयपुर निवासी श्रीमती केशमनी देवी के साथ 13 दिसंबर 2010 से डोलो स्टोन का खनन और परिवहन कर रहे हैं। इस सभी लोगों को 12 दिसंबर 2010 तक उक्त भूमि पर खनन करने का अधिकार है। इसके अलावा सपा नेता इम्तियाज अहमद के भाई उस्मान अली के नाम से बर्दिया खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या 878 क की 1.30 भूमि पर डोलो स्टोन के खनन का पट्टा आवंटित है। उन्हें यह खनन पट्टा भी उक्त खनन पट्टे की अवधि के बराबर की अवधि के लिए मिला है। वहीं बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या 7364 ख, 7365 और 7366 की 3 एकड़ भूमि पर चोपन नगर पंचायत अध्यक्ष अन्य लोगों के साथ मिलकर खनन करा रहे हैं। इसकी अवधि भी उपरोक्त अवधि के बराबर ही है।
बलिया के रसड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक और बसपा नेता उमाशंकर सिंह की कंपनी सीएस इंफ्राकंस्ट्रक्शन लिमिटेड (छात्र शक्ति इंफ्राकंस्ट्रक्शन लिमिटेड) बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र के अराजी संख्या 6229 ख की 1.50 एकड़ भूमि पर 13 मार्च 2010 से डोलो स्टोन का खनन कर रही है। उत्तर प्रदेश की पूर्व बसपा सरकार ने रसड़ा विधायक की कंपनी को 12 मार्च 2020 तक डोलो स्टोन के खनन और परिवहन का अधिकार दे रखा है। इसके अलावा बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या 4478 छ की 2.50 एकड़ भूमि पर विधायक उमाशंकर सिंह के नाम से डोलो स्टोन का एक अन्य खनन पट्टा है। इस खनन पट्टे की अवधि भी उक्त खनन पट्टे की अवधि के बराबर है। गौर करने वाली बात यह है कि बसपा विधायक उमाशंकर सिंह की कंपनी छात्र शक्ति इंफ्राकंस्ट्रक्शन लिमिटेड कंपनी ने बसपा की पिछली सरकार में सोनभद्र में लोक निर्माण विभाग से होने वाले अधिकतर सड़क निर्माण के कार्य को अंजाम दिया है, लेकिन व सभी सड़क मार्ग बनने के दौरान ही उखड़ने लगे थे। ये बातें जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में सामने भी आ चुकी हैं।
बसपा नेता और राबर्टसगंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक सत्यनारायण जैसल की पत्नी श्रीमती मीरा जैसल स्वीकृत खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 282 मि. की 4.00 एकड़ भूमि पर 6 अगस्त 2010 से सैंड स्टोन का खनन करवा रहीं है। बसपा की पिछली सरकार ने उन्हें 5 अगस्त 2020 तक इस भूमि पर खनन करने का अधिकार दे रखा है। हालांकि वहां खनन के दौरान सुरक्षा मानकों की जमकर अनदेखी की जा रही है। इतना ही नहीं एमएम 11 परमिट जारी करने की तुलना में खनन का दायरा बहुत कम है। हालांकि इसकी सही जानकारी जिला प्रशासन के पास मौजूद नहीं है।
बसपा नेता और मिर्जापुर-भदोही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व सांसद नरेंद्र कुशवाहा की पत्नी श्री मती मालती देवी कोटा खनन क्षेत्र में सोन नदी से लगे अराजी संख्या 3984 ग और 3984 घ की 1.50 एकड़ भूमि पर बालू का खनन 23 जुलाई 2011 से करवा रही हैं। बसपा की सरकार ने उन्हें 22 जुलाई 2014 तक बालू खनन और उसके परिवहन का लाइसेंस दे रखा है, लेकिन सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर कोई ध्यान नहीं दिया। वर्तमान सपा सरकार भी वैसा ही कर रही है। बता दे कि नरेंद्र कुशवाहा वेबसाइट कोबरा पोस्ट डॉट कॉम और हिंदी न्यूज चैनल आज तक के संयुक्त स्टिंग ऑपरेशन कैश फॉर क्वैरी में आरोपी है, जिसमें सांसदों द्वारा नोट लेकर प्रश्न पूछने का मामला सामने आया था।
इनके अलावा बसपा नेता और राजगढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक अनिल मौर्या के भतीजे संजीव कुमार मौर्या के नाम से सिंदुरिया खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 240 के 1.30 हेक्टेयर भूमि पर बिल्ली मारकुंडी निवासी श्री मती बरमावती देवी के साथ डोलो स्टोन का खनन पट्टा है। वे इस पर 31 अक्टूबर 2011 से खनन और उसके अवयवो का परिवहन कर रहे हैं। इस भूमि पर खनन की स्वीकृत 24 अक्टूबर 2021 तक है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य राहुल श्रीवास्तव की पत्नी श्री मती निरंजना श्रीवास्तव बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 4478 छ की 1.78 एकड़ भूमि पर 4 अक्टूबर 2011 से डोलो स्टोन का खनन और उसके अवयवों का परिवहन करवा रही है। राज्य सरकार की ओर से उन्हें 3 अक्टूबर 2021 तक ऐसा करने का अधिकार मिला हुआ है। श्रीमती श्रीवास्तव पूर्व में हिंदी दैनिक स्वतंत्र भारत से मान्यता प्राप्त पत्रकार रह चुकी हैं। उनके पति राहुल श्रीवास्तव भी हिंदी दैनिक हिंदुस्तान से मान्यता प्राप्त पत्रकार रह चुके हैं। वर्तमान में वह हिंदी दैनिक जनसंदेश टाइम्स के सोनभद्र ब्यूरो प्रमुख हैं। बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में श्रीवास्तव परिवार का स्टोन केशर प्लांट भी संचालित होता है।
खनन के क्षेत्र में लिप्त अन्य पत्रकारों की बात करें तो इस सूची में कई प्रतिष्ठित अखबारों के प्रतिनिधि शामिल हैं। दैनिक जागरण समाचार पत्र के पूर्व ओबरा प्रतिनिधि बशीर बेग जिनका देहांत हो चुका है के नाम से बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में साबिक अराजी संख्या 1966 और हाल अराजी संख्या 4478 की कुल 7.55 एकड़ भूमि पर डोलो स्टोन का खनन पट्टा 17 फरवरी 2011 से 16 फरवरी 2021 तक आवंटित है।
स्व. बशीर बेग के बेटे दारा शिकोह का गैर सरकारी संगठन में दारा सेवा समिति बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या 7577 क की 1.70 एकड़ भूमि पर 17 मई 2007 से डोलो स्टोन का खनन कर रहा है। यह संगठन 16 मई 2017 तक उक्त भूमि पर खनन के कार्य को अंजाम दे सकता है। इसके अलावा स्व. बशीर बेग के भाई जावेद बेग का फर्म दारा स्टोन वर्क्स बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या 1950की 0.31 एकड़ भूमि पर डोलो स्टोन का खनन और परिवहन कर रहा है। इस खनन का विस्तार 29 अक्टूबर 2008 को हुआ जो इस साल की 5 नवंबर तक मान्य है। अगर इस खनन पट्टे के नाम पर जीएमएम 11 परमिट के आयतन की गणना की जाए तो वह आवंटित खनन पट्टे के रकबे से कहीं ज्यादा होगी, जो गौर कानूनी है। इनके अलावा अन्य कई खनन पट्टा धारक है जो प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के प्रतिनिधि बनकर इलाके में खनन के धंधे को अवैध रूप से अंजाम देते हैं।
कुछ यूं ही बुंदेलखंड के जनपद बांदा में सपा जिलाध्यक्ष शमीम बांदवी और खनन सिंडीकेट माफिया सीरजध्वज सिंह की अगुवाई में केन नदी के सीने को चीरकर लाल सोना निकाला जा रहा है। सरकार चाहे किसी की भी हो बुंदेलखंड का सिंडीकेट सीरजध्वज सिंह के हाथ में रहता है आखिर बेईमानी के धंघे में ईमानदारी करना उनका एक हुनर है। इसी तरह जनपद जालौन के ग्राम पथरेहटा के गाटा संख्या 656, 655 में अवैध बालू खनन रोकने के लिए कई बार स्थानीय किसान रामफल द्विवेदी ने शिकायती पत्र दिए लेकिन सपा समर्थित विधायक दीपनारायण यादव क्षेत्र गरौठा, अनीश खान, राजनाथ मिश्रा की तिकड़ी से बेतवा नदी और नदी से जुड़े खेतों में बालू का खनन बेखौफ किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड के सभी जनपदों से सालाना बालू और पत्थर खनिज से 510 करोड़ रूपए राजस्व की वसूली होती है। सीएजी की रिपोर्ट 2011 पर नजर डाले तो 258 करोड़ रुपए सीधे राजस्व की चोरी की गई है। वहीं वन विभाग की लापरवाही से जारी की गई एनओसी के बल पर वर्ष 2009 से 2011 के मध्य जनपद महोबा, हमीरपुर, ललितपुर में परिवहन राजस्व वन विभाग को न दिए जाने के चलते सरकार को 3 अरब की राजस्व क्षति का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ा है।
कहना गलत नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश में सरकार के समानांतर एक और सरकार खनन माफियाओं की चलती है जो वास्तव में विधानसभा चलाते हैं। इनके दिए धन से पार्टी के टिकट और चुनाव के खर्चे तय होते हैं। जिसका आपराधिक चरित्र जितना बड़ा हो खनन के सिंडीकेट का बादशाह होता है और बाकी सब गुलाम।
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home