Friday, September 10, 2010

आखिर ये भुखमरी क्यों

 एक बहुत  ही जहनी सा सवाल है की जब हमारे दुनिया का सबसे जायदा आनाज सरकारी गोदामों में जमा होता है उसके बाद भी लाखो लोग फुट पाथ में राते गुजार कर दो समय का खाना  मिले ही बिना सोते है और उधर  बेशकीमती होटलों , महगी गाडियों में बैठ कर देश के पूजीपति एक रात में ही हजारो का बिल सिर्फ परिवारों के खानों में लुटाते है आज दुनिया के 13 करोड़ लोगो की ज़मात है भारत में जो भूखे ही सोती है , क्यों अरबो का रुपया बर्बाद करती है हमारी सरकारे योजनाओ के नाम पार अगर इतना ही रुपया गरीबो के घरो में जाकर बाट होता तो भी देश की भुखमरी मिट जाती लेकिन मुफ्त में तो आदमी की पेशाब भी भारत में नहीं मिलती तो फिर इंसानियत कैसे मिल सकती है मै पुरे यकीन से कहता हू की 2010 तो क्या हम सदिय भी गुजार दे तो ऐसे हालातो में जबकि हर 3 भारतीय भ्रस्टाचार में डूबा है तो आप ही अंदाजा लगाये की इस अरमानो के देश का क्या होने वाला है यहाँ आज एक जयप्रकाश और मार्क्स वाद की ही ज़रूरत है जो विकास की बुनियादो को किसानो और मजदूरो के खून पसीने पार तय करती है.....एक ही उल्लू काफी है बर्बाद गुलिस्ता करने को , जब हर साख पे उल्लू बैठा है तो अंजाम गुलिस्ता क्या होगा ?

Labels:

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home