रास्ते
रास्तों को छोड़कर बनाओ नये रास्ते,
कुछ अपने कुछ गैरों के वास्ते,
चाहे जंगल से गुज़रे या गंगा के घाट से,
पुरानी सड़क छोड़ो अपनाओ नये रास्ते!
कुछ तुम बनाओ कुछ हम बनाए नये रास्ते.....
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यायावर दृष्टि हरियाली चौपाल.....ISSN 2394-7861
रास्तों को छोड़कर बनाओ नये रास्ते,
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