Saturday, February 27, 2010

मेरी आप बीती कहानी - चित्रकूट ( बुंदेलखंड )



मै,.... मै कुछ बनना चाहती हू !
मै एक बहादुर बच्ची बनना चाहती हू ,
लेकिन ......कम पर जाना,माँ का ताना ,और यह जमाना ,मुझे रोक देता है !
मै एक कामयाब किशोरी बनना चाहती हू ,
लेकिन..... सारा दिन का काम,आराम पर लगाम ,और मजदूरी का काम दाम,
मुझे रोक देता है !
मै एक पवित्र पत्नी बनना चाहती हू !
लेकिन .....पति की शराब ,बेटे का ऊचा ख्वाब,और मेरा खुद का स्वाथ्य खराब ,
मुझे रोक देता है !
मै एक बढिया बुजुर्ग बनना चाहती हू !
लेकिन ......भूख की लाचारी, खासी की बीमारी,और बेटे की रोज की मारामारी ,
मुझे रोक देती है!
शायद यही है हर महिला की कहानी ,...बचपन,बुढ़ापा और जवानी !

Labels:

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home