Sunday, March 06, 2011

विश्व गोरैया दिवस मनाये - प्रकृति का उपहार बचाए

मित्रो आगामी 20 March को एक बार फिर हमारी घरो की शान
और काकी की दुलारी ची - ची मुडेर पर चहकने वाली गोरैया को बचाने की जिम्मेवारी 
का दिन है चलो हम हमेशा के लिए इनको चित्रकार की पेंटिंग ,कवियों की कल्पना और आगन की बाते 
मात्र बनने से रोके , अभी समय है की इनको अपनी पहचान ,घरो की दस्तक और सामाजिक रीती 
के लिए बचाए ताकि हमारा इको सिस्टम और आदमी की सभ्यता दोनों महफूज - पुख्ता रहे ये अपील नहीं हमारी 
आपसे प्राथना है .........आपका एक प्रयास जैसे - इनको दाना -पानी ,घोसलों की छूट देना ,घरो की खिडकिया खोल 
कर इनका स्वागत करना ही इनके सह अस्तित्व को बचाए रख पायेगा , अगर आप और हमने एक गोरैया को भी अपने आगन 
में खुले मन से घोसला बनाने को इजाज़त दी तो यकीन मानिये की ये ची - ची मीठी से बोलिया आपको प्रकृति का अनुपम 
उपहार तो देगी ही साथ ही फिर से हम कह पायेगे की - आगन में बनेगा अब की गोरैया का घोसला !
( आओ विश्व गोरैया दिवस मनाये - प्रकृति का उपहार बचाए )

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