हल
उसमे बैलो कि ताकत और लोहे का पैनापन ,एक जवान पेड़ कि मजबूती
किसी लोहार कि कलाकार कुशलता
धोकनी कि तेज आच में तपा हुआ उस लुहार का धीरज
इन सबसे बढ़कर परती को फोड़कर उर्वर बना देने कि उत्कट मानवीय इक्छा है उसमे
दिन भर कि जोत के बाद पहाड़ में मेरे घर कि दीवार से सटकर खड़ा वह
मुझे किसी दुबके हुए जानवर कि तरह लगता है
बस एक लम्बी छलाग और वह गायब हो जायेगा मेरे अतीत में
कही !
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