Sunday, September 21, 2014

म्रत्यु शैया पर मंदाकनी - चित्रकूट बुंदेलखंड में !

आस्था की जीवंत प्रमाण रही चित्रकूट की मंदाकनी नदी अब म्रत्यु शैया पर है l 
ब्रहमकुण्ड ( मझगवां ) मध्यप्रदेश के जंगलो से निकली मंदाकनी कभी भगवान राम के 11 वर्षो के चित्रकूट वनवास की साक्षी रही है l लेकिन अब  इस नदी का अस्तित्व और अस्मिता बेहद खतरे में है l 
जगह - जगह मानवीय अतिक्रमण और गंदे सीवर ने मंदाकनी को मृत करने की पूरी तैयारी कर ली है l माँ गंगा की तरह मंदाकनी भी अधिक दिनों तक जीवित नही रहेगी l




 जनपद चित्रकूट धाम कर्वी में माँ मंदाकनी का हाल आरोग्य धाम ( दीन दयाल शोध संस्थान चित्रकूट ) में माँ मंदाकनी के अविरल जल को डैम बनाकर बांधे जाने के बाद - म्रत्यु शैया पर मंदाकनी l 

बहती हुई नदी को इस संस्थान ने अपने निज स्वार्थ में बांध रखा है और बड़ी बात ये है कि इसको मध्यप्रदेश पर्यटन का आशीष प्राप्त है l आरोग्य धाम आयुर्वेदिक चिकित्सालय टाटा ट्रस्ट के अनुदान से बना है l इसका निर्माण भी उनके ही अनुदान धनराशी से हुआ है अब यह बात और है कि उच्च न्यायालय जबलपुर और एनजीटी से हुए आदेश के क्रम में वर्ष 1998 के बाद के निर्माण को हटाये जाने की अनुशंषा है l नदी के दोनों हिस्सों में नदी के रकबे पर विश्राम आवास गृह और गाड़ी पार्किग बनी है l या यूँ कहे कि मंदाकनी नदी के एक बड़े भू - भाग में स्थानीय नागरिको ने अतिक्रमण किया है l जिस विस्तार से मंदाकनी नदी सती अनसुइया और आरोग्य धाम के आगे बहती मिलती है वही नदी की धार प्रमोदवन आते - आते अपने अस्तित्व को लड़ रही है अपने ही कथित भक्तो और अस्थावादियो से l मध्यप्रदेश जिला प्रसाशन के वरदहस्त से l पानी की बहती धार रूककर आने वाले पर्यटकों का मनोरंजन तो करती है लेकिन जो गाद पानी में जमा हो रही है उसका मलाल कौन करेगा ? आरोग्य धाम में हुए यह निर्माण वर्ष 2000 के बाद के ही है l नदी बंध जाने से गाद और शिल्ट ने पानी की निर्मलता को डार्क जोन में पंहुचा दिया है l हाल ही में नगर पंचायत नयागाँव ने अतिक्रमण तो हटाये पर उन्हें ये नही दिखे !!!
हो सकता है ये तस्वीरे आपके लिए लाइक या कमेन्ट करने का प्रतीक मात्र हो मगर ये आस्था और चित्रकूट की जीवन रेखा का दारोमदार भी है जिसके लिए आवाज उठाने वाला भागीरथ अभी भूमिगत है l आगे के क्रम में मंदाकनी में गिरते - पड़ते गटर के नालो और अन्य कब्जो की चर्चा करेंगे l - 21 सितम्बर जारी चित्रकूट से l

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