Saturday, July 02, 2011

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(Report) बांदा में कांशीराम आवास हो गए अमीरों के हवाले !


सरकारी कर्मचारी, व्यापारी और तथाकथित पत्रकारों की पनाह बने कांशीराम आवास
  • असहाय निरीह और गरीबी से आजिज सैकड़ो तीमारदारों को नही मिले बी0पी0एल आवास
  • 200 से 300 बीघा के कास्तकारों को बांटे गये गरीबों के आशियाने
  • बीस करोड़ की लागत वाले 1500 आवासों में 940 की खुलने लगी पोल
  • जिला शहरी विकास अधिकरण (डूडा) ने नही दी आर0टी0आई0 की सूचना
जनपद बांदा में कांशीराम शहरी गरीब आवासीय योजना के तहत निम्नीपार और हरदौली घाट मोहल्ला स्थित कुल 1500 आवास निरीह , असहाय और निराश्रित बी0पी0एल0 कार्ड धारको के लिये बनाये गये थे। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग, जिला विकास अभिकरण ने बिल्डिंग निर्माण का काम झांसी की फर्म मेसर्स ओम शांति बिल्डर्स को दिया था तथा जिला विकास अभिकरण के सहायक अभियंता हरगोविन्द और अवर अभियंता अखिलेश कुमार ने पूरे निर्माण कार्य का मेजरमेंट विगत 14 मई 2009 को किया था। गौरतलब है कि 23 फरवरी 2011 को मुख्यमंत्री उ0प्र0 मायावती जी द्वारा कांशीराम आवास योजना का लावलश्कर के साथ शिलान्यास यह कहते हुये किया गया कि बंुदेलखंड में अब कोई गरीब सड़को पर नही सोयेगा। बीते 26 मई को मुख्य सचिव अनूप मिश्रा ने भी कांशीराम आवास योजना का मौके पर जाकर मुआयना किया और नजर आयी खामियों को संम्बंधित
अधिकारियों से दूर करने को कहा गया।
बताते चले कि डूडा विभाग के एपीओ पवन शर्मा और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शारदा यादव ने अपने परिवारिक रिश्तेदारो के साथ साथ जनपद के दबंग, सरकारी कर्मचारी , व्यापारी और कुछ तथाकथित पत्रकारों के साथ लाईसेस बंदूकधारी व्यक्तियों को भी बी0पी0एल लोगो के आवास आवंटित कर दिये। साथ ही जिन लोगो को बी.पी.एल कार्ड मे आवास दिये गये उनसे 30000 से 40000 तक की अवैध धन उगाही की गयी। इसके साथ ही इन आवासो में चालीस प्रतिशत एक जाति विशेष को भी आवास आंवटित किये गये। सामाजिक कार्यकर्ता एवं सूचनाधिकार एक्टिविस्ट आशीष सागर ने कई मर्तबा सम्बंधित अधिकारियों से इस बात की लिखित और मौखिक शिकायते की लेकिन वह सब नक्कारखाने में तूती ही बनकर रह गयी। इधर बीते 16.06.2011 को हरदौली घाट के आवासों में एक मंजिला इमारत के बिना आंधी पानी गिर जाने से कालीचरण 35 निवासी कोहारा बिसंडा और कंधी निवासी अमलाहट , अजयगढ़ अपने बच्चों समेत गंभीर रूप से घायल हो गये है साथ ही बीते दो दिनो से जनपद मे आवंटनो मे की गयी धांधली को लेकर कुछ गरीबो द्वारा आमरण अनशन शुरू कर दिया गया है। अनशन में बैठे लच्छू रैदास, सावित्री, सुनीता रैकवार , रामप्यारी, रामरती, सरोज तिवारी, सुमन वर्मा , लखन रैेकवार और तुलसी ने इस भ्रष्टाचार के खुलासे की मांग की है।
वहीं भारतीय यग मैन के संपादक बाल कृष्ण पांडेय , चित्रकूट टाइम्स के संपादक राजेश पांडेय सहित दैनिक जागरण के पूर्व ब्यूरो चीफ और वरिष्ठ पत्रकार बिनोद मिश्रा तक के नाम 2 से 3 कालौनियां आवंटित की गयी है। डूडा विभाग के शारदा यादव की पत्नी के नाम भी तीन कालौनियां आंवटित है यह तो भ्रष्टाचार में की गयी धांधली की एक नजीर बस है। जब कि एपीओ डूडा ने तीस दिवस बीत जाने के बाद भी जन सूचना अधिकार मे मांगी गयी जानकारी उपलब्ध नही करायी है जिसकी प्रथम अपील जिलाधिकारी बांदा को आशीष सागर ने की है। वैसे तो इस मुदद्े को लेकर तमाम राजनीतिक दलो में हलचल शुरू हो गयी है और हो भी क्यों नही आखिर प्रकरण बी0पी0एल0 वोट बैंक का है और बुन्देलखण्ड में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी का मिशन भी विधान सभा चुनाव 2012 को फतह करना है। भ्रष्टाचार के पाटे में तो पूरा देश ही जल रहा है लेकिन बुन्देलखण्ड की कमोवेश स्थिति और भी ज्यादा भी गम्भीर हो रही है। मसलन गरीब लोगो के आवास भी अब अमीरजादो की ऐशगाह बन गये है।

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