Provide rights to food in Bundelkhand
क्या आज भी आम आदमी को भोजन का अधिकार मिला है अगर हा तो फिर फुट पाथो पार भटकते ये कोन है ?
आज भी बुंदेलखंड के साथ उत्तर प्रदेश और भरत की १३ करोड़ जन संख्या दो जून की रोटियों की मोहताज है जबकि पार्लियामेंट में बैठे हमरे द्वारा ही चुने हुए जन प्रतिनिधि कदम दर कदम करोडपति हो रहे है ये एक सवालिया निसान है आजाद भारत पार जिसके कई प्रदेश आज भी बहुतेरे आफीरिकी देशो से बदहाल है !
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