महोबा में जारी पहाड़ो के खनन
बुंदेलखंड के बांदा और महोबा में जारी पहाड़ो के खनन से फैला चारो तरफ का प्रदूसन
उसके आलावा हजारो किसानो की उपजाऊ ज़मीनों का बंज़र होना , बल श्रमिको का बढ़ना , महिलाओ के साथ आये दिन हो रही
ज्यादती के खिलाफ ही एक दफा फिर एकजुट होकर यह के प्रमुख सामाजिक संगठनों ने साथ - साथ मिलकर आम जन आन्दोलन एवं क़ानूनी प्रक्रिया के चलते जनहित में आवाज उठाई है बीते दिनों आठ साल के बालक उतम प्रजापति पुत्र घासी राम के हुए हादसे के बाद तो एक सवाल ही उत खड़ा हो गया है की आखिर ये तबाही का मंज़र कब तक रहेगा ? उसकी अगुवाई में लगातार मीडिया और खबरों से प्रशासन को घेरा जा रहा है , बुंदेलखंड के और भी सामाजिक लोगो ,आम वर्गों के समर्थन से ही ये परमार्थ का काम हो सकेगा ताकि महोबा ,बांदा ,चित्रकूट में हो रही प्राकृतिक आपदाओ से निजात मिल सके उसी की अगली कड़ी में आगामी 24 तारीख को अंतर रास्ट्रीय जलवाऊ परिवर्तन दिवस को कई सामाजिक संगठनों को बुलावा भिजा जा रहा है ताकि जन आन्दोलन को और भी गति मिल सके आपके भी सहयोग की आशा है जिसे बुंदेलखंड को सूखा , जल संकट , पलायन , भुखमरी और बंजर होती ज़मीनों से मुक्ति मिल सके , सरकार के ही एक खनिज मंत्री का लाकहो रुपया भी इस तबाही के खेल में ठेकेदारों , बिचोलियों के माध्यम से लगा है वो कभी नहीं चाहेगे की ये हट सके पर हमें अपनी मात्र - भूमि को बचना होगा अपने और आने वाली नस्लों के लिए .......
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