www.bundelkhand.in
(Report) केन- बेतवा लिंक परियोजना - "विकाश की स्लेट पर विनाश की तस्वीर"
विकाश की स्लेट पर विनाश की तस्वीर
केन- बेतवा लिंक परियोजना
बुंदेलखंड के छतरपुर ,पन्ना,टीकमगण ,झाँसी जिले केलोगों की तक़दीर बदलने वाली ,बुंदेलखंड की महत्वपूर्ण केन -बेतवा लिंक परियोजना पर भी सवाल उठने लगे हें | अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल में जब देश की ३७ नदियों को आपस में जोडने का फैसला लिया गया ,उनमे से एक यह भी थी | देश की इन ३७ नदियों को आपस में जोडने पर ५लख ६० हजार करोड़ रु .व्यय होने का अनुमान लगाया गया था | |यह देश की वह परियोजना है जिसे सबसे पहले शुरू होना था | परियोजना के सर्वेक्षण कार्य पर ३० करोड़ रु ,व्यय किये गए हें | ६ हजार करोड़ की इस परियोजना का मुख्य बाँध पन्ना टाइगर रिजर्व के डोंदन गाँव में बनना है | बाँध वा नहरों के कारण सवा पांच हजार हेक्टेयर छेत्र नष्ट हो जाएगा ,छतरपुर जिले के दस गाँव डूब जायेंगे |
बुंदेलखंड के छतरपुर ,पन्ना,टीकमगण ,झाँसी जिले केलोगों की तक़दीर बदलने वाली ,बुंदेलखंड की महत्वपूर्ण केन -बेतवा लिंक परियोजना पर भी सवाल उठने लगे हें | अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल में जब देश की ३७ नदियों को आपस में जोडने का फैसला लिया गया ,उनमे से एक यह भी थी | देश की इन ३७ नदियों को आपस में जोडने पर ५लख ६० हजार करोड़ रु .व्यय होने का अनुमान लगाया गया था | |यह देश की वह परियोजना है जिसे सबसे पहले शुरू होना था | परियोजना के सर्वेक्षण कार्य पर ३० करोड़ रु ,व्यय किये गए हें | ६ हजार करोड़ की इस परियोजना का मुख्य बाँध पन्ना टाइगर रिजर्व के डोंदन गाँव में बनना है | बाँध वा नहरों के कारण सवा पांच हजार हेक्टेयर छेत्र नष्ट हो जाएगा ,छतरपुर जिले के दस गाँव डूब जायेंगे |
केन बेतवा लिंक परियोजना में चार बाँध बनाए जायेंगे | केन नदी पर डोंदन बाँध बनेगा |७७ मी.ऊँचा वा १९६३३ वर्ग कि.मी. जलग्रहण छमता वाले इस मुख्य बाँध में २८५३ एम्.सी.एम्.पानी भंडारण कि छमता होगी|२६१३.१९ करोड़ कि लागत वाले इस बाँध से दो बिजली घर बनेंगे जिससे ३६ में.वा. बिजली बनेगी |इन बिजली घर पर ३४१.५५ करोड़ कि राशि व्यय होगी |इस बाँध के कारण पन्ना टाइगर रिजर्व कि ५२५८ हेक्टेयर जमीन सहित कुल ९हजार जमीन डूब जाएगी | इस जमीन पर बसे सुकुवाहा ,भावर खुवा ,घुगारी ,वसोदा ,कुपी,शाहपुरा ,डोंदन ,पल्कोहा ,खरयानी,और मेनारी गाँव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा | बाँध से २७०८.३६ करोड़ कि लागत से नहरें बनाई जाएँगी | २१८ कि.मी.लम्बी मुख्य नहर उत्तर प्रदेश के बरुआ सागर में जाकर मिलेगी | इस नहर से १०७४ एम्.सी.एम्. पानी प्रति वर्ष भेजा जाएगा ,जिसमे से ६५९ एम्.सी.एम्. पानी बेतवा नदी में पहुंचेगा |
डोंदन बाँध के अलावा तीन और बाँध भी मध्य प्रदेश कि जमीन पर बेतवा नदी पर बनेंगे | रायसेन वा विदिशा जिले में बनने वाले मकोडिया बाँध से ५६८५० हेक्टेयर छेत्र में,बरारी बेराज से २५०० हे.वा केसरी बेराज से २८८० हे. छेत्र में सिचाई होगी | लिंक नहर से मार्गों में ६०२९४ हे. छेत्र सिंचित होगा ,इसमे मध्यप्रदेश के ४६५९९ हे. वा उत्तर प्रदेश के १३६९५ हे.छेत्र में सिचाई होगी | डोंदन बाँध से छतरपुर और पन्ना जिले कि ३.२३ लाख हे. जमीन सिंचित होगी
बाँध को पर्यावरण विद उचित नहीं मानते हें | इसे प्रकृति के के नियमों के विपरीत वा विनाशकारी मानते हुए डॉ.वंदना शिवा सेमिनारों में कह चुकी हें कि सरकार यह सब विदेशी कम्पनियों के इशारे पर बुंदेलखंड कि जेव विभिद्द्ता को नष्ट करने कि साजिश कर रही हे | सरकार पानी पर से जनता के बुनियादी अधिकार को ख़त्म करना चाहती हे | केन और बेतवा के पानी के निजीकरण की पहली सीडी है | इस परियोजना पर जितना पैसा लगाया जा रहा है यदि उसे गाँव का पानी गाँव में रोकने पर खर्च किया जाए तो बुंदेलखंड के हर गाँव में खुशहाली छा जायेगी |
अब यहाँ सरकार को यह बात समझ में शायद नहीं आती की ,या वह समझना नहीं चाहती की एक ओर पन्ना टाइगर रिजर्व हे , जिसको बचाए रखने का दावा सरकार करती रहती है | बाघों को बचाने के लिए सरकार ने खजाना खोल रखा है " दूसरी ओर वाही सरकार पार्क एरिया में बाँध बनाकर बाघों को भी विस्थापित करना चाहती है
Labels: http://ashish-gadha.blogspot.com
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home